Politalks.News/Rajatshan. रेयर डिजिज डे (Rare Disease Day) पर लाइलाज बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (muscular dystrophy) से ग्रसित दिव्यांग बच्चों से मिलकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) भावुक हो गईं. सोमवार को जयपुर स्थित मैडम राजे के निवास पर ये बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पहुंचे थे. जब इस बात की जानकारी मैडम राजे को लगी तो वे तुरंत इन बच्चों से मिलने पहुंचीं. एक ओर जहां मैडम राजे इनके बीच पहुंचकर भावुक (Madam Raje gets emotional) हो गईं, तो वहीं ये बच्चे और इनके परिजन काफी उत्साहित नजर आए. मैडम राजे ने इन बच्चों की तकलीफ को जान तुरंत ही आयुक्त विशेष योग्यजन और आरयूएचएस के वीसी से फोन पर बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.
‘हम भी राजस्थानी है, हम भी सम्मान पूर्वक जीना चाहते हैं’
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज जब रेयर डिजिज डे पर लाइलाज बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित दिव्यांग बच्चों ने से मुलाकात कर रही थीं तो मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण ये बच्चे अपनी वेदना पूर्व सीएम को नहीं बता सकते थे, इसलिए उनका दर्द उनके परिजनों ने ही बयां किया. इस दौरान इन बच्चों के हाथ में पम्पलेट थे, जिन पर लिखा था- ‘हम भी राजस्थानी है, हम भी सम्मान पूर्वक जीना चाहते हैं‘.
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बजट में मांगों पर नहीं हुआ कोई विचार- परिजन
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित इन बच्चों के अभिभावकों ने सरकार से मदद की मांग की है. इनका कहना था कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक विशेष जानलेवा बीमारी से ग्रसित इन बच्चों को मदद की जरुरत है और इसको लेकर राज्य सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं है. परिजनों ने बताया कि इस बजट से पहले भी विभाग को इस बारे में जानकारी दी गई थी लेकिन मांग पर कोई विचार नहीं किया गया.
मैडम ने बच्चों को दुलारा, आयुक्त से की फोन पर बात
आपको बता, इन मासूम बच्चों के बीच जाकर पूर्व सीएम मैडम राजे भावुक हो गईं. इस दौरान जब इनमें से एक बच्चा पीयूष रोने लगा तो पूर्व सीएम ने उसे उसकी व्हील चेयर पर घुमाया और उसे दुलार दिया. इसके बाद मैडम राजे ने इस मामले को लेकर आयुक्त विशेष योग्यजन गजानंद शर्मा और आरयूएचएस के वीसी डॉ.सुधीर भंडारी से बात की. मैडम राजे ने बच्चों के अभिभावकों को हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिलाया.
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एक लाइलाज बीमारी है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी
आपको बता दें कि, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक लाइलाज बीमारी है जो कि वंशानुगत होती है. इस बीमारी में धीरे-धीरे बच्चे की सारी मांसपेशियां सिकुड़ने लगती है और वह कम उम्र में ही बेहद कमजोर होता चला जाता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह बीमारी पूरे शरीर में फैलती जाती है. इसे धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी भी कहते हैं. इन अभिभावको की मांग है कि उनकी देखभाल व इलाज के लिये राज्य सरकार की ओर से प्रति माह 15 हज़ार रुपए दिए जायें, आंध्रप्रदेश तो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित कई अन्य गम्भीर बीमारियों के लिए मासिक सहायता का प्रावधान है पर जबकि राजस्थान में नहीं है.
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का कोई संतोषजनक उपचार अभी तक नहीं मिल पाया है. वैज्ञानिक इस बीमारी के लिए जिम्मेदार डिफेक्टिव जीन्स की पड़ताल में लगे है. शुरुआती चरण में रोग की पहचान इसके इलाज में काफी मददगार हो सकती है.