मध्यप्रदेश में अब जनता सीधे चुनेगी अपना मेयर और पालिकाध्यक्ष, शिवराज ने पलटा कमलनाथ का फैसला

कमलनाथ चाहते थे कि पार्षद मिलकर मेयर या पालिका अध्यक्ष चुनें और इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया था कि यही लोकतांत्रिक तरीका है, शिवराज सरकार चाहती है कि मेयर या पालिकाध्यक्ष जनता ही चुने, इससे विकास तेजी से होता है

शिवराज ने पलटा कमलनाथ का फैसला
शिवराज ने पलटा कमलनाथ का फैसला

Politalks.News/MadhyaPradesh. प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होंगे, इसका मतलब यह है कि अब नगर निगम महापौर और पालिका अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता द्वारा कराया जाएगा. आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शिवराज कैबिनेट ने एक साल पहले कमलनाथ सरकार के वक्त लिए गए फैसले को पलट दिया है. कमलनाथ चाहते थे कि पार्षद मिलकर मेयर या पालिका अध्यक्ष चुनें और इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया था कि यही लोकतांत्रिक तरीका है. देश के प्रधानमंत्री और प्रदेशों में मुख्यमंत्री भी विधायक-सांसद मिलकर चुनते हैं. लेकिन शिवराज सरकार चाहती है कि मेयर या पालिकाध्यक्ष जनता ही चुने, इससे विकास तेजी से होता है. हालांकि शिवराज सरकार इस मामले में पहले ही अध्यादेश ला चुकी है. अब विधानसभा के आगामी सत्र में सरकार ये बिल लेकर आएगी.

मंगलवार को भोपाल में हुई शिवराज केबिनेट की बैठक में नगरीय निकाय चुनाव सीधे तौर पर कराने का फैसला लिया गया. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, सरकार की मंशा है कि नगरीय निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हो ताकि लोग सीधे अपनी पसंद के निकाय अध्यक्ष और महापौर का चुनाव कर सकें. सरकार इस संबंध में अध्यादेश ला चुकी है. आगामी विधानसभा सत्र में बिल पेश कर दिया जाएगा. भूपेंद्र सिंह ने कहा जहां वॉर्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है वहां पर उसी के तहत चुनाव होगा. जहां पर आरक्षण की प्रक्रिया बाकी है उसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

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मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि 9 दिसंबर को प्रदेश के नगर निगम और नगरीय निकाय में महापौर और अध्यक्ष के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. सरकार चाहती है कि नगरीय निकाय चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ हों और इसी कारण से पिछली सरकार के फैसले को बदला गया है. वहीं प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम के जरिए होंगे या फिर बैलेट पेपर का इस्तेमाल होगा, इस पर मंत्रीजी ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया पर फैसला राज्य निर्वाचन आयोग को लेना है, उसी के तहत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे.

वहीं शिवराज सरकार के इस फैसले पर पूर्व महापौर और कांग्रेस नेता विभा पटेल ने कहा कि चुनाव किसी भी प्रणाली से हों, कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. विभा पटेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा यह बीजेपी सरकार लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करती है, यही कारण है कि उसने अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्ष का चुनाव कराने का पिछली सरकार का फैसल पलट दिया.

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