मॉक ड्रील के बहाने 22 मरीजों का कातिल अस्पताल हुआ सीज, राहुल-प्रियंका के निशाने पर योगी सरकार

ऑक्सीजन की कमी के मॉकड्रिल के दौरान पारस अस्पताल में 22 मरीजों की हुई मौत, 'भाजपा शासन में ऑक्सीजन और मानवता दोनों की भारी कमी है- राहुल गांधी, 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉक ड्रिल की, जिम्मेदार कौन?'- प्रियंका गांधी

कातिल अस्पताल हुआ सीज, राहुल-प्रियंका के निशाने पर योगी सरकार
कातिल अस्पताल हुआ सीज, राहुल-प्रियंका के निशाने पर योगी सरकार

Politalks.news/UttarPradesh. आगरा के पारस अस्पताल संचालक डॉ अरिंजय जैन का वीडियो वायरल होने के बाद राजधानी लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है. विपक्षी दलों का दबाव बढ़ने पर शासन की ओर से हरकत में आए आगरा प्रशासन ने आरोपी डॉक्टर अरिंजय जैन पर मुकदमा दर्ज कर पारस हॉस्पिटल को सीज कर दिया है. बता दें कि इसी हॉस्पिटल का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ऑक्सीजन की कमी के मॉकड्रिल के दौरान 22 मरीजों की मौत बताई जा रही है. प्रशासन ने पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा कायम किया गया है. इस पुरे मामले को लेकर मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि ’22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉक ड्रिल की. जिम्मेदार कौन?’.

दरअसल, आगरा के पारस अस्पताल का एक ऐसा वाक्य सामने आया है जिसमे पारस हॉस्पिटल के मालिक अरिंजय जैन के 4 वीडियो सामने आए हैं, जिसमें वो कबूल कर रहे हैं कि मरीजों की छंटनी के लिए 26 अप्रैल को सुबह 7 बजे मॉक ड्रिल की गई थी, जिसमें कोरोना संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी गई. इस मौक ड्रिल के दौरा अस्पताल में भर्ती 22 मरीजों ने 5 मिनट में ही दम तोड़ दिया था. उस समय अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे. वायरल वीडियो में यह भी पाया गया किडॉ. अरिंजय जैन लोगों से बात करते समय यह कह रहे हैं कि खुद मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं कर सकता.

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इस पुरे घटनाक्रम के बाद सूबे की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘भाजपा शासन में ऑक्सीजन और मानवता दोनों की भारी कमी है. इस खतरनाक अपराध के जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं.’ वहीं कांग्रेस महासचिव एवं यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने इस घटना से सम्बंधित वीडियो पोस्ट किया.

प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘पीएम कहते हैं कि मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी. सीएम कहते हैं कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं. कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी. मंत्री ने कहा, मरीजों को जरूरत भर ऑक्सीजन दें. ज्यादा ऑक्सीजन न दें. आगरा अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म थी. 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉक ड्रिल की. जिम्मेदार कौन?’. वहीं इस पुरे मामले पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का कहना है कि, ‘पारस अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में समस्या की शिकायत मिली है. जांच की जा रही है और जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.’

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वहीं, इस पुरे मामले पर आगरा के डीएम ने 22 मरीजों की मौत के आंकड़ें को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि 26 और 27 अप्रैल को ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते सात मरीजों की निजी अस्पताल में मौत हो गई. निजी अस्पताल में 22 गंभीर मरीज भर्ती थे. हालांकि उनकी मौत का विवरण नहीं है. वायरल वीडियो के आधार पर हम जांच कर रहे हैं.

पहला वीडियो
अस्पताल के मालिक अरिंजय जैन के 4 वीडियो सामने आये हैं. पहले वीडियो में अरिंजय जैन ऑक्सीजन सप्लायर से बात करते सुनाई दे रहें है.आक्सीजन सप्लायर ने कहा बास कत्‍ल की रात है, आक्सीजन कांड हो गया, सुबह तक का माल है. मोदीनगर ड्राई हो गया, गाजियाबाद ड्राई हो गया, दिल्ली से गाड़ी आ नहीं रही, माल नहीं आ पाएगा. कैसी बातें कर रहे हो. मजाक सा कर रहे हो. आक्सीजन नहीं मिलेगी क्या, तो क्या हो गया डीएम साहब नहीं देंगे. आने दो तो कोई समाधान नहीं है. हम उसकी बात हल्के में ले रहे वो ऐसे बैठा हुआ था, बोला मसाला खिलाओ. हमें आधा घंटा स्वीकार करने में लग गया कि ऐसी घटना भी होगी आगरा में.

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दूसरा वीडियो
मुख्यमंत्री भी नहीं मंगा सकते आक्सीजन. 96 मरीज भर्ती थे और 12 घंटे का समय. सप्लायर ने कहा साहब मरीजों को डिस्चार्ज करो. आक्सीजन कहीं नहीं है, मुख्यमंत्री नहीं मंगा सकते आक्सीजन. लोगों को समझाना शुरू किया, भाई समझो बात को, मैंने कहा अब कोई नहीं जा रहा, सब सो जाओ. अब वो छांटो जिनकी आक्सीजन बंद हो सकती है, एक ट्रायल मार दो एक मॉकड्रिल कर के देख लेते हैं, समझ जाएंगे कौन सा मरेगा और कौन सा नहीं मरेगा. सुबह सात बजे माकड्रिल हुई, ये किसी को पता नहीं है. छंंट गए 22 मरीज छंंट गए, ये मरेंगे. नीले पड़ने लगे. 74 बचे, इन्हें टाइम मिल जाएगा और बचा लेंगे इसके बाद तीमारदारों से कहा अपना अपना सिलेंडर लाओ.

तीसरा वीडियो
तीमारदारों को पत्र दे दिया 12 घंटे का समय है. 10 बजे तक के लिए आक्सीजन है, अपने मरीज को कहीं ले जाओ, तीमारदारों ने कहा कि कहां लेकर जाएं. बेड खाली नहीं हैं. यहां आक्सीजन नहीं मिलेगी तो कहीं और भी नहीं मिलेगी.

चौथा वीडियो
मेरे पास शमन अधिकारी का फोन आया, का हुआ साहब. राउंड लेता रहा. आगरा का सबसे बड़ा सप्लायर है. तुरंत आया, बोला कि कत्ल की रात है. मैंने कहा- क्या कांड हो गया. मन तो लगा नहीं, जैसे तैसे राउंड खींचा.

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