CWC बन गया यस मैन का ग्रुप, जिसमें नहीं होती कोई चर्चा, आलाकमान है अहंकार के नशे में चूर- दीक्षित

पांच राज्यों में शर्मनाक हार के बाद निशाने पर आलाकमान, सिब्बल के बाद अब संदीप दीक्षित ने उठाए सवाल, बोले- 'आज कांग्रेस पार्टी किसी मामले पर नहीं है गंभीर, कोई जवाबदेही लेने के लिए नहीं है तैयार, गांधी परिवार समेत 90 फीसदी प्रभारियों को दिखा देना चाहिए बाहर का रास्ता'

CWC में होता है सिर्फ और सिर्फ दिखावा
CWC में होता है सिर्फ और सिर्फ दिखावा

Politalks.News/Congress. हाल ही में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस (Congress) आलाकमान की नींद उड़ा दी है. उत्तरप्रदेश सहित अन्य 4 राज्यों में जहां कांग्रेस विपक्षी दल के रूप में चुनाव में उतरी थी तो वहीं पंजाब में सत्ताधारी पार्टी होने के बावजूद भी वो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. पंजाब में चली आम आदमी पार्टी की आंधी ने कांग्रेस सहित अन्य दलों के दिग्गजों को धराशाही कर दिया. कांग्रेस के इस निचले स्तर के प्रदर्शन के बाद आलाकमान ने चिंता जाहिर करते हुए CWC (Congress Working Committee) की बैठक बुलाई लेकिन वो भी बेनतीजा रही. CWC की इस बैठक के बाद अब G23 नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) के बाद अब संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) ने भी आलाकमान पर सवाल उठाए हैं. दीक्षित ने तो यहां तक कह दिया कि, ‘आज आलाकमान अहंकार से भरा हुआ है. एक वक़्त था जब इनके नाम पर वोट मिलते थे लेकिन अब नहीं.’

बीते रविवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में 5 राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी हार की तो चर्चा हुई ही. वहीं पार्टी के पूर्णकालिक अध्यक्ष को लेकर भी आवाज और भी ज्यादा बुलंद हो गई है. G-23 ग्रुप के नेताओं ने 2020 में सोनिया गांधी को पार्टी में बड़े बदलावों की मांग की थी. अब इसे लेकर G-23 गुट के नेता खुलकर सामने आने लगे हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल के बाद अब संदीप दीक्षित ने भी आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संदीप दीक्षित ने कहा कि, ‘आज पूरे देश में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से निष्क्रिय हो चुकी है. कांग्रेस आलाकमान अहंकार के नशे में चूर हैं. लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि अब वो वक्त नहीं जब उनके नाम पर वोट मिलते थे.’

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कांग्रेस वर्किंग कमिटी पर सवाल उठाते हुए दीक्षित ने कहा कि, ‘आज कांग्रेस पार्टी किसी मामले पर गंभीर नही है. कोई जवाबदेही लेने के लिए तैयार नहीं है. ये डीटीसी बस टाइप की कमिटी बनाई गई है जिसमें न कोई चर्चा होती है न कोई संवाद होता है.’ संदीप दीक्षित ने आगे कहा कि ‘दो तरह का नेतृत्व पार्टी को चलाता है, एक नेतृत्व और एक संगठन के चेहरे, लेकिन अब वो समय नहीं रहा इसमें केवल गांधी परिवार की भूमिका है. कांग्रेस में हमारे पास अब कोई बड़ा लीडर नहीं बचा.’

संदीप दीक्षित ने आगे कहा कि, ‘समय की मांग को अगर हमारा नेतृत्व नहीं समझेगा तो चमचो में तो नहीं पर बाकी लोगों में तो सवाल उठेगा ही. मेरा मानना है कि अब गांधी परिवार समेत 90 फीसदी प्रभारियों को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए. वर्किंग कमेटी जो कहे, उनका कोई महत्व नहीं, वर्किंग कमेटी तो यस मेन का ग्रुप बनकर रह गया है. पंजाब में भी जो प्रभारी यहां से गए थे उन्होंने सब बरबाद कर दिया.’ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि, ‘आज अगर देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी एक के बाद एक चुनाव हारती जा रही है लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस पर कोई फर्क नहीं पड़ता. कांग्रेस अपने ही मुख्यमंत्री और नेता को परेशान करती रहती है.

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G-23 गुट के नेता ने कहा कि, ‘CWC में सिर्फ और सिर्फ दिखावा होता है. कुछ लोग अनुकंपा के आधार पर आज पार्टी में बैठे हुए हैं क्योंकि इन सभी नेताओं को सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है.’ दीक्षित ने आगे कहा कि, ‘मेरे भी दादा और मां ने पार्टी के लिए काम किया था लेकिन कभी दिखावा नहीं किया. चिंतन शिविर और सीडब्ल्यूसी सिर्फ दिखावा है इसमें कुछ नही होता है. कपिल सिब्बल ने जो कुछ कहा है सब सही कहा है.’ इससे पहले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आलाकमान पर निशाना साधते हुए कहा था कि, ‘गांधी परिवार को अब कुर्सी छोड़ देनी चाहिए. यह इसके लिए सही समय है जब गांधी परिवार को हट जाना चाहिए. कांग्रेस की लीडरशिप और नेतृत्व की भूमिका के लिए अब पार्टी को किसी अन्य व्यक्ति को मौका देना चाहिए. मैं अपनी कह देता हूं कि मुझे ‘सब की कांग्रेस’ चाहिए, जबकि कुछ अन्य लोग अब भी ‘घर की कांग्रेस’ चाहते हैं.

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