Politalks.News/Rajnath. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने संसद में पाकिस्तान (Pakistan) पर अनजाने में फायर हुई मिसाइल (Missile misfire) पर अपना पक्ष रखा. राजनाथ सिंह ने कहा कि, ‘हम अपने आर्टिलरी सिस्टम को हाई लेवल सिक्योरिटी देते हैं. अगर इसमें कोई कमी मिलती है तो उसे तुरंत दूर किया जाएगा. मैं आश्वस्त करता हूं कि हमारा मिसाइल सिस्टम विश्वसनीय और सुरक्षित है. पाकिस्तान बात का बतंगड़ बनाने की कोशिशें में जुटा है जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ रही है’. दरअसल भारतीय सेना की बिना हथियारों वाली यह मिसाइल 9 मार्च को पाकिस्तान में 261 किलोमीटर अंदर बसे शहर चन्नू मियां के पास जा गिरी थी. चूंकि इसमें हथियार नहीं थे, इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ था. इस मामले को लेकर पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने धमकी दी है. विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि, पाकिस्तान को डर लग रहा है कि कहीं भारत भी तो रूस की राह पर तो नहीं चल रहा है, कहीं यूक्रेन की तरह भारत भी पाकिस्तान या POK में कोई सैन्य अभियान तो नहीं छेड़ रहा है.
दुर्घटनावश एक मिसाइल हो गई थी रिलीज- राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपना बयान पढ़ते हुए कहा कि, ‘आदरणीय सभापति महोदय, मैं इस गरिमामयी सदन को 9 मार्च, 2022 को हुई एक घटना से अवगत कराना चाहता हूं. यह घटना इंस्ट्रक्शन के दौरान अनजाने में हुई मिसाइल की रिलीज से संबंधित है. मिसाइल यूनिट के रूटीन मेंटनेंस और इंस्ट्रक्शन के दौरान शाम को लगभग 7 बजे दुर्घटनावश एक मिसाइल रिलीज (one missile got accidentally released) हो गई. बाद में ज्ञात हुआ कि यह मिसाइल पाकिस्तान के क्षेत्र में गिरी. यह घटना खेदजनक है परंतु यह राहत की बात है कि इस दुर्घटना से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है’
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‘हमारा मिसाइल सिस्टम अत्यंत सुरक्षित और भरोसेमंद’
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि, ‘सभापति महोदय, मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि सरकार ने इस घटना को बहुत ही गंभीरता पूर्वक लिया है और इसके लिए एक औपचारिक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. कथित दुर्घटना का सटीक कारण जांच के बाद ही पता चल पाएगा. मैं यह भी कहना चाहूंगा कि इस घटना के संदर्भ में ऑपरेशंस, मेंटनेंस तथा इंस्ट्रक्शन के लिए एसओपी की समीक्षा भी का जा रही है. हम अपने वेपन सिस्टम की सेफ्टी और सिक्यॉरिटी को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं. इस संबंध में यदि किसी प्रकार भी खामी पाई जाती है, उसे तुरंत दूर किया जाएगा. मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारा मिसाइल सिस्टम अत्यंत सुरक्षित और भरोसेमंद है. इसके अलावा, हमारे सेफ्टी प्रॉसिजर और प्रॉटोकॉल उच्च स्तरीय है और समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जाती है. हमारे आर्म्ड फोर्सेज काफी अभ्यस्त और अनुशासित हैं और इस प्रकार के सिस्टम को हैंडल करने का अच्छा अनुभव भी रखते हैं’.
‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश जारी’
भारत ने इस मामले में अपनी गलती मानते हुए हाईलेवल कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के ऑर्डर जारी कर दिए थे. पाकिस्तान के एक जर्नलिस्ट मोहम्मद इब्राहिम काजी ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि भारत से छोड़ी गई मिसाइल का नाम ब्रह्मोस है. इसकी रेंज 290 किलोमीटर है. इंडियन एयरफोर्स इसका स्टॉक राजस्थान के श्रीगंगानगर में रखती है. हालांकि, पाकिस्तानी फौज का दावा है कि यह मिसाइल हरियाणा के सिरसा से दागी गई.
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पाकिस्तान एयरफोर्स के डिप्टी चीफ और दो मार्शल बर्खास्त
भारत की ओर से लॉन्च मिसाइल ट्रैक न कर पाने पर पाकिस्तानी एयरफोर्स के 3 अफसरों को नौकरी से हटा दिया गया है, इनमें डिप्टी चीफ और दो एयर मार्शल शामिल हैं. हालांकि इस घटना के बाद पाकिस्तान में डर बैठ गया है कि भारत रूस के नक्शेकदम पर न चल पड़े. यह अंदेशा भारत में पाकिस्तान के एम्बेसडर रह चुके डॉ. अब्दुल बासित ने जताया है.
पाकिस्तान PM इमरान ने दी गीदड़ भभकी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 9 मार्च को भारत की तरफ से गलती से चली मिसाइल का मामला उठाते हुए एक तरह से धमकी दी है. रविवार को एक भाषण में खान ने कहा कि, ‘आप सब जानते हैं कि 9 मार्च को क्या हुआ? भारत की तरफ से हमारे देश पर एक मिसाइल दागी गई. हम चाहते तो उसी वक्त इसका जवाब दे सकते थे, लेकिन हमने होश से काम लिया. उधर, अमेरिका ने भी कहा है कि भारत से मिसाइल दागा जाना महज एक हादसा है. इसके अलावा कोई संकेत नहीं हैं’.
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पाकिस्तान के NSA मोईद युसूफ ने उठाए थे सवाल
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने भारत सरकार की सेंसिटिव टेक्नोलॉजी संभालने की क्षमता पर सवाल उठाए है. एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा कि, ‘दिल्ली को यह कबूल करने में दो दिन से ज्यादा वक्त लगा था कि यह उनकी मिसाइल थी, जो गलती से फायर हो गई. इस हादसे से भारत की सेंसिटिव टेक्नोलॉजी संभालने की काबिलियत पर सवाल खड़े होते हैं’.