देश की आर्थिक स्थिति हो रही है बदतर, आने वाले समय में राज्य वेतन दे पाने में भी होंगे अक्षम?- ममता

देशभर में बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष है हमलावर, कांग्रेस के बाद TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने भी खोला बीजेपी के खिलाफ मोर्चा, बोली ममता- मैं केंद्र से ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने और अस्थायी रूप से टोल टैक्स को बंद करने का करती हूं अनुरोध, साथ ही केंद्र सरकार GST की समय सीमा को बढ़ा दे 5 साल'

'देश बढ़ रहा है आर्थिक संकट की ओर...'
'देश बढ़ रहा है आर्थिक संकट की ओर...'

Politalks.News/RisingInflation. राज्यों के चुनाव परिणाम सामने आने के बाद महंगाई ने ऐसी रफ़्तार पकड़ी है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही. पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. बढ़ती महंगाई के कारण लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. दो साल कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन और बढ़ती बेरोजगारी के कारण पहले ही आम आदमी की कमाई घट चुकी है. बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए सरकार कुछ भी करती नजर नहीं आ रही है. इसे लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर. इसी कड़ी में आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने बढ़ती महंगाई पर चिंता जताई. ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘देश की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, मुझे संदेह है कि आने वाले दिनों में राज्य वेतन दे पाने में भी सक्षम होंगे. यह बहुत बड़ी चिंता है.’

देश में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. विशषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो जिस तरह के हालात आज श्रीलंका में पैदा हुए हैं ठीक वैसे ही हालत भारत में पैदा हो सकते हैं. इस चिंता को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अनभिज्ञ नहीं है लेकिन अब तक इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. बढ़ती महंगाई को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इसी क्रम में आज बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘देश की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.

यह भी पढ़े: श्रीलंका में बदतर हुए हालात, इसी दिशा में भारत को ले जाने की कोशिश में मोदी सरकार- गहलोत

ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘केंद्र सरकार को निश्चित रूप से राज्यों के लंबित जीएसटी बकाये का भुगतान करना चाहिए.’ पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘ईंधन की कीमतों में वृद्धि लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है. मैं केंद्र से ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने और अस्थायी रूप से टोल टैक्स को बंद करने का अनुरोध करती हूं. इसके साथ ही मैं केंद्र सरकार से GST की समय सीमा को 5 साल के लिए बढ़ाने का भी अनुरोध करती हूं.’ यहां आपको बता दें कि 5 राज्यों के चुनाव परिणाम जारी होने के बाद पिछले 16 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है.

ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘देश एक आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है, जबकि केंद्र या तो सीबीआई या राज्यपाल के माध्यम से विपक्षी दल शासित राज्यों को निशाना बनाने में व्यस्त है. भारत की स्थिति बहुत ख़राब है हम देख सकते हैं कि श्रीलंका में क्या हो रहा है. श्रीलंका की तुलना में भारत की स्थिति बहुत ज्यादा बेहतर नहीं है. मैं भारत की तुलना नहीं कर रही हूं लेकिन अब तक इस पर कोई भी योजना नहीं बनाई गई है.’

वहीं आज विपक्षी दलों ने राज्यसभा और लोकसभा में बढ़ती महंगाई को लेकर चर्चा करनी चाही लेकिन सरकार इससे मुंह मोड़ती रही. कांग्रेस के साथ साथ आज टीएमसी सांसदों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ सदन में प्रदर्शन किया. टीएमसी नेताओं ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्या तुम सुन रहे हो? आपने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के बारे में सभी चर्चाओं से परहेज किया है, आप अपने लोगों की तलाश करने में विफल रहे हैं.’ हालंकि आज सदन में बढ़ती महंगाई को लेकर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं की गई और लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.

यह भी पढ़े: पंजाब तो ठीक है लेकिन अन्य चुनावी राज्यों में केजरीवाल के पास नहीं ‘मान’, उधारी के भरोसे पार्टी!

सियासी जानकारों का मानना है कि, ‘पिछले सात सालों में केंद्र ने उत्पाद शुल्क के नाम पर लाखों करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा किया है. ईंधन की अगर बात की जाए तो फिलहाल प्रति लीटर करीब सत्ताईस रुपए उत्पाद शुल्क वसूला जाता है. केंद्र सरकार ये अच्छे से जानती है कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों की वजह से महंगाई पर अंकुश लगाना कठिन बना हुआ है. लेकिन फिर भी वह पिछली कमाई से इसकी भरपाई के बारे में क्यों नहीं सोचती. महंगाई का असर हर आम नागरिक पर पड़ रहा है. खासकर पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार को विपक्ष के साथ बैठकर विचार-विमर्श करना चाहिए लेकिन वह भागती नजर आती है जिसका जवाब कोई नहीं जानता.

Google search engine