प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करेंगी. सरकार के सामने रोजगार, निवेश, कृषि के सेक्टर में कई चुनौतियां हैं

आम जनता को इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं, मिल सकती है टैक्स में छूट. सूत्रों की मानें तो इस बार सरकार सैलरी क्लास लोगों के लिए छूट दे सकती है. इसमें इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का ऐलान हो सकता है. साथ ही 5 लाख से 8 लाख रुपये की आय पर 10 फीसदी का एक नया टैक्स स्लैब भी देश के सामने आ सकता है.

इसके अलावा भी कई उम्मीदें दिख रही हैं. जैसे कि निवेश पर टैक्स छूट की सीमा को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये संभव है. होमलोन के ब्याज पर मिलने वाले टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये किया जा सकता है.

आम धारणा यह होती है कि सरकारें अपने कार्यकाल के आखिर में जो अंतरिम बजट लाती हैं, वह लोकलुभावन होता है क्योंकि उन्हें चुनाव में जाना होता है. और चुनाव के ठीक बाद आई सरकार सख्त वित्तीय अनुशासन वाला बजट पेश करती है क्योंकि वह अगले कुछ सालों तक चुनाव की चिंता से मुक्त होती है. दोबारा चुनकर लौटी नरेंद्र मोदी सरकार पर यह बात इसलिये भी ज्यादा सटीक इसलिए लगती है क्योंकि उदारीकरण के बाद यह पहली ऐसी सरकार है जो इतना सशक्त जनादेश लेकर लौटी है. ऐसे में सामान्य समझ तो यही कहती है कि दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार का पहला बजट अर्थव्यवस्था को कड़वी गोली देने वाला होना चाहिए.

किन्तु सूत्रों की मानें तो यह बजट इस आम धारणा से उलट हो सकता है. आर्थिक जानकारों का मानना है कि देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पहला बजट आर्थिक अनुशासन और सरकारी घाटे में कमी की बात तो करेगा, लेकिन इसमें तमाम ऐसे कदम नजर आएंगे जिन्हें राजनीतिक-अर्थशास्त्र की भाषा में लोकलुभावन कहा जाता है.

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