RajasthanPoliticsCrisis. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच लम्बे समय से जारी अदावत अब किसी से छिपी नहीं है. दोनों के दिलों में बसी कडवाहट सीएम गहलोत के बयान के बाद अब खुलकर सामने आ गई है. अपनी नेचर के विपरीत NDTV को दिए इंटरव्यू में सीएम गहलोत द्वारा पायलट के खिलाफ उगले गए लावे को लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी स्तब्ध हैं. इसी बीच रविवार को इंदौर में भारत जोड़ो यात्रा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कम्युनिकेशन सेल के चीफ जयराम रमेश ने गहलोत-पायलट विवाद पर बयान देते हुए दोनों के बीच मतभेद की बात को एक बार फिर स्वीकार किया है, यही नहीं जयराम रमेश ने यह भी माना कि सीएम गहलोत जैसे अनुभवी और परिपक्व नेता को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था. ऐसे में गहलोत के इस जलालत भरे बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और आलाकमान के मन में सचिन पायलट के प्रति हमदर्दी साफ तौर पर झलक रही है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बारे में आगे बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गहलोत हमारी पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं जबकि सचिन पायलट हमारी पार्टी के युवा, लोकप्रिय एवं ऊर्जावान नेता हैं. दोनों की ही हमारी पार्टी को जरूरत है. कुछ मतभेद हैं लेकिन जो शब्द मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से इस्तेमाल किए गए, वे अप्रत्याशित थे. मुख्यमंत्री को कुछ शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था. जयराम रमेश ने स्वीकारा कि जिस तरह के शब्दों का सीएम गहलोत ने इस्तेमाल किया, उससे मुझे भी आश्चर्य हुआ.
वहीं सीएम गहलोत और पायलट के बीच जारी सत्ता की अदावत के बीच इंदौर में पत्रकारों से बात करते हुए जयराम रमेश ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को पूरी तरजीह दी और कहा कि राजस्थान का हर नेता और कार्यकर्ता चाहता है कि राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा सफल हो. बयानबाजी तो चलती रहती है. यहां जयराम रमेश के इस बयान के बाद ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम गहलोत और पायलट को अब भारत जोड़ो यात्रा के जरिए करीब लाने की कोशिश हो सकती है. साथ ही साथ जयराम रमेश ने इस बात के स्पष्ट तौर पर संकेत भी दे दिए हैं कि पायलट के भविष्य पर फैसला लेने में अभी वक्त लग सकता है.
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राजस्थान पर फैसला करने की समय सीमा के सवाल पर जयराम रमेश ने कहा कि राजस्थान के बारे में कोई समय सीमा तय नहीं कर सकता हूं. यह फैसला कांग्रेस नेतृत्व तय करेगा. जयराम ने कहा कि मैं सिद्धांत बता सकता हूं. आगे सचिन पायलट के पक्ष में बयान देते हुए जयराम ने कहा कि वही चुना जाएगा, जो कांग्रेस संगठन को मजबूत करे, इसके लिए अगर कठोर निर्णय लेने हैं तो लिए जाएंगे. अगर समझौता करवाना है तो करवाया जाएगा. जयराम ने आगे कहा कि हमें दोनों की ही जरूरत है. एक तरफ एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. जो राज्य और केंद्र के स्तर पर कई पदों पर रह चुके हैं. दूसरी तरफ युवा, लोकप्रिय, सक्रिय और नौजवान नेता है.
जयराम रमेश ने आगे कहा कि व्यक्ति का महत्व नहीं है, व्यक्ति आते जाते रहते हैं. वरिष्ठ नेता हैं, युवा नेता हैं, बुजुर्ग नेता हैं, इससे कुछ नहीं लेकिन संगठन सबसे ऊपर है. संगठन को जो मजबूत करेगा, नेतृत्व की ओर से वही हल निकाला जाएगा. जयराम रमेश ने कहा कि राजस्थान के मामले में जो कुछ हल निकाला जाएगा, उस पर नेतृत्व के स्तर पर विचार हो रहा है. जो आगे का रास्ता होगा, संगठन को ध्यान में रखकर होगा.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के इस तरह के बयान ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सचिन को राजस्थान की सत्ता सौंपने की जगह पायलट और गहलोत में सुलह कराने पर आलाकमान का ध्यान अधिक है. साथ ही साथ भविष्य में कुछ कठोर फैसले लेने पड़ सकते हैं, जिसमें से सीएम गहलोत और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पायलट को अपने अपने भविष्य के सपनों में से कुछ से समझौता करना पड़ सकता है. ये भी देखने की बात है कि भविष्य के गर्भ में जो भी फैसला लिया जाना है, उसका रास्ता भारत जोड़ो यात्रा से होकर निकलने वाला है. ऐसे में सचिन पायलट और उनके समर्थकों को भी कुछ महीनों का इंतजार करना पड़ सकता है.