राज्यसभा चुनाव से पहले बीजेपी को झटका, सिंधिया और उनकी मां हुए कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में भर्ती

राज्यसभा चुनाव का पर्चा भरने के बाद मार्च में दिल्ली रवाना हुए थे सिंधिया, कुछ दिनों से खराश और बुखार की थी शिकायत, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में लगे डॉक्टर्स, बीजेपी को चुकानी पड़ सकती है भारी कीमत, जीतू पटवारी सहित कई नेताओं ने की जल्दी स्वास्थ्य लाभ की कामना

Scindia
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पॉलिटॉक्स न्यूज/मध्यप्रदेश. आगामी राज्यसभा चुनाव और एमपी में उपचुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद बुरी खबर आयी है. बीजेपी नेता और एमपी से राज्यसभा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया कोरोना से ग्रसित हो गए हैं. उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. सिंधिया के साथ उनकी मां माधवी राजे सिंधिया की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी है. दोनों को दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है. सिंधिया को पिछले कुछ दिनों से गले में खराश और बुखार की शिकायत थी लेकिन उनकी मां में कोई लक्षण नहीं थे. इसके बाद मां-बेटे का कोरोना टेस्ट किया गया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी.

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया को कोरोना के बाद डॉक्‍टर उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में लग गए हैं. उनके पूरे परिवार की स्वास्थ जांच कराई जा रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी माताजी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अब दोनों के संपर्क में आए लोगों को क्वारनटीन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. साथ ही संक्रमण के सोर्स की तलाश की जा रही है. मामले के सामने आते ही सिंधिया के पुराने साथी और कांग्रेसी नेता जीतू पटवारी के साथ सीएम शिवराज सिंह ने ट्वीट कर सिंधिया और उनकी माताजी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.

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एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके सुपुत्र जयवर्धन सिंह ने भी ट्वीट कर सिंधिया के शीघ्र स्वस्थ होने और दीर्घायु होने की कामना की है.

बीजेपी की ओर से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल से सीधे दिल्ली आ गए थे. इसके बाद जब लॉकडाउन की घोषणा हुई, तब से वे दिल्ली में ही हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर नहीं आए. मध्‍य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर चल रही तैयारियों के लिए भी समर्थक उनका इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब लगता है कि समर्थकों का इंतजार लंबा होने वाला है.

गौरतलब है कि सिंधिया को बीजेपी ने एमपी से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया है. 19 जून को वोटिंग है. ऐसे में अस्पताल में इलाज चलने से वे चुनावी प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे. हालांकि उनका जीतना तय है लेकिन राज्यसभा चुनाव के तुरंत बाद एमपी में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव का ऐलान होता है तो ये सिंधिया और बीजेपी के लिए बड़ा झटका होगा. एमपी चुनाव प्रभारियों में सिंधिया को भी एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है, साथ ही उनके प्रभाव क्षेत्र यानि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में आने वाली 16 सीटों को जीताने की जिम्मेदारी भी सिंधिया के कंधों पर है. अगर चुनाव तारीखों का जल्दी ऐलान होता है तो ये बीजेपी के लिए किसी जलजले से कम नहीं होगा.

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बता दें, मार्च महीने में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ लाव लवाजमे के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे. इससे पहले वे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव थे. सिंधिया सहित उनके 22 समर्थकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सिंह की फिर से ताजपोशी हो गई. इसके ऐवज में बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश से राज्यसभा का टिकट भी दिया है. ज्योतिरादित्य मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं. बीते साल हुए लोकसभा चुनावों में उन्हें इसी सीट से हार नसीब हुई थी.

याद दिला दें, इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. उन्‍हें गुरुग्राम के मेंदाता अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका इलाज चला. 8 जून को ही उन्हें अस्‍पताल से छुट्टी मिली है. कोरोना वायरस की जंग जीतकर लौटे पात्रा को पूरी तरह ठीक होने के बाद भी कुछ दिनों तक घर में ही क्‍वारंटाइन रहना होगा.

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