Politalks.News/RajasthanPolitics. REET पेपरलीक मामले को लेकर प्रदेश की राजनीति में आया भूचाल अभी थमा भी नहीं है कि लंबे इंतजार के बाद गहलोत सरकार (Gehlot Government) की ओर से की गई राजनीतिक नियुक्तियों (Political Appointment) को लेकर सियासत गरमा गई है. विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathod) ने राज्यपाल कलराज मिश्र को एक पत्र लिखकर प्रदेश में हुईं इन राजनीतिक नियुक्तियों पर ऐतराज जताया है. राठौड़ ने संविधान के अनुच्छेद 166 और 167 के तहत गहलोत सरकार द्वारा की गईं इन नियुक्तियों को अवैधानिक करार दिया है. वहीं राठौड़ द्वारा लिखे गए पत्र पर निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने राजेन्द्र राठौड़ पर उपनेता प्रतिपक्ष लिखे जाने को लेकर सवाल उठाया है. तो संयम लोढ़ा (Sanyam Lodha) के ट्वीट पर वापस राजेन्द्र राठौड़ ने जोरदार पलटवार किया और सलाह देते हुए कहा कि, ‘मित्र, आप संघर्ष करते रहे, कभी तो अंगूर मीठे होंगे क्योंकि आखिर कभी तो आपकी योग्यता का सम्मान होगा.’
दरअसल, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्यपाल कलराज मिश्र को लिखे 4 पेज के पत्र में आंध्र प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और मुंबई हाईकोर्ट के फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 166 और 167 के तहत गहलोत सरकार द्वारा की गई यह नियुक्तियां अवैधानिक हैं. राठौड़ ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वह मुख्यमंत्री को नियुक्तियां निरस्त करने के लिए निर्देशित करें.
राठौड़ ने कहा कि अगर कोई सांसद और विधायक किसी लाभ के पद पर आसीन पाया जाता है तो संसद या संबंधित विधानसभा में उसकी सदस्यता को अयोग्य करार दिया जा सकता है. केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार किसी भी विधायक की ओर सरकार में ऐसे लाभ के पद को हासिल नहीं किया जा सकता है. जिसमें सरकारी भत्ते या अन्य शक्तियां मिलती है. जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9(ए) में भी सांसदों व विधायकों को लाभ का पद धारण करने की मनाही है. बावजूद इसके प्रदेश की गहलोत सरकार ने 11 विधायकों को बोर्ड, आयोग में नियुक्ति दी है .
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यही नहीं बीजेपी के दिग्गज नेता राजेन्द्र राठौड़ ने आगे लिखा कि गहलोत सरकार द्वारा बीती 21 नवंबर को की गई मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति भी अवैधानिक थी. इसके बाद हाल में 11 विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति दी गई. राठौड़ ने कहा कि निर्वाचित जनप्रतिनिधि को लाभ के पद पर नियुक्त नहीं किया सकता, क्योंकि वह पहले से ही लाभ के पद पर चुनकर आए हुए हैं.
वहीं दूसरी ओर, राजेन्द्र राठौड़ द्वारा राज्यपाल को लिखे पत्र के ट्वीट पर रिट्वीट करते हुए निर्दलीय विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा कि, ‘प्रिय राजेन्द्र राठौड़ जी, आपने स्वयं के लिये उप नेता, प्रतिपक्ष #राजस्थान_विधानसभा लिखा हुआ है. क्या यह पद राजस्थान विधानसभा के किसी भी नियम में है? वहीं लोढ़ा ने आगे गहलोत सरकार द्वारा की गईं नियुक्तियों को लेकर लिखा कि कोर्ट का आदेश मंत्रियों की संख्या और ऑफ़िस ऑफ प्रोफ़िट के लिहाज़ से है, किसी भी विधायक को कोई लाभ नही दिया गया है.
प्रिय राजेन्द्र राठौड़ जी, आपने स्वयं के लिये उप नेता, प्रतिपक्ष #राजस्थान_विधानसभा लिखा हुआ है।
क्या यह पद राजस्थान विधानसभा के किसी भी नियम में है ?
कोर्ट का आदेश मंत्रियों की संख्या और ऑफ़िस ऑफ प्रोफ़िट के लिहाज़ से है, किसी भी विधायक को कोई लाभ नही दिया गया है। #BJPcries https://t.co/1d6KveyTTx
— Sanyam Lodha (@SanyamLodha66) February 12, 2022
बात यहीं नहीं रुकी, संयम लोढ़ा के ट्वीट पर जोरदार पलटवार करटे हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने रिट्वीट कर कहा कि, ‘सलाहकार महोदय जी, आपको मेरी ओर से सलाह है कि एक बार आप जैसे योग्य व्यक्ति को टिकट से वंचित रखने वाली कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी से पूछ लेना कि चौदहवीं विधानसभा में जब कांग्रेस के मिनी बस सवारी जितने मात्र 21 MLA थे, तब वर्तमान सरकार में मंत्री रमेश मीणा जी को उपनेता प्रतिपक्ष क्यों बनाया?
सलाहकार महोदय जी, आपको मेरी सलाह है कि आप जैसे योग्य व्यक्ति को टिकट से वंचित रखने वाली कांग्रेस पार्टी के CM @ashokgehlot51 जी से पूछना कि 14वीं विधानसभा में जब कांग्रेस के मिनी बस सवारी जितने 21 MLA थे, तब वर्तमान सरकार में मंत्री रमेश मीणा जी को उपनेता प्रतिपक्ष क्यों बनाया ? https://t.co/XtmJTU0hhr
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) February 12, 2022
बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने आगे कहा कि, ‘आपको हर बार कांग्रेस पार्टी अयोग्य मानते हुए टिकट से महरूम रखती है लेकिन आप सदैव ”अंगूर खट्टे हैं” की तर्ज पर टिकट नहीं मिलने के बाद भी अपने दर्द को दबाकर कांग्रेस पार्टी के स्वघोषित प्रवक्ता की भूमिका में आ जाते हैं. मित्र, आप संघर्ष करते रहे, कभी तो अंगूर मीठे होंगे क्योंकि आखिर कभी तो आपकी योग्यता का सम्मान होगा.