पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान.प्रदेश में आगामी 19 जून को राजस्थान की 3 सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. गुजरात में कांग्रेस के 8 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब राजस्थान में भी कांग्रेस को विधायकों की खरीद फरोख्त का डर सता रहा है. मंगलवार को कुछ कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों ने सीएम गहलोत से इस बात की शिकायत भी की कि दिल्ली से उन्हे फोन कर लालच दिया जा रहा है. इसके बाद सीएम गहलोत ने बुधवार शाम अपने निवास पर कांग्रेस सहित निर्दलीय विधायकों को बैठक के लिए बुलाया. इसके बाद अचानक रणनीति में फेरबदल हुआ और सीएम आवास से सभी विधायकों को बस द्वारा दिल्ली रोड स्थित शिव विलास होटल के लिए रवाना किया गया.
सूत्रों की माने तो विधायकों को अचानक दिल्ली रोड स्थित रिसोर्ट में भेजने कि असल वजह यह थी कि विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए एक बडा बजट प्रदेश में भिजवाया गया है. गुप्तचर एंजेंसियों के माध्यम से सीएम गहलोत की इसकी सुचना मिली तो सीएम गहलोत ने सभी कांग्रेस और पार्टी समर्थित निर्दलीय विधायकों को बैठक के लिए स्थान परिवर्तित किया. इसके बाद बुधवार रात शिव विलास होटल में सभी विधायकों की बैठक हुई जिसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस आब्जर्वर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सम्बोधित कर एकजुटता का पाठ पढाया और चुनाव के लिए रणनीति पर मंथन किया.
होटल शिव विलास में आयोजित हुई इस अहम बैठक में कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार करीब 115 कांग्रेस और निर्दलिय विधायक शामिल हुए. वहीं कुछ विधायक निजि कारणों के चलते इस बैठक में हाजिर नहीं हो सके. बुधवार देर रात तक चली इस बैठक के बाद अधिकांश विधायक अपने घर रवाना हुए. गुरूवार शाम एक फिर से कांग्रेस व निर्दलिय विधायकों की बैठक सीएम गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित होगी इसमें प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, राज्यसभा प्रत्याशी केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहेंगे.
इससे पहले राजस्थान सरकार में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसीबी के डीजी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि कांग्रेस और अन्य निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन देकर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. जोशी ने एसीबी के महानिदेशक को भेजी शिकायत में कहा है,’ अति विश्वस्त सूत्रों से मेरी जानकारी में आया है कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश व गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी हमारे विधायकों व हमारा समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों को भारी प्रलोभन देकर राज्य की लोकतांत्रिक तौर से चुनी हुई जनसेवा को समर्पित सरकार को अस्थिर करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है’. जोशी ने इस तरह के लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि उन्होंने अपने पत्र में ऐसा प्रयास करने वाली किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया है
कांग्रेस विधायकों की इस बैठक को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि हाॅर्स ट्रेडिंग का राग अलापने वाली कांग्रेस पार्टी अपनी ही पार्टी के विधायकों के संभावित विद्रोह, आंतरिक गुटबंदी व खींचातानी के कारण से मजबूर होकर राज्य सभा चुनाव से एक सप्ताह से ज्यादा समय पहले पांच सितारा होटल में बाड़ा बंदी का कदम उठाना पड़ा. जिससे यह सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व को लेकर भयंकर विद्रोह जो अब सतह पर आ गया है, नेतृत्व के कमजोर मनोबल व असुरक्षा की भावना के कारण बाडाबंदी जैसे अलोकतांत्रिक कदम उठाने के लिए सरकार मजबूर हुई है.
राठौड़ ने आगे कहा कि राज्य सभा का चुनाव अंक गणित का खेल है तथा पर्याप्त मत होते हुए भी कांग्रेस में यह असुरक्षा का भाव यह दर्शा रहा है कि कांग्रेस पार्टी विघटन की ओर बढ़ रही है तथा हाॅर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाने वाली कांग्रेस पार्टी खुद ही, हाॅर्स ट्रेडिंग में पूर्णतया लग गई है.
बता दें, प्रदेश में तीन राज्यसभा सीटों के चुनाव के लिए 19 जून को मतदान होगा. कांग्रेस ने दो सीटों के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस महासचिव नीरज डांगी को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस का दावा है कि उनके पास निर्दलीय विधाय़कों को मिलाकर 125 वोट हैं. ऐसे में कांग्रेस की दो सीट पर जीत पक्की है. लेकिन बीजेपी की कोशिश है कि सरकार से नाराज चल रहे कांग्रेस विधायकों में सेंधमारी की जाए और निर्दलीय विधायकों को भी साथ लिया जाए. इसी के चलते बीजेपी ने इस चुनाव में एक सीट का बहुमत होने के बाद भी राजेन्द्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को टिकट दिया है. इसमें राजेन्द्र गहलोत की जीत को तय है लेकिन लखावत को जीत के लिए कम से कम 25 वोट और चाहिए होंगे.
गौरतलब है कि मंगलवार को 10 से 12 कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत से शिकायत की थी कि उन्हें दिल्ली से फोन कर लालच दिया जा रहा है. सूत्रों की माने तो इन विधायकों से कहा गया कि पैसा लो, इस्तीफा दो. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कोरोना की चेन तोड़ने के बजाय विधायकों को तोड़ने में लगी है. भाजपा राज्यसभा सीट जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि 24 मार्च को जब राज्यसभा के लिए चुनाव स्थगित हुए थे. उस दौरान मैंने कहा था कि भाजपा ने हार्स ट्रेडिंग करने के लिए ऐसा किया है. कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात में हार्स ट्रेडिंग का खतरनाक खेल भाजपा पहले ही खेल चुकी है. राजस्थान में क्या देश में कहीं भी ऐसा कर सकती है. कोरोना काल के बीच में गुजरात में विधायकों को तोड़ रही है, जबकि भाजपा को कोरोना की लड़ाई में देश के साथ एक जुट होना चाहिए.
यह भी पढ़ें: ‘केंद्रीय नेताओं के कहने पर गिराई थी कमलनाथ सरकार’- शिवराज का ऑडियो वायरल होने के बाद गर्माई सियासत
सीएम गहलोत के बयान पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि वे इस तरह के लोगों पर ध्यान दें. इससे पहले तो मुख्यमंत्री पूरे आत्मविश्वास में थे कि राजस्थान में कुछ नहीं करने देंगे. लेकिन तीन चार दिन से मुख्यमंत्री के बयानों से साफ है कि कांग्रेस सरकार अंदरूनी तौर पर कमजोर हो चुकी है.
पूनियां ने आगे कहा कि कोरोना में भी प्रदेश की जनता को ईश्वर के भरोसे छोड़ दिया गया. कमजोर सरकार के सामने भाजपा को कुछ करने की आवश्यकता ही नहीं है, आज नहीं कल, कल नहीं तो परसों यह सरकार खुद ही हिट विकेट हो जाएगी. पूनियां ने कहा कि सरकार में अंदरूनी विरोध दिखता है, विश्वेंद्र सिंह और भरतसिंह सवाल उठा रहे हैं. मंत्री प्रभार वाले जिलों में नहीं जा रहे और सीएम गहलोत खुद अपने मुख्यमंत्री निवास से राजस्थान की जनता को भरोसा दिलाने में कितने कामयाब रहे हैं.