पॉलिटॉक्स न्यूज/एमपी. मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों पर 19 जून को वोटिंग होनी है. दो सीटों पर बीजेपी की जीत तकरीबन तय है, इसके बावजूद एमपी बीजेपी किसी भी तरह विधायकों के मामले में कोई ढिलाई नहीं रखना चाहती. यही वजह है कि वोटिंग से दो दिन पहले ही सभी पार्टी विधायकों को पार्टी ऑफिस में आने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. रात्री भोज भी पार्टी ऑफिस में रखा गया है. भोज के बहाने विधायकों की संख्या पर भी कड़ी निगाह रखी जाएगी ताकि अगर कोई आंतरिक फूट है तो उसका भी पता चल सके. इसके लेकर बुधवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की प्रदेश के पार्टी दफ्तर में बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी पहुंचे. राज्यसभा वोटिंग के लिए गुरुवार को पार्टी ऑफिस में ही मॉकपोल होगा. इधर कांग्रेस कार्यालय में भी पार्टी विधायकों का जमावड़ा शुरु हो चुका है.
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कोरोना संकट और विधानसभा उप चुनाव के चलते राज्यसभा चुनाव को रोकने की याचिका में सुप्रीम कोर्ट दखल देने से पहले ही इनकार कर चुका है. ऐसे में चुनाव होना तय है. इसी के चलते बीजेपी की ओर से दिल्ली से पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजे पांडा और प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भी शाम तक भोपाल पहुंच रहे हैं. ये सभी तीन दिन तक भोपाल में ही डेरा जमाएंगे और 19 जून की दोपहर बाद दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
सिंधिया के पहुंचने पर संयश बना
बीजेपी ने गुरुवार को शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक पार्टी दफ्तर में रखी है जिसमें राज्यसभा चुनाव का माॅकपोल होगा. पार्टी ने तमाम सीनियर नेताओं को यह जिम्मेदारी दे दी है कि वे अपने जिले व क्षेत्र के विधायकों के निरंतर संपर्क में रहें. राज्यसभा की दो सीटों पर बीजेपी की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी प्रत्याशी हैं. कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए अन्य नेताओं के भी बैठक में पहुंचने की संभावना है. हालांकि सिंधिया के बैठक में पहुंचने की अभी कोई जानकारी नहीं है. बीते दिनों उन्हें कोरोना संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वैसे तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है लेकिन उनके भोपाल पहुंचने की संभावना न के बराबर है.
कांग्रेस कार्यालय पहुंचे मुकुल वासनिक
इधर, राज्यसभा के चुनाव की तैयारियों को लेकर बुधवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर दोपहर 12 बजे से हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भी पहुंचे. बैठक में कांग्रेस के सभी विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य की गई थी लेकिन विधायक कुणाल चौधरी कोराेना संक्रमित होने के चलते बैठक में भाग नहीं ले सके. बैठक में माॅकपोल के जरिए विधायकों को वोट करने की जानकारी दी गई है. कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के उम्मीदवार पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का नाम प्रथम वरीयता में रखा गया है. दूसरे उम्मीदवार के तौर पर फूल सिंह बरैया मैदान में हैं जिनका सीधा मुकाबला बीजेपी के सुमेर सिंह सोलंकी से है.
कांग्रेस को विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से एक सीट मिलना पक्का है, लेकिन उसकी निगाहें दूसरी सीट पर हैं. दूसरी सीट के लिए कांग्रेस को मौजूदा विधायकों के अलावा 12 अन्य विधायकों की जरूरत होगी, जो करीब करीब नामुमकिन है. 4 निर्दलीय, 2 बसपा और सपा के इकलौते विधायक के बाद कांग्रेस को 5 विधायकों की जरूरत है.
ये है वोटों का समीकरण
राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में है. ऐसे में चुनाव होना तय है. एमपी विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं जिनमें से 24 सीटें विधायकों के इस्तीफा देने से खाली हैं. बीजेपी के पास 107 विधायक तो कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं. बसपा के 2, सपा का 1 और 4 निर्दलीय हैं जिनमें से दो का बीजेपी एवं दो का कांग्रेस को समर्थन है. सीट प्राप्ति के लिए प्रत्येक सीट पर 52 वोटों की जरूरत है. ऐसे में अगर बीजेपी में सभी विधायक मौजूद रहते हैं और सोलंकी के समर्थन में वोटिंग करते हैं तो दो सीटे बीजेपी की झोली में गिरेंगी जो करीब करीब तय है. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस की तरफ से केवल दिग्गी राजा ही उच्च सदन पहुंचेंगे. बरैया को इंतजार करना होगा.
कुणाल चौधरी भी देंगे वोट
कोरोना पॉजिटिव पाए गए कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी राज्यसभा चुनाव के लिए वोट करेंगे. इसके लिए उन्हें पीपीई किट पहनना होगी. वहां मौजूद अमला भी पीपीई किट पहनेगा. चौधरी ने कहा कि वोट देना उनका अधिकार है. जो भी प्रोटोकॉल है, उसका पालन करूंगा. एक के बजाय यदि दो किट भी पहनना पड़ी तो भी वोट जरूर दूंगा.