Politalks.News/Rajasthan. बैंकों का ऋण नहीं चुका पाने के कारण किसानों की जमीन नीलामी के मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. हालांकि गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने किसानों की जमीन नीलामी पर प्रदेश में रोक (Prohibition on auction of farmers’ land in the state) लगा दी है. इस बीच दौसा के लालसोट में पिछले दिनों कर्ज नहीं चुका पाने के कारण कथित किसान आत्महत्या मामले में भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) पीड़ित किसान परिवार को साथ लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास (CM House) पर धरना देने पहुंच गए. लेकिन मुख्यमंत्री निवास के ठीक पहले पुलिस ने सांसद मीणा और अन्य प्रदर्शनकारियों को रोक लिया.
आपको बता दें, लालसोट के रामगढ़ पचवारा में कजोड़ नाम के किसान ने बैंक से कर्जा लिया था जो ब्याज सहित सात लाख के करीब हो गया. इस बीच किसान कजोड़ मल की मौत हो गई. इसके बाद बैंक के अधिकारियों ने किसान के दो बेटे से पैसे जमा करवाने के लिए 4 बार नोटिस दिया, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वो कर्ज नहीं चुका सके. जिसके बाद उनकी भूमि की नीलामी कर दी गई. इस मामले में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का आरोप है कि करोड़ों की जमीन नीलामी में ओने पौने दाम में बेच दी गई.
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वहीं, गुरुवार को किसानों की कर्ज माफी और कर्ज के चलते किसानों की मौत पर मुआवजा देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे सांसद किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस प्रशासन मुख्यमंत्री कार्यालय लेकर पहुंचा. यहां पर किरोड़ी लाल मीणा की मुलाकात मुख्यमंत्री की सचिव आरती डोगरा से हुई. मुलाकात के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने भले ही किसानों की भूमि नीलामी पर रोक लगा दी हो लेकिन नीलामी स्थगित करने से काम नहीं चलेगा. सरकार को नीलामी निरस्त करनी होगी और जिन किसानों पर कर्ज है उसे माफ किया जाए. इसके साथ ही सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि दौसा के जिला कलेक्टर से अधिकारियों की बात कराई गई है. अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि पीड़ित परिवार को आर्थिक पैकेज दिया जाएगा.
इसके साथ ही राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा कि किसानों की जमीन नीलामी रोक का जो बिल राज्यपाल के पास अटका हुआ है, उसे निकलवाने की जिम्मेदारी भी सरकार की थी. सरकार आखिर राज्यपाल से क्यों अपनी बात नहीं मनवा पाई कि जो बिल विधानसभा में पास हो चुका है उसे राज्यपाल निकालें.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेशभर में कृषि भूमि नीलामी पर लगाई रोक
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज प्रदेश में कृषि भूमि नीलामी पर रोक लगाने के निर्देश दे दिए हैं. बता दें, गहलोत सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किए हैं और भारत सरकार से आग्रह किया है कि व्यावसायिक बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें. गहलोत सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने के लिए तैयार है. इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था, लेकिन अभी तक राज्यपाल की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है. सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे दुख है कि इस कानून के नहीं बनने के कारण ऐसी नौबत आई. मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमति मिलेगी, जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी.