65 विधानसभा व 13 लोकसभा सीटों पर BJP को भारी पड़ सकती है उमा भारती की नाराजगी, जानें पूरा मामला

समाज के एक कार्यक्रम में उमा भारती ने कहा कि मैं लोधी समुदाय को यह नहीं कहुंगी कि वे सिर्फ भाजपा को वोट करे, समुदाय आजाद है चाहे जिसे वोट करे, उमा भारती के हाशिए पर जाने के बाद से बीजेपी से छिटक रहा परंपरागत वोट, जबकि मध्यप्रदेश में 9 प्रतिशत है लोधी समाज का वोट बैंक, हाल ही में लोधी नेता प्रीतम लोधी के पार्टी से निष्कासन के बाद से बीजेपी से नाराज हैं लोधी समुदाय के कई नेता

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Uma Bharti’s Big Statement on BJP. अक्सर अपनी बेबाकी के लिए चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने फिर एक बार भाजपा की चिंता बढ़ाने वाला बयान दिया है. उमा भारती ने लोधी समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं लोधी समुदाय को यह नहीं कहुंगी कि वे सिर्फ भाजपा को वोट करे, समुदाय आजाद है चाहे जिसे वोट करे. उमा भारती ने यह बयान 25 दिसंबर को राज्य की राजधानी भोपाल में मानस भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया. जिसका कथित वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. अगले साल होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उमा भारती का यह बयान निश्चित तौर पर बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकता है.

क्या कहा उमा भारती ने?
दरअसल, बीती 25 दिसंबर को एक कार्यक्रम के दौरान लोधी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए उमा भारती ने कहा कि मैं अपनी पार्टी के मंच पर आऊंगी, मैं लोगों से वोट मांगूंगी, मैं कभी नहीं कहती कि आप लोधी हैं, आप बीजेपी को वोट दें. मैं सभी से भाजपा को वोट देने के लिए कहती हूं क्योंकि मैं अपनी पार्टी का एक वफादार सिपाही हूं. मैं आपसे (लोधी समुदाय) से जरा भी उम्मीद नहीं रखूंगी कि आप पार्टी के एक वफादार सिपाही होंगे और वोट करेंगे. उमा भारती ने आगे कहा कि आपको (लोधी समुदाय को) अपने आसपास के हितों को देखना होगा क्योंकि यदि आप पार्टी कार्यकर्ता नहीं हैं तो आपको सभी चीजों को देखने के बाद ही अपने बारे में फैसला करना होगा. हम प्यार के बंधन में बंधे हैं, लेकिन राजनीतिक बंधन में, आप मेरी तरफ से पूरी तरह से मुक्त हैं. कार्यक्रम के दौरान मंच पर भाजपा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के भाई भाजपा विधायक जालम सिंह पटेल भी मौजूद थे.

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9 फीसदी है लोधी समाज का वोट बैंक
आपको बता दें कि उमा भारती खुद लोधी समुदाय से ही ताल्लुक रखती हैं, जो ओबीसी कैटेगरी में आता है. ऐसे में उमा भारती के इस संदेश के कई मायने निकाले जा रहे हैं क्योंकि परंपरागत रूप से लोधी समुदाय बीजेपी का ही वोट बैंक रहा है लेकिन भारती के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद इस वोट बैंक में बिखराव हुआ है. जबकि मध्यप्रदेश में लोधी समुदाय का करीब नौ फीसदी वोट बैंक है. इसके अलावा 230 सदस्यों वाली विधानसभा में करीब 65 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां लोधी समुदाय हार-जीत तय करता है. ऐसे में उमा भारती की यह अपील की लोधी समाज अपनी मर्जी से वोट करे तो बीजेपी के लिए बहुत मुश्किल हो सकती है. बता दें कि 2018 के चुनावों में बीजेपी को कुल 41.02 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 40.89 फीसदी वोट मिले थे. ऐसे में अगर लोधी समुदाय को 9 फीसदी वोट बैंक बीजेपी से छिटक जाता है तो यह अंदाजा लगाना कठिन नहीं होगा कि बीजेपी के लिए 2023 के विधानसभा ही नहीं 2024 के लोकसभा चुनावों में भी कितनी मुश्किल हो सकती है.

13 लोकसभा सीटों पर लोधी वोट निर्णायक
मध्यप्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर भी लोधी वोट निर्णायक हैं. इनमें बुंदेलखंड, ग्वालियर चंबल संभाग की ज्यादातर सीटों पर लोधी समुदाय का दबदबा है. इसके अलावा, लोधी मतदाता बालाघाट, सागर, खजुराहो, दमोह, विदिशा और होशंगाबाद सहित 29 में से 13 लोकसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

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बीजेपी से छिटकता नजर आ रहा लोधी समुदाय
यहां आपको बता दें कि जब से उमा भारती बीजेपी में हाशिए पर गई हैं, तब से लोधी समुदाय भी बीजेपी से छिटकता नजर आ रहा है. इसका असर 2018 के विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिल चुका है. बुंदेलखंड क्षेत्र की 26 सीटों में से 14 पर बीजेपी, जबकि 10 पर कांग्रेस की जीत हुई थी. इसी तरह सागर क्षेत्र की 26 सीटों में से 14 पर बीजेपी और 10 पर कांग्रेस की जीत हुई थी. मालवा क्षेत्र में भी कुल 50 सीटों में से बीजेपी को 24 जबकि कांग्रेस को 26 सीटों पर जीत मिली थी.

गौरतलब है कि लोधी समुदाय लंबे समय से बीजेपी का कोर वोट रहा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से लोधी समुदाय के नेता बीजेपी से दूर भाग रहे हैं. हाल ही में लोधी नेता प्रीतम लोधी के पार्टी से निष्कासन के बाद से लोधी समुदाय के कई नेता बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. वहीं उमा भारती और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच रिश्ते भी बहुत अच्छे नहीं रहे हैं. ऐसे में जैसा कि हमने पहले बताया कि मध्य प्रदेश में करीब 65 विधानसभा और 13 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां लोधी समुदाय के वोट चुनाव नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं तो उमा भारती की नाराजगी दूर नहीं हुई तो बीजेपी को बड़ा नुकसान होने से शायद ही कोई बचा पाए.

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