‘केंद्रीय नेताओं के कहने पर गिराई थी कमलनाथ सरकार’- शिवराज का ऑडियो वायरल होने के बाद गर्माई सियासत

शिवराज ने 15 वर्ष झूठ के बल पर सरकार चलायी, जनता ने सबक़ भी सिखाया लेकिन अभी भी निरंतर झूठ परोस रहे हैं- कमलनाथ, मोदीजी आपने लोकतंत्र की हत्या की है या आपके सीएम आदतन लफ्फाजी कर रहे हैं- एमपी कांग्रेस, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और राष्ट्रपति से भी अपील करेंगे- जीतू पटवारी

पॉलिटॉक्स न्यूज़/मध्यप्रदेश. राज्यसभा और 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले मध्यप्रदेश की सियासत में लगातार किसी न किसी कारण से भूचाल आ रहा है. ताजा मामले में एक वायरल ऑडियो के अनुसार मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार भाजपा के केंद्रीय नेताओं के कहने पर गिराई गई थी. जी हां, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर ये बात कहते हुए सुना गया है. ऑडियो के सामने आने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से आदेश मिला था. प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “मोदीजी आपने लोकतंत्र की हत्या की है या आपके सीएम आदतन लफ्फाजी कर रहे हैं.”

बताया जा रहा है कि वायरल ऑडियो इंदौर की एक रेजीडेंसी का है, जहां सीएम शिवराज सिंह सांवेर के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. उनके साथ पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद थे. तुलसी शिवराज कैबिनेट में मंत्री हैं. इस वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है. ऑडियो क्लिप में सीएम शिवराज को कथित तौर पर हिंदी में कहते हुए सुना गया है कि ‘केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए, नहीं तो ये सबकुछ बर्बाद कर देगी.’

क्या कहा सीएम शिवराज ने ऑडियो में?

“केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि सरकार गिरनी चाहिए. नहीं तो यह बर्बाद कर देगी, तबाह कर देगी और आप बताओ कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी भाई के बिना सरकार गिर सकती थी क्या‌? और कोई तरीका नहीं था. ये तो मंत्री वहां भी थे, मुख्यमंत्री बनने की तो नहीं सोची थी. अब कांग्रेस वाले कह रहे हैं कि गड़बड़ कर दी, घोटालाकर दिया.

मैं आज पूरे विश्वास और ईमानदारी के साथ इस मंच से कह रहा हूं, धोखा कांग्रेस ने दिया, धोखा सिंधिया और तुलसी सिलावट ने नहीं दिया. दर्द और कसक की वजह से मंत्री पद छोड़ दिया, जबकि सरपंच तक पद नहीं छोड़ते. आज सिंधिया जी और तुलसी भाई का मैं इसलिए स्वागत करता हूं कि भाजपा की सरकार बनाने के लिए मंत्री पद छोड़कर आए और अब हो रहे हैं चुनाव.

ईमानदारी से बताओ कि तुलसी अगर विधायक नहीं बने तो हम मुख्यमंत्री रहेंगे क्या? भाजपा की सरकार बचेगी क्या? हर भाजपा कार्यकर्ता की ड्यूटी है और कर्तव्य है कि तुलसी सिलावट चुनाव नहीं लड़ रहा, आप सब चुनाव लड़ रहे हैं, हम सब उम्मीदवार हैं.”

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कमलनाथ ने साधा निशाना

कथित वायरल ऑडियो के सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमकनाथ ने एक के बाद एक 4 ट्वीट करते हुए कहा कि, “मैं तो शुरू दिन से ही कह रहा था कि भाजपा ने मेरी बहुमत व जनादेश प्राप्त सरकार को जानबूझकर साज़िश-षड्यंत्र व प्रलोभन का खेल रच गिराया है क्योंकि मेरी सरकार किसानो का क़र्ज़ माफ़ कर रही थी, युवाओं को रोज़गार दे रही थी , महिलाओं को सुरक्षा देकर उनके सम्मान की रक्षा कर रही थी ,

मिलावट व माफ़ियाओ के ख़िलाफ़ अभियान चला रही थी, प्रदेश में निवेश ला रही थी, निरंतर जनहितैषी कार्य कर रही थी , भाजपा को यह सब सहन नहीं हुआ. उसे डर व भय था कि इन सब कार्यों से उसका वर्षों तक सत्ता में वापस लौटना नामुमकिन हो जायेगा.

अब तो इस बात की पुष्टि भी हो गयी और सच्चाई भी प्रदेश की जनता के सामने आ गयी कि मेरी सरकार को गिराने के लिये किस तरह की साज़िश व खेल रचा गया और उसमें कौन- कौन शामिल था. जो लोग कहते थे कि कांग्रेस की सरकार के पास बहुमत नहीं था, वो अपने असंतोष से गिरी, हमने नहीं गिरायी

उनके झूठ की पोल भी अब सभी के सामने आ चुकी है. शिवराज ने 15 वर्ष झूठ के बल पर सरकार चलायी, जनता ने सबक़ भी सिखाया लेकिन अभी भी निरंतर झूठ परोस रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास जाएंगे- कांग्रेस

पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने बुधवार को इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मुख्यमंत्री ने कल इंदौर में सच्चाई खुद बयां कर दी. कांग्रेस सरकार को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर सिंधिया के साथ मिलकर गिराया गया. भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व नहीं चाहता था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार चले. कांग्रेस शुरू से ही कहती आई है कि भाजपा ने साजिश रचकर सरकार गिराई. कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि शिवराज जी ने कर दी है.” जीतू पटवारी ने आगे कहा कि अब हम इस मामले पर विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और राष्ट्रपति से भी अपील करेंगे.

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद तन्खा का ट्वीट

यदि किसी भी सोर्स से प्राप्त यह ऑडीओ सही है तो देश के लिए अत्यंत शर्मनाक है. केंद्र के षड्यंत्र से विपक्ष की राज्य सरकारें गिराना भाजपा की अल्प काल में जीत ज़रूर है मगर हमारे समविधान और प्रजातांत्रिक मूल्यों की हार है. पैसे के दम सरकारें बनाना या गिराना छोटी मानसिकता का प्रतीक

इधर कथित ऑडियो क्लिप के वायरल होने पर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा शुरू से ही कांग्रेस के आरोपों को नकारती रही जबकि सभी ने देखा कि जो विधायक बेंगलुरु में बंधक बनाए गए, उनके साथ भाजपा नेता भी मौजूद थे. उनकी तस्वीरें भी सामने आईं मगर कल कल तो प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने खुद इंदौर के रेसीडेंसी कोठी में सांवेर के कार्यकर्ताओं की एक बैठक में सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार कर कांग्रेस के उन आरोपों पर मोहर लगा दी है. उन्होंने कहा कि अब पुष्टि हो गई है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इस साजिश और षड्यंत्र का हिस्सा था. जानबूझकर कांग्रेस सरकार को गिराया गया. कमलनाथ सरकार गिराने में सिंधिया की इसलिए मदद ली गई क्योंकि उनके बगैर सरकार नहीं गिर सकती थी. कांग्रेस में कोई असंतोष नहीं था. सरकार के पास पूर्ण बहुमत था.

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गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने अभी 24 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के बीच इसे लेकर गुणा-भाग जारी है. उपचुनाव सितंबर में संभावित हैं. 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में अभी 206 सदस्य हैं. इसमें 107 भाजपा के और 92 कांग्रेस के 92 सदस्य हैं. चार निर्दलीय, एक समाजवादी पार्टी और दो बसपा विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं. वर्तमान में बहुमत का आंकड़ा 104 है.

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