Politalks.News/Haryana. केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का जहां पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार को बड़ा सियासी फायदा मिल रहा है तो वहीं हरियाणा की खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने बहुमत खो दिया है और कांग्रेस विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लगाएगी. बीएस हुड्डा ने आरोप लगाते हुए कहा कि खट्टर सरकार के गठबंधन सहयोगी के विधायक ही कह रहे हैं कि यह सबसे भ्रष्ट सरकार है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को कहा कि इस सरकार ने लोगों और विधायकों का विश्वास खो दिया है, इसलिए हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे. हुड्डा ने कहा कि सरकार को समर्थन देने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और गठबंधन सहयोगी पार्टी के कुछ विधायकों ने कहा कि यह सबसे भ्रष्ट सरकार है.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह भी कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ फिर से वार्ता शुरू करनी चाहिए ताकि मुद्दे का समाधान हो. हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि, ”सरकार को जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए. सरकार को वार्ता की प्रक्रिया शुरू करने की पहल करनी चाहिए और किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए.”
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इसके साथ ही ईडी द्वारा वर्ष 2013 में पंचकूला में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितता से जुड़े धन शोधन मामले में पूर्व सीएम हुड्डा और चार सेवानिवृत्त अधिकारियों समेत कुछ अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जाने के मामले में भी मीडिया ने हुड्डा से सवाल किए. अपनी जान-पहचान वालों को भूखंडों के आवंटन के आरोपों को लेकर पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि ”यह सारा मामला राजनीति से प्रेरित है और मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, सारी चीजें साफ हो जाएंगी.”
वहीं हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व सीएम हुड्डा ने दावा किया कि बिजली विभाग में सब डिविजनल अधिकारियों की नियुक्ति में दूसरे राज्यों के युवाओं को तरजीह दी गई. हुड्डा ने कहा कि, ”एक तरफ सरकार दावा करती है कि वह हरियाणा के लोगों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी 75 प्रतिशत आरक्षण देगी लेकिन सरकार अन्य भर्तियों में स्थानीय युवाओं के बजाए बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों के लोगों को नौकरियां दे रही है.” हुड्डा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की नीतियों के कारण रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे.
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दूसरी तरफ पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के पुत्र और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इनेलो नेता अभय चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि इस्तीफा देने से सरकारें नहीं गिरतीं. बल्कि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्ष को एकजुटता दिखानी चाहिए थी. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि चौटाला के इस्तीफा देने से बीजेपी को लाभ मिला है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में महंगाई चरम सीमा पर है. सरकार ने पिछले पांच साल में किसानों के समर्थन मूल्य में हुई 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जबकि पेट्रोल-डीजल के दामों में 90 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई.