Politalks.News/Rajasthan. ओबीसी आरक्षण में विसंगति को लेकर अपनी ही गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में सरकार हमारी है, लेकिन हमारी सरकार होने के बावजूद न्याय का लोकतांत्रिक माध्यम यही है कि हम इन लोगों के साथ खड़े रहे. चौधरी ने कहा कि ओबीसी वर्ग के जंगल में आग लगी हैं और हम सरकार के नाम पर घूंघट ओढ़ कर बैठ जाएं या फिर चिड़िया के भांति उस आग को बुझाएं. दरअसल, हरीश चौधरी पिछले कुछ समय से अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में विसंगतियों को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं. इसी कड़ी में बीते रोज मंगलवार को हरीश चौधरी और राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम के आह्वान पर श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में आयोजित महापड़ाव में शामिल होने के लिए बाड़मेर, जोधपुर और नागौर से लेकर पूरे राजस्थान के अलग अलग हिस्सों से हजारों लोग पहुंचे. इस दौरान हरीश चौधरी ने कहा कि ओबीसी वर्ग को संविधान की ओर से दिए गए 21 प्रतिशत आरक्षण का भी लाभ एक्स सर्विसमैन और पूर्व सैनिक को हॉरिज़ॉन्टल आरक्षण और गलत रोस्टर की वजह से नहीं मिल पा रहा है. चौधरी ने प्रदेश के युवाओं से इस लड़ाई में साथ देने का आह्वान किया.
महापड़ाव में आए लोगों को संबोधित करते हुए गहलोत सरकार में मंत्री रहे हरीश चौधरी ने कहा कि मुझे भले ही सबसे अंतिम कतार में बैठना पड़े लेकिन मैं मीडिया के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि आप उन लोगों से सवाल कीजिए कि अगर हम लोगों का ये हक और अधिकार नहीं है तो हमें मना कर दीजिए. हम ओबीसी के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है. वहीं बभाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया द्वारा खुद की सरकार होने और राजनीति करने के आरोपों का जवाब देते हुए हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में सरकार हमारी है, लेकिन हमारी सरकार होने के बावजूद न्याय का लोकतांत्रिक माध्यम यही है कि हम इन लोगों के साथ खड़े रहे. चौधरी ने कहा कि ओबीसी वर्ग के जंगल में आग लगी हैं और हम सरकार के नाम पर घूंघट ओढ़ कर बैठ जाएं या फिर चिड़िया के भांति उस आग को बुझाएं.
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इसके साथ ही राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का लाभ प्रदेश के युवाओं को मिल नहीं रहा है. मील ने 2018 में वर्टिकल आरक्षण को होरिज़ेंटल करने और रोस्टर को सही ढंग से लागू नहीं करने का आरोप सरकार पर लगाया. महापड़ाव के बाद हजारों की संख्या में छात्रों के साथ रैली करते हुए दोनों नेताओं ने एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और ओबीसी आरक्षण में विसंगति दूर करने की मांग की. महापड़ाव के बाद यहां मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर विसंगतियां दूर करने की मांग भी की गई.