केजरीवाल के बाद ओवैसी ने ठोकी ताल, राजभर के नेतृत्व में यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी AIMIM

सुभासपा अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर इन दिनों उत्तर प्रदेश में भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाने में जुटे हैं, सपा और प्रसपा को भी साथ लेने की कोशिश, योगी पर ओवैसी का तंज- मैं शहरों का नाम बदलने नहीं, दिलों को जीतने आया हूं

Owaisi will contest UP Assembly elections under the leadership of Rajbhar
राजभर के नेतृत्व में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ओवैसी

Politalks.News/Uttarpradesh. बिहार चुनाव में अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन करने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) की नजरें अब अगले साल होने वाले बंगाल और 2022 में होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव पर टिक गई है. इसी के चलते बुधवार को लखनऊ पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होने का ऐलान कर दिया. हाल ही में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की यूपी विधानसभा चुनाव में उतरने की घोषणा के बाद अब ओवैसी ने ऐलान करते हुए कहा कि उनकी पार्टी यूपी 2022 का चुनाव राजभर के नेतृत्व में लड़ेगी.

राजधानी लखनऊ में योगी सरकार के पूर्व मंत्री और बीजेपी के पुराने साथी ओम प्रकाश राजभर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ओवैसी ने कहा कि राजनीति के दौर में जब दो नेता एक जगह मिलते हैं तो उसका मतलब तो आप लोग जानते ही हैं, आज हमारी बातचीत हुई है. ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम भागीदारी मोर्चा के साथ रहेगी. वहीं प्रसपा को गठबंधन में शामिल करने की अटकलों पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि वे इस पर जल्द प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव से मुलाकात करेंगे.

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लखनऊ की एक होटल में हुई राजभर से मुलाकात के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जनवरी में भविष्य का प्रोग्राम बनेगा और बैठके होंगी. ओवैसी ने कहा कि बिहार में उनकी पार्टी को जो कामयाबी मिली है उसमें ओम प्रकाश राजभर का बड़ा योगदान रहा है. बिहार की कामयाबी से हौसला मिला है और उस सिलसिले को हम जारी रखेंगे.

आपको बता दें, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी चीफ ओम प्रकाश राजभर साल 2019 तक यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट में शामिल थे. बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के कुछ समय पहले से ही वे अपने तेवर दिखा रहे थे. 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी के लिए पांच टिकटों की मांग की थी जो भाजपा ने नहीं मानी. उसी दौरान उन्होंने योगी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

दरअसल, सुभासपा अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर इन दिनों उत्तर प्रदेश में भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाने में जुटे हैं. जिसमें सुभासपा, अपना दल कृष्णा पटेल गुट, बाबू सिंह कुशवाहा समेत कुल 8 दल अभी शामिल हैं. अब ओमप्रकाश राजभर की कोशिश है कि प्रसपा के साथ-साथ सपा भी इसमें शामिल हो. राजभर का कहना है कि वो अखिलेश यादव से इसे लेकर मुलाकात भी कर चुके हैं.

उत्तरप्रदेश में पहले भी किस्मत आजमा चुके हैं ओवैसी
ये पहला मौका नहीं है जब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIMउत्तर प्रदेश में कोई चुनाव लड़ने जा रही हो, इससे पहले 2015 में जब प्रदेश में जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत चुनाव हुए तब भी एआईएमआईएम ने जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे. जिसमें बलरामपुर, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़ में पार्टी के उम्मीदवार जीते भी थे. इसके बाद अगर 2017 की बात करें तो उत्तर प्रदेश में हुए नगर निगम के चुनाव में भी ओवैसी की AIMIM ने पूरे दमखम के साथ अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारे तब पार्टी को 78 में से 29 सीटों पर जीत भी मिली थी. इसी प्रकार 2017 के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने प्रदेश में कुल 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन किसी को भी जीत हासिल नहीं हुई और 2019 के लोकसभा चुनाव में तो एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश में एक भी सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे.

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शहरों का नाम बदलने नहीं, लोगों का दिल जीतने के लिए आ रहे हैं उत्तर प्रदेश
लोकसभा में यूपी से एक भी उम्मीदवार नहीं उतारने पर यह आरोप लगा था कि ओवैसी बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे हैं, बुधवार को पीसी के दौरान जब ये सवाल ओवैसी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम वोट काटने के लिए नहीं बल्कि लोगों का दिल जीतने के लिए उत्तर प्रदेश आ रहे हैं. यही नहीं ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि, ‘मैं शहरों का नाम बदलने नहीं, दिलों को जीतने आया हूं’. दरअसल, हैदराबाद नगर निगम चुनाव में प्रचार के दौरान सीएम योगी ने हैदराबाद का नाम भाग्य नगर करने का वादा किया था.

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