Rajasthan Politics. राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था आमजन के लिए सबसे बड़ी समस्या तो विपक्षी दलों के लिए सबसे बड़ा चुनावी हथियार बन गई है. प्रदेश में लगातार बढ़ती हिंसा और लचर कानून व्यवस्था ने अपराधियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं. हाल ही में उदयपुर संभाग के राजसमन्द जिले के देवगढ़ में बीते रविवार देर रात पुजारी दंपति को जिंदा जलाने की दिल दहला देने वाली घटना इस बात का जीता जागता उदाहरण है. इस हमले के बाद उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पाताल में भर्ती पुजारी का पिछले 6 दिन से उपचार चल रहा था लेकिन आज उनकी मौत हो गई. अब इस मामले पर सियासत शुरू हो गई है. पुजारी दंपति के पुत्र ने जहां कांग्रेस विधायक सुर्दशन सिंह पर इस मामले को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. तो वहीं भाजपा के दिग्गज नेता एवं राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘अशोक गहलोत जी आखिर पुजारियों पर अत्याचार कब तक करवाते रहोगे?’ वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है.
घटना की जानकारी देते हुए पुजारी के बेटे मुकेश कुमार प्रजापत ने बताया कि ‘देवगढ़ में हमारी एक दुकान है जिसे रविवार रात को बन्द किया था और दुकान के पीछे ही हम खाना बनाते हैं और वहीं खाते हैं. नवरत्न लाल और मां जमना देवी खाना खा रहे थे. अचानक दुकान का शटर ऊंचा कर कुछ लोग अंदर घुसे और मुझे पकड़कर बाहर लेकर गए और रस्सी से बांध दिया. वहां करीब 15-20 लोग थे जिनके हाथ में धारदार हथियार और बोतल में पेट्रोल था. उन्होंने मां और पिता पर पेट्रोल फेंक दिया. जिसके बाद पिता जलती हुई हालात में बाहर आया, लेकिन पिताजी के चिल्लाने के बाद भी कोई उन्हें बचाने के लिए नहीं आया. फिर मैंने रस्सी तोड़ी और पानी उनके ऊपर डाला. मां के भी हाथ और पैर जल चुके थे. फिर कुछ लोग मदद के लिए आए और उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया गया.’
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मुकेश प्रजापत ने कहा कि, ‘षड्यंत्र के तहत यह हत्या की गई है. इस घटना के पीछे सरपंच का पति हरदेव भाट और कांग्रेस विधायक सुर्दशन सिंह सहित अन्य है. विधायक मामले से जुड़े हैं जिससे उनकी भी जांच की जाए. मुकेश ने आगे बताया कि मंदिर में हम पीढ़ियों से पूजा करते आ रहे हैं. सरपंच और विधायक मीटिंग कर पिता की जगह अन्य पुजारी को रख लिया था जिससे पिता पिछले एक माह से मंदिर नहीं जा रहे थे. इसके बाद भी उन्होंने ऐसी घटना को अंजाम दिया. सरपंच और विधायक मंदिर की जमीन पर दुकानें बनाना चाहते हैं, पिता ने इसका विरोध किया था इसी कारण ऐसा किया गया.’ वहीं इस दर्दनाक घटना के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है. बीजेपी नेताओं ने इस घटना को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
बीजेपी के दिग्गज नेता एवं राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘दबंगों के पेट्रोल बम ने देवगढ़ पुजारी नवरत्न लाल जी की बलि ले ली. गृहमंत्री श्री अशोक जी आखिर पुजारियों पर अत्याचार कब तक करवाते रहोगे? शम्भु पुजारी को न्याय दिलाने के लिए मुखिया जी आपके आवास पर धरना दिया था. मंदिर माफी की जमीन पर कड़ा कानून बनाने के लिए आपसे अनेक बार अनुरोध किया मुख्यमंत्री जी मंदिर माफी की जमीन पर भूमाफिया लगातार टारगेट कर रहे हैं. कितने पुजारियों के प्राण लेने के बाद आप नींद से जागेंगे?’ इस पहले सांसद किरोड़ी ने 22 नवंबर को महाराणा भोपाल चिकित्सालय पहुंच पुजारी दम्पति की कुशल क्षेम जानी थी. वहीं राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.
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उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘बदमाशों द्वारा राजसमंद में 6 दिन पहले पेट्रोल बम से जलाए गए पुजारी नवरत्नलाल की इलाज के दौरान मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंदू विरोधी कांग्रेस सरकार के राज में अपराधी बेखौफ होकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और सरकार प्रदेश में आए दिन हो रही इन घटनाओं पर मूकदर्शक बनी हुई है. पुजारी के पुत्र की शिकायत पर अगर समय रहते पुलिस प्रशासन उचित कार्रवाई करता, तो शायद यह घटना घटित नहीं होती. यह घटना प्रदेश की लचर कानून-व्यवस्था की हकीकत स्वयं ही बयां कर रही है.’