यात्रा का न्योता मिलने के सवाल पर क्यों भड़के अखिलेश? अति पिछड़ी जातियों के नेता चलेंगे राहुल के साथ

अखिलेश यादव से राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के निमंत्रण को लेकर पूछा गया तो सवाल पूछने वाले से ही मांग लिया न्योते का कार्ड, इससे पहले न्योते के सवाल को अखिलेश ने बताया था चंडूखाने की गप्प, राजभर, पाल, कुशवाहा, नाई, बंजारा, कुर्मी, मल्लाह, कश्यप, सैनी, शाक्य, चौहान सहित सभी अति पिछड़ी जाति के नेताओं को भेजा गया है निमंत्रण, राहुल गांधी के साथ चलेंगे पहली कतार में

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Akhikesh Yadav on Rahul Gandhi’s Bharat Jodo Yatra. कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की यात्रा 9 राज्यों से होते हुए दिल्ली में जाकर 9 दिनों के विश्राम के लिए रुकी है. अब दूसरे फेज में भारत जोड़ो यात्रा 03 जनवरी 2023 को दिल्ली से शुरू होकर गाज़ियाबाद के जरिए यूपी में प्रवेश करेगी. यूपी कांग्रेस के द्वारा बताया गया है कि यात्रा में शामिल होने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव,पूर्व सीएम मायावती, जयंत चौधरी सहित यूपी के तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को भी निमंत्रण दिया गया है. लेकिन बुधवार को जब अखिलेश यादव से राहुल की यात्रा के निमंत्रण को लेकर पूछा गया तो वह भड़क गए. यही नहीं सवाल पूछने वाले पत्रकार से ही न्योते का कार्ड मांग लिया. यानी कि अखिलेश ने आज दुबारा स्पष्ट किया कि उन्हें यात्रा में शामिल होने कोई न्योता नहीं मिला है. यहां आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को भी अखिलेश ने यात्रा में शामिल होने और न्योते के सवाल को चंडूखाने की गप्प बताया था.

यूपी के जालौन दौरे के दौरान पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने और राहुल गांधी की तरफ से न्योता देने की बात पूछी गई तो अखिलेश ने पत्रकार से ही कहा कि हम तुम्हारे सामने खड़े हैं, कहीं न्योता हो तो बता दो. अगर तुम्हारी जेब में न्योता हो तो वो बता दो. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि हम उनके आह्वान से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं, लेकिन हमें कोई न्योता नहीं मिला है. कहीं मेरा न्योता हो तो आप दिखा दो. इससे पहले सोमवार को भी इसी बारे में सवाल पूछने पर अखिलेश यादव ने कहा था कि आप अपने आप कहानी मत बनाइये. इसे कहते हैं चंडूखाने की गप्प. यह सब हमें मत सुनाइये जो सुनकर आ रहे हैं. हमारी भावना है कि भारत जोड़ो सफल हो, लेकिन सवाल यह है कि बीजेपी को हटाएगा कौन?

इसके साथ ही आपको बता दें की 3 जनवरी को दिल्ली से शूरू होकर भारत जोड़ो यात्रा गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर से होते यूपी में प्रवेश करेगी. इसके बाद चार जनवरी को बागपत, पांच जनवरी को शामली और छह जनवरी को कैराना से होकर हरियाणा के सोनीपत जिले में प्रवेश कर जाएगी. इस तरह उत्तरप्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा तीन जिलों में चार दिनों तक चलने के दौरान 110 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. कांग्रेस की ओर से यह बार-बार कहा जा रहा है कि यह यात्रा सिर्फ कांग्रेस की नहीं है. भारत जोड़ो यात्रा केवल 3 दिनों तक यूपी में रहने वाली है लेकिन इन तीन दिनों को लेकर पार्टी की यह कोशिश है कि यूपी से एक बड़ा संदेश जाए.

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राहुल के साथ पहली कतार में रहेंगे अति पिछड़ी जातियों के नेता
कांग्रेस पार्टी के नेता अनिल यादव ने बताया यूपी में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अति पिछड़ी जातियों के जितने भी नेता हैं उन्हें यात्रा में शामिल करने के लिए निमंत्रण भेजा गया है. राजभर, पाल, कुशवाहा, नाई, बंजारा, कुर्मी, मल्लाह, कश्यप, सैनी, शाक्य, चौहान सहित अति पिछड़ी जाति के नेता राहुल गांधी के साथ पहली कतार में चलेंगे. राहुल गांधी अति पिछड़े वर्ग के नेताओं के साथ उनकी समस्याएं और सियासी मुद्दों पर बात करेंगे. दलित और आदिवासी समुदाय के लोग भी राहुल के साथ पदयात्रा करेंगे.

राहुल के साथ प्रियंका गांधी भी करेंगी यात्रा
यूपी में चार दिनों तक चलने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनकी बहन और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी पदयात्रा करती नजर आएंगी. प्रियंका यूपी कांग्रेस की प्रभारी भी हैं. प्रियंका राहुल के साथ सभी चार दिन यात्रा करेंगी. प्रियंका इससे पहले मध्य प्रदेश और राजस्थान में राहुल के साथ पैदल चल चुकी हैं. अब वह यूपी में सियासी माहौल बनाने की कोशिश करेंगी.

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आपको बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का पहला चरण बीते शनिवार को पूरा हो गया है और 3 जनवरी से यात्रा का दूसरा चरण शुरू होने वाला है. पहले चरण में 9 राज्यों से निकलकर 108 दिनों में करीब 3000 किलोमीटर की दूरी नापते हुए पिछले हफ्ते यात्रा शनिवार को दिल्ली पहुंची थी. 108 दिनों में इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ तमिलनाडु, महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के नेता भी उनके साथ आए और वैसी ही कोशिश यूपी को लेकर भी है.

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