मोदी सरकार ने भी माना कि जन समस्याएं निपटाने में देश में नंबर वन है राजस्थान की गहलोत सरकार

सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के द्वारा देखे जाने वाले लोक शिकायत निवारण व प्रशासनिक सुधार मंत्रालय ने सूचना दी कि राजस्थान में इस वर्ष 2022 में 53 लाख 80 हजार शिकायतों का हुआ निस्तारण, मंत्रालय ने राजस्थान को पहला, झारखंड को दूसरा और मध्यप्रदेश को दिया तीसरा स्थान, चुनावों को देखते हुए कांग्रेस व गहलोत सरकार के लिए है ये अहम खबर

rajasthan cm ashok gehlot
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Central Government Praised the Gehlot government. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यहां की कांग्रेस सरकार भले ही पेपर लीक, सुरक्षा व्यवस्था सहित अन्य कई मुद्दों पर विपक्ष के निशाने पर हो, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार भी इस बात को मान चुकी है कि राजस्थान की गहलोत सरकार आम आदमी की समस्याएं निपटाने में देश में नंबर वन है. केन्द्र सरकार के लोक शिकायत निवारण व प्रशासनिक सुधार मंत्रालय ने पूरे देश में राजस्थान को इस मामले में पहले नंबर पर माना है. इस मंत्रालय को केन्द्र में सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के द्वारा देखा जाता है. केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र कुमार सिंह ने राज्यों को इस संबंध में सप्ताह सूचना भेज दी है. आगामी साल में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस के लिए ये एक बड़ी अहम खबर मानी जा रही है.

केंद्र के लोक शिकायत निवारण व प्रशासनिक सुधार मंत्रालय के अनुसार, राजस्थान में इस वर्ष 2022 में 53 लाख 80 हजार शिकायतों का निस्तारण किया गया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) और प्रशासनिक सुधार विभाग के पास यह सूचना आ गई है. अन्य राज्यों को भी उनसे संबंधित सूचना भेजी गई है. मंत्रालय ने राजस्थान को पहला, झारखंड को दूसरा और मध्यप्रदेश को तीसरा स्थान दिया है. राजस्थान में कांग्रेस, झारखंड में झामुमो व कांग्रेस की मिश्रित और मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है.

सीएम गहलोत की निगरानी में है शिकायत निवारण विभाग
यह सर्वमान्य है कि सीएम अशोक गहलोत अक्सर आम आदमी की समस्याओं के निराकरण पर फोकस रखते आए हैं. शिकायत निवारण विभाग और प्रशासनिक सुधार विभाग की जिम्मेदारी बतौर मंत्री खुद सीएम गहलोत के ही पास है. सीएम गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में सम्पर्क पोर्टल को शुरू किया था. सीएमओ, प्रशासनिक सुधार विभाग और सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग इसे लगातार मॉनिटर करते है. उनके नेतृत्व में राजस्थान को यह सफलता प्रशासन शहरों के संग और प्रशासन गांवों के संग अभियान के कारण मिली हैं. 10 लाख से अधिक शिकायतों का निराकरण इन्हीं दोनों अभियानों के तहत हुआ है.

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निचले स्तर पर इन अभियानों में अफसरों एवं अधिकारियों की कमी के चलते विभिन्न विभागों से डेपुटेशन पर इन अभियानों में 100 से अधिक अफसरों व कर्मचारियों को लगाया गया था, ताकि अभियान सफल बनाए जा सके. इसके अलावा पंचायत राज व नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग से जुड़े नियमों में 50 से ज्यादा बार राज्य सरकार ने संशोधन भी किए, ताकि लोगों को उनके मकान-जमीन के पट्‌टे मिल सकें. परिणाम यह हुआ कि सुस्त से चल रहे दोनों प्रमुख अभियान राजस्थान सरकार के लिए सफलता की मिसाल बन गए.

संपर्क पोर्टल पर एक करोड़ से अधिक शिकायतें विचाराधीन
राजस्थान सरकार के सम्पर्क पोर्टल पर वर्तमान में एक करोड़ 12 लाख शिकायतें विचाराधीन हैं. इनमें से एक करोड़ 10 लाख पर काम चालू है. जिनमें से 53 लाख 80 हजार शिकायतों का समाधान होकर संबंधित शिकायतकर्ता के पास जानकारी पहुंच चुकी हैं. दो लाख शिकायतें ऐसी हैं, जिन पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हो सका है, क्योंकि शिकायत स्पष्ट नहीं है. पोर्टल पर शिकायत करने वाले व्यक्ति को सरकार के किसी कार्यालय में उपस्थित होने की कोई आ‌वश्यकता नहीं है. सीधे ऑनलाइन शिकायत कर अपनी शिकायत की रसीद (नम्बर) प्राप्त की जा सकती है.

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इनमें से ज्यादातर शिकायतें कलेक्टर कार्यालय, पंचायत राज, पेंशन और जमीन-मकान-खेत के पट्‌टों से संबंधित हैं. सम्पर्क पोर्टल पर जो भी शिकायत दर्ज होती है, उसे सीधे संबंधित विभाग के पास भेजा जाता है. उसकी मॉनिटरिंग सीधे सीएमओ के स्तर पर होती है. ऐसे में विभाग की ओर से शिकायत पर विभाग की ओर से टालमटोल संभव नहीं. विभाग के जवाब की जानकारी शिकायतकर्ता तक भी भेजी जाती है. अगर शिकायतकर्ता जवाब से असंतुष्ट हो तो दुबारा भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है. सीएम गहलोत खुद महीने में एक बार इस पोर्टल के विषय में मीटिंग भी लेते हैं.

आगामी विस चुनावों में जनता में भुनाने का प्रयास करेगी कांग्रेस
चुनावी वर्ष में प्रवेश करने जा रही अशोक गहलोत सरकार के लिए यह सूचना चार चांद लगाने का काम करेगी. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इसका जमकर प्रचार जनता के बीच करने वाली है, ताकि अपने अच्छे काम को लोगों तक पहुंचा सके. कांग्रेस के प्रचार माध्यमों पर जल्द ही यह उपलब्धि नजर आएगी. जिस तरह तरह केंद्र सरकार ने जन सामान्य की समस्याओं को सुलझाने के लिए गहलोत सरकार की पीठ थपथपाई है, उससे बीजेपी को अपनी चुनावी रणनीति में थोड़ा बदलाव करना बनता है.

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