गांधी परिवार को तुरंत छोड़ देनी चाहिए लीडरशिप, CWC के बाहर भी है एक कांग्रेस- कपिल सिब्बल

यह सही समय है जब गांधी परिवार से कांग्रेस की लीडरशिप से हट जाना चाहिए और नेतृत्व की भूमिका के लिए और किसी अन्य व्यक्ति को मौका देना चाहिए, आज कम से कम मुझे 'सब की कांग्रेस' चाहिए, जबकि कुछ अन्य लोग चाहते हैं 'घर की कांग्रेस'- कपिल सिब्बल

सिब्बल के निशाने पर गांधी परिवार!
सिब्बल के निशाने पर गांधी परिवार!

Politalks.News/Congress/Sibbal. देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस (Congress) को मिली करारी हार के बाद रविवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में सभी नेताओं ने भले ही सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में अपना विश्वास दिखाया हो, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे G-23 ग्रुप के नेताओं में शामिल वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने गांधी परिवार (Gandhi Family) को पार्टी के नेतृत्व से अलग होने की सलाह दी है. सिब्बल ने कहा कि यह सही समय है जब गांधी परिवार से कांग्रेस की लीडरशिप से हट जाना चाहिए और नेतृत्व की भूमिका के लिए और किसी अन्य व्यक्ति को मौका देना चाहिए.

घर की नहीं बल्कि मुझे सब की कांग्रेस चाहिए- सिब्बल
पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि, ‘उनके अनुसार सीडब्ल्यूसी भारत में कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करती है लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह सही है. देश भर में बहुत सारे कांग्रेसी हैं… केरल से, असम से, जम्मू-कश्मीर से, महाराष्ट्र से, उत्तर प्रदेश से, गुजरात से, जो इस तरह की राय नहीं रखते हैं, मैं दूसरों की ओर से बात नहीं कर सकता. यह मेरा निजी विचार है कि आज कम से कम मुझे ‘सब की कांग्रेस’ चाहिए, जबकि कुछ अन्य लोग ‘घर की कांग्रेस’ चाहते हैं. मैं निश्चित रूप से ‘घर की कांग्रेस’ नहीं चाहता, और मैं अपनी आखिरी सांस तक ‘सब की कांग्रेस’ के लिए लड़ूंगा.’

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‘सीडब्ल्यूसी के बाहर भी एक कांग्रेस है… कृपया उनके विचारों को भी सुनें’
कांग्रेस कार्यसमिति पर सवाल उठाते हुवे कपिल सिब्बल ने कहा कि वह न तो विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार से हैरान हैं और न ही सीडब्ल्यूसी के सोनिया गांधी के नेतृत्व में विश्वास दिखाने के फैसले से. सिब्बल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी के बाहर बड़ी संख्या में नेताओं का दृष्टिकोण पूरी तरह से अलग है. कपिल सिब्बल ने कहा कि, ‘सीडब्ल्यूसी के बाहर एक कांग्रेस है… कृपया उनके विचारों को भी सुनें. अगर आप चाहें तो… हमारे जैसे बहुत से नेता जो सीडब्ल्यूसी में नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस में एक पूरी तरह से अलग दृष्टिकोण है, क्या आपको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हम सीडब्ल्यूसी में नहीं हैं?’

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इसके साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा बजट सत्र के बाद एक ‘चिंतन शिविर‘ आयोजित करने के फैसले की भी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आलोचना की है. सिब्बल ने कहा कि, ‘नेतृत्व “कुकू लैंड” में रह रहा है, अगर उसे आठ साल बाद भी पार्टी के पतन के कारणों के बारे में पता नहीं है. आपको बता दें, G-23 ग्रुप के नेताओं ने 2020 में सोनिया गांधी को पार्टी में बड़े बदलावों की मांग की थी. सिब्बल कांग्रेस के पहले वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने मांग की है कि गांधी परिवार एक नए नेता के लिए रास्ता बनाए. सिब्बल ने कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से दूर जाना चाहिए, क्योंकि उनकी ओर से नामित बॉडी उन्हें कभी नहीं बताएगी कि उन्हें सत्ता की बागडोर जारी नहीं रखनी चाहिए.

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