Politalks.News/Rajasthan/Bharat Bandh. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के तहत किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को बुलाए गए ‘भारत बंद‘ के दौरान जयपुर में प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर एनयूएसआई और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के बीच जमकर लात-घूंसे चले. मौके पर मौजूद पुलिस ने हालांकि स्थिति को नियंत्रण में किया और मामले को शांत करवाया, लेकिन तब तक पथराव भी हो चुका था. भाजपा मुख्यालय के बाहर हुए हंगामेदार विरोध-प्रदर्शन को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहरी नाराजगी जताई और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के गुंडे करार देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है.
सतीश पूनियां ने कहा है कि गहलोत सरकार के इशारे पर कांग्रेस के गुंडों ने पुलिस की मौजूदगी में प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर पथराव किया है. इस तरह की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. पूनियां ने कहा कि शान्ति और सद्भाव की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री के सामने एनएसयूआई का विरोध-प्रदर्शन मौजूदा स्थितियों की बानगी है, जिसकी जितनी निंदा की जाये कम है. यही नहीं सतीश पूनियां ने अपने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संबोधित करते हुए लिखा कि, ‘ये कैसा बंद, कैसा प्रदर्शन, किस बात का दंभ-बौखलाहट? पुलिस की मौजूदगी में कांग्रेस के गुंडों ने पथराव किया, कहां गया आपका लोकतंत्र और सुशासन, मुख्यमंत्री जी इतना घमंड ठीक नहीं.’
यह भी पढ़ें: सीएम गहलोत की बड़ी सौगात- डार्क जोन सहित शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगवा सकेंगे ट्यूबवेल
वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत गुंडों के सहारे हमारी आवाज को दबाना, कुचलना चाहते हैं. लेकिन इस दमनकारी रुख से भाजपा कतई दबने वाली नहीं है. कांग्रेस समर्थित गुंडों के समक्ष भाजपा कार्यकर्ता नहीं झुकेंगे और हर अन्याय का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से देंगे. राठौड़ ने आगे कहा कि भारत बंद के नाम पर कांग्रेस हिंसात्मक आचरण पर उतारू है. कांग्रेस ने आज भारत बंद के नाम पर जयपुर में अराजकता का माहौल पैदा करने की कोशिश की और राजनीतिक द्वेष को बढ़ावा दिया. स्वस्थ लोकतंत्र में कांग्रेस की राजनीतिक हिंसा का कोई स्थान नहीं है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाने पर हुआ झगड़ा
दरअसल, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत किसान आंदोलन और भारत बंद का समर्थन कर रहे एनएययूआई के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते हुये प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां पर एनएसयूआई और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के बीच झगड़ा हो गया. झगड़ा एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी करने और बीजेपी आफिस के सामने मोदी का पुतला जलाने की बात को लेकर हुआ. पीएम मोदी का पुतला जलाने पर भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने कड़ा ऐतराज जताया. इस पर पुलिस की मौजूदगी के बावजूद दोनों पक्षों में लात-घूंसे चल गये. हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया और मामले को शांत करवाया, लेकिन तब तक पथराव भी हो चुका था.
यह भी पढ़ें: प्रदेश में गृह विभाग ऐसे व्यक्ति के पास है जिसे कोरोना की वीसी करने से ही फुर्सत नहीं- गहलोत पर कटारियावार
प्रदर्शन में शामिल एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में और किसानों के समर्थन के लिए गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन भाजयुमो और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उनसे झगड़ा किया. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक केंद्रीय कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक युवा केंद्र सरकार के खिलाफ और मुखर होगा.
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने मामला शांत करने के लिए एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को दूर तक खदेड़ा तो कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस को कांग्रेस का राज होने की बात कहते हुए देख लेने की चेतावनी भी दी. इस पर पुलिस ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज है. पुलिस ने आईनॉक्स चौराहे तक एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को खदेड़ा और पूरे मामले को शांत कराया.
हालांकि पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग करके मामला शांत कराया, लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं में पुलिस की कार्यशैली को लेकर भी नाराजगी थी. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह एनएसयूआई का प्रदर्शन नहीं, बल्कि पुलिस के संरक्षण में बीजेपी के कार्यालय पर सुनियोजित हमला था.