विजयाराजे सिंधिया की 100वीं जयंती: पीएम मोदी बोले ‘राजमाता के लिए जनसेवा थी अहम’

राजमाता सिंधिया की 100वीं जयंती पर अनावरण किया 100 रुपए का सिक्का, देश की जनता को किया समर्पित, राजमाता की चिट्ठी का किया जिक्र जिसमें थी सीना तानकर जीवन जीने की प्रेरणा

Pm Modi Launches 100 Rupee Coin On Vijayraje Scindia 100th Jyanti
Pm Modi Launches 100 Rupee Coin On Vijayraje Scindia 100th Jyanti

Politalks.News/Delhi. राजमाता विजयाराजे सिंधिया की आज 100वीं जयंती है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजमाता सिंधिया की 100वीं जयंती पर 100 रुपए के विशेष सिक्के का अनावरण किया. नई दिल्ली में एक वर्चुअल समारोह के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस सिक्के को देश को समर्पित किया और कहा कि राजमाता सिंधिया ने अपना जीवन गरीब लोगों के लिए समर्पित कर दिया. वे सिर्फ एक पुत्र की मां नहीं बल्कि सभी की मां हैं. पीएम मोदी ने कहा कि जनसेवा के लिए और राजकीय दायित्व के लिए किसी खास परिवार में जन्म लेना ही जरूरी नहीं. राजमाता सिंधिया ने साबित किया कि जन प्रतिनिधियों के लिए ‘राजसत्ता’ नहीं बल्कि ‘जनसेवा’ महत्वपूर्ण है.

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पीएम मोदी देश को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था. देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया. पीएम ने कहा कि राजमाता एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थीं. साधना, उपासना, भक्ति उनके मन में रची बसी थी. जब वो भगवान की उपासना करती थीं, तो उनके पूजा मंदिर में एक चित्र भारत माता का भी होता था. भारत माता की भी उपासना उनके लिए वैसी ही आस्था का विषय था.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एकता यात्रा के समय विजया राजे सिंधिया ने मेरा परिचय गुजरात के युवा नेता ‘नरेंद्र मोदी’ के तौर पर कराया था. इतने वर्षों बाद आज उनका वही ‘नरेंद्र’ देश का प्रधान सेवक बनकर उनकी अनेक स्मृतियों के साथ आपके सामने है. पीएम ने कहा कि हममें से कई लोगों को उनसे बहुत करीब से जुड़ने का, उनकी सेवा, उनके वात्सल्य को अनुभव करने का सौभाग्य मिला है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विवाह से पहले राजमाता का संबंध किसी राज परिवार से नहीं था बल्कि वे एक सामान्य परिवार से थीं. विवाह के बाद उन्होंने सबको अपना भी बनाया और जनसेवा का संदेश भी दिया. उन्होंने सभी को ये पाठ पढ़ाया कि जनसेवा के लिए, राजकीय दायित्व के लिए किसी खास परिवार में जन्म लेना ही जरूरी नहीं. राजमाता ने सामान्य मानवी के साथ, गांव-गरीब के साथ जुड़कर जीवन जिया, उनके लिए जीवन समर्पित किया.

पीएम मोदी ने कहा कि हम राजमाता के जीवन के हर पहलू से हर पल बहुत कुछ सीख सकते हैं. वो छोटे से छोटे साथियों को उनके नाम से जानती थीं. सामाजिक जीवन में अगर आप हैं तो सामान्य से सामान्य कार्यकर्ता के प्रति ये भाव हम सभी के अंदर होना चाहिए.

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देश को संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राजमाता की एक चिट्ठी का भी जिक्र किया. आपातकाल के दौरान तिहाड़ जेल से राजमाता ने अपनी बेटियों को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने चिट्ठी में जो लिखा था, उसमें बहुत बड़ी सीख थी. चिट्ठी में लिखा था, ‘अपनी भावी पीढ़ियों को सीना तान कर जीने की प्रेरणा मिले. इस उद्देश्य से हमें आज की विपदा को धैर्य के साथ झेलना चहिए. कोई भी साधारण व्यक्ति जिसके अंदर योग्यता है, प्रतिभा है, देश सेवा की भावना है, वो इस लोकतंत्र में भी सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है. राजमाता ने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड जेल में बिताया, आपातकाल के दौरान उन्होंने जो-जो सहा उसके साक्षी हममें से बहुत से लोग हैं.’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है. गांव, गरीब, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, महिलाएं आज देश की पहली प्राथमिकता में हैं.

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