सबसे हॉट सीटों में शूमार मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से प्रज्ञा ठाकुर ने अपना नामांकन वापस ले लिया है, लेकिन चौंकिए मत, ये बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नहीं है बल्कि निर्दलीय प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर है. इसी सीट पर उनकी हमनाम प्रज्ञा ठाकुर ने भी नामांकन भरा था. एक जैसे नाम की वजह से बीजेपी को इस बात की आशंका थी कि किसी गलतफहमी में मतदाता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की बजाय प्रज्ञा ठाकुर के नाम के आगे वाला बटन ना दबा दें. जिसे लेकर बातचीत के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल लोकसभा सीट से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के समर्थन में अपना नाम वापस ले लिया है.
भोपाल संसदीय सीट से बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के साथ-साथ बीजेपी को भी यहां उनकी हमनाम प्रज्ञा ठाकुर को लेकर टेंशन थी. एक जैसे ही नाम होने के चक्कर में बीजेपी को इस बात की आशंका थी कि मतदाता कहीं किसी गलतफहमी में आकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की बजाय प्रज्ञा ठाकुर के नाम के आगे वाला बटन ना दबा दें. इसी आशंका के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने खुद प्रज्ञा ठाकुर को मनाने के लिए अपने घर बुलाया था.
प्रज्ञा ठाकुर के साध्वी प्रज्ञा के घर पहुंचने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उनसे चुनाव ना लड़ने की अपील की. जिसे मानते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने चुनाव ना लड़ने का फैसला कर लिया. साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर इसके बाद प्रज्ञा ठाकुर के घर पहुंचकर उनका सम्मान करते हुए उन्हें भगवा शॉल भेंट किया. प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव ना लड़ने के फैसले के बाद अब बीजेपी और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने राहत की सांस ली है.
फिर भी चुनौती बरकरार
भले ही निर्दलीय प्रज्ञा ठाकुर ने अपना नामांकन वापस लेते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विरूद्ध चुनाव लड़ने का फैसला टाल दिया हो, लेकिन मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर दिए बयान से नाराज़ उनके जूनियर रहे रियाजुद्दीन भोपाल से साध्वी के सामने मैदान में हैं. रियाजुद्दीन मूल रूप से महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं. रियाजुद्दीन शहीद हेमंत करकरे को अपना गुरू मानते हैं और अकोला में उनके एसपी रहने के दौरान बतौर सब-इंस्पेक्टर उनके साथ काम कर चुके हैं. रियाजुद्दीन यहां साध्वी प्रज्ञा को चुनौती देने के लिए चुनावी दंगल में उतरे हैं. ऐसे में अब देखने वाली बात यह है कि भोपाल की जनता किसके सर ताज पहना कर दिल्ली भेजती है.