पूनियां ने वाड्रा को बताया भूमाफिया अपने कार्यकाल पर दिखे संतुष्ट तो उपचुनावों की हार पर दिया बड़ा बयान

2008-09 में तत्कालिक गहलोत सरकार में गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने किसानों की 125 बीघा जमीन हड़पी, ऐसे में वो किसी माफिया से कम नहीं, अब राहुल गांधी और प्रदेश की गहलोत सरकार बताए कि इस माफिया के खिलाफ कार्रवाई कब होगी और किसानों को उनकी जमीन कब मिलेगी यानी पीड़ित किसानों को न्याय कब मिलेगा- सतीश पूनियां

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Satish Poonia on Congress & Robert Vadra. हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने किसानों की जमीन खरीद फरोख्त से जुड़े एक मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां की याचिका को खारिज कर दिया. वहीं कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद से बीजेपी इस मुद्दे पर एक बार फिर कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. इसी कड़ी में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गुरुवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री गहलोत पर जमकर निशाना साधा. पूनिया ने कहा कि 2008-09 में तत्कालिक गहलोत सरकार में गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने किसानों की 125 बीघा जमीन हड़पी, ऐसे में वो किसी माफिया से कम नहीं हैं. अब राहुल गांधी और प्रदेश की गहलोत सरकार बताए कि इस माफिया के खिलाफ कार्रवाई कब होगी और किसानों को उनकी जमीन कब मिलेगी यानी पीड़ित किसानों को न्याय कब मिलेगा.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, इस देश में बहुत लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी को शासन करने का मौका मिला, कांग्रेस पार्टी के 55 वर्षों के शासनकाल को जनता ने 2014 में ठीक तरीके पहचाना और यही कारण था कि कांग्रेस की भ्रष्ट नीति, अराजकता, जातिवाद, सांप्रदायिकता, छद्म धर्मनिरपेक्षता इन सारे मुद्दों पर हिन्दुस्तान की जनता ने कांग्रेस को नक्शे से भी नकार दिया, उसमें जो सबसे बड़ा कारण करप्शन था. नेहरू गांधी परिवार इसमें संलिप्त रहा और पूरी कांग्रेस पार्टी के देश में शायद सैकड़ों ऐसे मसले हैं जो भ्रष्टाचार के नाते इतिहास में दर्ज हो गए.

बीजेपी नेता सतीश पूनियां ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने यहां पर यात्रा निकाली है, ऐसे में मेरा उनसे से भी प्रश्न है इस जमीन घोटाले पर जहां उनकी कांग्रेस की सरकार है और उनके सीधे सीधे किसी रिश्तेदार के खिलाफ इस तरीके से किसानों की जमीने हड़पने का मामला होता है तो अपनी चुप्पी कब तोडेंगे? उस पर अपनी प्रतिक्रिया कब देंगे और उस पर एक्शन कब लेंगे, यदि ऐसा नहीं है तो या तो यह झूठ है, उसको साबित करें और यदि सत्य है तो रॉबर्ट वाड्रा द्वारा हड़पी गई 125 बीघा जमीन किसानों की, वो उनको कब वापस मिलेगी, राजस्थान की सरकार उस पर कब पहल करेगी?

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पूनियां ने कहा कि कुल मिलाकर हमारा आरोप यही है कि जो हाइकोर्ट ने भी अपने ऑर्डर में भी रेखांकित किया और यही कारण है कि हाइकोर्ट ने उसको रिफ्यूज किया, इन्होंने फिर इन्हीं के कंपनी के महेश नागर ने एसएलपी दायिर की थी, जांच को रोकने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसको नकार दिया. यह भी सही है कि जो स्काइलाइट हॉस्पिटेलिटी है, यह रॉबर्ट वाड्रा की मां और उनकी खुद की कंपनी है. जिसका याचिका से कोई कानून वैधता नहीं थी, मामला गंभीर था, इसी कारण हाइकोर्ट ने ऑब्जर्वेशन का आदेश दिया था. पूनियां ने कहा कि इसमें सीधा सवाल यह कि राजस्थान की हमारी जो चिंता है, हमारी जो फिक्र है, हमारा जो सवाल है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दामाद श्री को खुश करने के लिए कानून की अनदेखी करके, प्रदेश के किसानों की यह जमीनें स्काइलाइट कंपनी को दी गई. कांग्रेस सरकार का राजस्थान के किसानों से कोई सरोकार नहीं है, उनकी मंशा ऐसी लगती है कि ना खाता, ना बही, सोनिया गांधी जो कहें वही सही, इस तर्ज पर वो राज चला रहे हैं.

इसके साथ ही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने आगे कहा कि एक बार फिर से कुछ चीजें कांग्रेस की तरफ से आई, राहुल गांधी की यात्रा में बाकी चीजें बड़ी रोचक थीं, लेकिन भगवान श्रीराम के बारे में जो कांग्रेस की धारणा थी वह समय-समय पर बदलती तो रहती, लेकिन कांग्रेस की चाटुकारिता की पराकाष्ठा है, जिनको भगवान राम जन्मभूमि पर ऐतराज था, जिनको रामसेतु पर ऐतराज था, जो जय सियाराम, जय श्रीराम के भेद को नहीं जानते, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी की तुलना भगवान राम से की है. यही नहीं पूनियां ने एक सज्जन हैं यहां कांग्रेस में उन्होंने राहुल गांधी की तुलना महात्मा गांधी से की, जिसके बारे में खुद राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी से मेरी तुलना नहीं हो सकती, तो फिर राम से कैसे होगी. कुल मिलाकर कांग्रेस का जो चरित्र है चाटुकारिता का, भ्रष्टाचार का और भगवान राम के अस्तित्व को नहीं मानने का है.

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आपको बता दें सतीश पूनियां ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. ऐसे में मीडिया उनके कार्यकाल में एक ही उपचुनाव जीतने और बाकी चुनाव हारने को लेकर सवाल पूछा तो सतीश पूनिया ने बड़ी बेबाकी से कहा कि मेरे 3 साल के कार्यकाल में जो उपचुनाव हुए हैं उसमें हमें एक सीट पर जीत मिली है. लेकिन हार कोई अजूबा नहीं है. इससे पहले भी हम हारते रहे हैं. इसके लिए पार्टी मुझे जो सजा दे उसके लिए तैयार हूं. पूनिया ने अपने 3 साल के कार्यकाल पर कहा कि मैं पूरी तरीके से अपने काम को लेकर संतुष्ट हूं. मेरे कार्यकाल को आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं इसका फैसला मैं नहीं करूंगा, उसका केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा.

इसके साथ जन आक्रोश यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति और मैडम राजे के साथ अदावत पर पूनिया ने कहा कि हमारा उनसे किस तरह का कोई विरोधाभास नहीं है. जन आक्रोश यात्रा में पार्टी ने सभी कोर मेम्बर्स को निमंत्रण दिया था कि सभी इसमें शामिल हो, लेकिन वसुंधरा राजे इसमें शामिल नहीं हो सकी.

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