रोचक रहा मा0 भंवरलाल मेघवाल का सियासी सफर, 10 में से 5 बार जीते चुनाव, दिग्गजों ने दी संवेदना

राजस्थान के दिग्गज दलित नेता के रूप में 41 साल से राजनीति में थे सक्रिय, सरकारी नौकरी छोड़ आए राजनीति में, प्रदेश में आज एक दिन का राजकीय शोक, पीएम मोदी-सीएम गहलोत-पायलट समेत तमाम दिग्गजों ने किया शोक प्रकट

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Politalks.News/Rajasthan/#BhanwarLalMeghwal. गहलोत सरकार में केबिनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का सोमवार शाम गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. वे पिछले सात महीने से वेंटिलेटर पर थे. 72 साल के मास्टर भंवरलाल मेघवाल राजस्थान के दिग्गज दलित नेता माने जाते थे. मेघवाल पिछले करीब 41 साल से राजनीति में सक्रिय थे. कांग्रेस के दिग्गज दलित नेता के रुप में उनकी पहचान थी. मास्टर भंवरलाल मेघवाल के साथ राजनीति में एक अजब संयोग जुड़ा हुआ था, वो यह है कि वे एक विधानसभा चुनाव हारते थे और इसके बाद अगला जीतते थे. सुजानगढ़ से विधायक रहे मेघवाल गहलोत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं आपदा राहत प्रबंधन विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे. एक सरकारी अध्यापक से प्रदेश के मंत्री बनने तक का उनका राजनीतिक सफर काफी मायनों में रोचक रहा.

प्रारम्भिक जीवन मे बतौर शिक्षक स्कूल में पढ़ाया

भंवरलाल मेघवाल का जन्म सुजानगढ़ तहसील के गांव बाघसरा पूर्वी में 2 जुलाई 1948 को हुआ. उनके पिता का नाम चुनीराम मेघवाल, माता का नाम रूक्मणी देवी था. मेघवाल की प्रारंभिक शिक्षा निकटवर्ती गांव खिंचीवाल के स्कूल से हुई. हायर सेकेंडरी तक पढ़ने के बाद 1968 में शिक्षक बने और उसके बाद एसटीसी भी कर ली. 1970 से 1977 तक 7 साल उन्होंने सुजानगढ़ के नया बास स्थित राजकीय झंवर स्कूल में अध्यापन का कार्य किया. इसी दौरान वे मास्टर भंवरलाल मेघवाल के नाम से प्रसद्धि हुए.

सरकारी नौकरी छोड़कर लड़ा पहला चुनाव, जिसमें मिली हार

भंवरलाल मेघवाल पहले सरकारी टीचर हुआ करते थे. सुजानगढ़ के राजकीय झंवर स्कूल में बतौर शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) नौकरी की शुरुआत की. काफी सालों तक टीचर रहे. इसीलिए इनकी पहचान मास्टर भंवरलाल के नाम से भी थी. वर्ष 1977 में शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देकर भंवरलाल मेघवाल ने इसी साल विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाया. मेघवाल पहली बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े. लेकिन उनको हार का मुंह देखना पड़ा.

1980 के चुनाव में उनको टिकट नहीं मिला, लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़कर विजयी हुए. जिसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गये और उसके बाद राजनीति में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उसके बाद मेघवाल के साथ चुनावी हार-जीत लगी रही. सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र से मेघवाल 1980, 1990, 1998, 2008, 2018 में विधायक चुने गये. मेघवाल राजस्थान सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री, शिक्षा मंत्री भी रहे. कारागार विभाग, पंचायती राज विभाग और इंदिरा गांधी नहर मंत्री के तौर पर भी राजस्थान सरकार में उन्होंने काम किया.

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पांच बार जीते-पांच बार हारे, पिछली गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री पद छोड़ना पड़ा

चुरु जिले के सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र से मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने 10 बार चुनाव लड़ा. इनमें वे पांच चुनाव जीते और पांच चुनाव हार गए. पिछली बार अशोक गहलोत की सरकार में कर्मचारियों व तबादलों पर राजनीतिक बयानों की वजह से चर्चित रहे भंवरलाल मेघवाल शिक्षा मंत्री पद का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे.

13 मई की रात को तबियत बिगड़ने पर भर्ती कराया गया मास्टर भंवरलाल

जयपुर में 13 मई की रात को मास्टर भंवरलाल मेघवाल अपने निजी आवास पर थे. इस दौरान वे चक्कर खाकर गिर पड़े. उनकी बेटी बनारसी व अन्य परिजनों ने तत्काल मास्टर भंवरलाल को मानसरोवर में साकेत अस्पताल पहुंचाया, वहां चैकअप के बाद भंवरलाल को एसएमएस अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया. प्रारंभिक जानकारी में सामने आया था कि मास्टर भंवरलाल ब्रेन हेमरेज होने से शरीर के दाहिने हिस्से में पैरालिसिस अटैक आया है. यहां मेघवाल के उपचार के लिए 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित की गई है. इसके बाद एयर एंबुलेंस से मेघवाल को मेदांता अस्पताल भेजा गया. तब से वह वेंटिलेटर पर उपचाराधीन थे. इस बीच 29 अक्टूबर को मास्टर भंवरलाल की बेटी बनारसी देवी का निधन हो गया.

राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर, दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन के चलते 17 नवंबर को प्रदेश में राजकीय अवकाश घोषित किया गया है. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. इससे कुछ दिन पहले ही उनकी पुत्री बनारसी मेघवाल का भी निधन हुआ था. वहीं, मेघवाल के निधन के बाद सियासी जगत में शोक की लहर दौड़ गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत तमाम दिग्गजों ने दिवंगत नेता को यादकर शोक प्रकट किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘राजस्थान के कैबिनेट मंत्री, मास्टर भंवरलाल मेघवाल जी के निधन से दुखी हूं. वह एक अनुभवी नेता थे, जो राजस्थान की सेवा करने के बारे में भावुक थे. दुख की इस घड़ी में, उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना.’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेघवाल के पुत्र मनोज मेघवाल को फोन कर संवेदना जताई है. साथ ही, गहलोत ने ट्वीट कर लिखा, ‘लम्बी बीमारी के बाद अपने मंत्री सहयोगी भंवर लाल मेघवाल जी के निधन पर गहरा दुख हुआ. हम 1980 से एक साथ हैं. इस सबसे कठिन समय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना, ईश्वर उन्हें शक्ति दें.’

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने गहरी संवेदना जताई हैं, पायलट ने कहा कि, ‘ राज मंत्री श्री मेघवाल के निधन की दुखद खबर से स्तब्ध हूं, “मास्टर जी” कहे जाने वाले मेघवाल सन 1977 से चुनाव लड़ रहे थे और कांग्रेस के एक मजबूत दलित चेहरा थे, श्री मेघवाल ने 5 साल तक पीसीसी में मेरे साथ उपाध्यक्ष के रूप में पूरे सम्मान के साथ काम किया और 2018 में हमारी सरकार की वापसी के लिए उनके साथ मिलकर काम किया.’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर लिखा, ‘राजस्थान के कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल जी के दुःखद निधन की वजह से कल 17 नवंबर को राजकीय शोक घोषित किया गया है और इसी वजह से कल बिड़ला ऑडिटोरियम में 11.30 बजे आयोजित कार्यक्रम स्थगित किया गया है.’

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. डॉक्टर जोशी ने कहां है कि मास्टर भंवर लाल कुशल जनप्रतिनिधि व कुशल प्रशासक थे. स्वर्गीय मेघवाल ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों का दायित्व ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से पूरा किया. उनके निधन से प्रदेश को अपूरणीय क्षति हुई है. विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर जोशी ने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना की है.

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. डॉ शर्मा ने अपने शोक संदेश में कहा कि लोकप्रिय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता स्व मेघवाल ने आजीवन पिछड़े और शोषित की सेवा की. उन्होंने सदैव मूल्यों की राजनीति की और राजनीति के उच्च आदर्श स्थापित किए.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्विटर पर लिखा, ‘राज्य की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है. राज्य की राजनीति में एक युग का अवसान है. वे राज्य के वंचितों के लिए संबल और स्वाभिमान के प्रतीक थे. मेरे प्रति उनका स्नेह अद्भुत था. भंवरलाल मेघवाल हमेशा हौसला अफजाई करते थे, वे हमेशा स्मृतियों में रहेंगे. इसके अलावा अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने भी शोक जताया है.’

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