‘पद की गरिमा कायम रखें..’ गृहमंत्री शाह पर बरसे शरद पवार

केंद्र में मंत्री अमित शाह को मर्यादा में रहने की नसीयत दे डाली एनसीपी-एसपी सुप्रीमो शरद पवार ने,  सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले को लेकर कसा करारा तंज

sharad pawar on amit shah
sharad pawar on amit shah

Maharashtra Politics: भारतीय राजनीति के ​’भीष्मपिता’ माने जाने वाले एनसीपी-एसपी के मुखिया शरद पवार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पद की गरिमा कायम रखने और मर्यादा में रहने की सलाह दी है. बीते दिनों अमित शाह ने शरद पवार पर ​कुछ टिप्पिणयां कसी थी. इस पर शरद पवार ने उन्होंने कटुता को कम करने की नसीयत भी दी. शरद पवार ने कहा कि 1978 में मैं मुख्यमंत्री था, तब राजनीति में पक्ष-विपक्ष के बीच इतनी कटुता नहीं थी. उस समय जन संघ के उत्तम राव पाटिल जैसे लोग भी मेरी मिनिस्ट्री में थे. इसके बाद जब वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे, तो उन्होंने मुझे आपदा मैनेजमेंट अथॉरिटी का अध्यक्ष बनाया था. मेरे विपक्ष में होने के बावजूद उन्होंने मुझे जिम्मेदारी दी थी.

पवार ने शाह पर तंज कसते हुए कहा कि इस देश ने कई बेहतरीन गृह मंत्री देखे हैं, लेकिन उनमें से किसी को भी अपने राज्य से बाहर नहीं निकाला गया. उनका इशारा सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में 2010 में शाह को दो साल के लिए गुजरात से बाहर निकाले जाने की ओर था. हालांकि 2014 में शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था.

यह भी पढ़ें: दिल्ली विधानसभा चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के लिए अग्नि परीक्षा, अकेला पड़ा ‘हाथ’

दरअसल, 12 जनवरी को अमित शाह ने शिरडी में बीजेपी के सम्मेलन में कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा की जीत ने 1978 में पवार के द्वारा शुरू की गई विश्वासघात की राजनीति को 20 फीट जमीन में दफना दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि शरद पवार इतने साल किसान नेता रहे, देश में मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री रहे, किसान की आत्महत्या से महाराष्ट्र को मुक्त नहीं करा पाए. इस कथन पर शरद पवार ने पलटवार में शाह पर बरसते हुए उन्हें मर्यादा में रहने की नसीयत दे डाली.

संघ की मेहनत से लेनी चाहिए सीख

शरद पवार ने एक बार फिर संघ की तारीफ की लेकिन आइडियोलॉजी का समर्थन न करने की बात भी कही. पिछले दिनों भी उन्होंने आरएसएस की तारीफ की थी. उस पर सफाई देते हुए पवार ने कहा कि संघ की कड़ी मेहनत की वजह से महाराष्ट्र में भाजपा और महायुति को शानदार जीत मिली थी. संघ के लोगों ने कड़ी मेहनत की और उनसे हमें सीखना चाहिए. वे जिस तरह से उनके लोग मेहनत करते हैं, वह उनका समर्थन करते हैं.

Google search engine