पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना के संकट काल में पाकिस्तान जिन आर्थिक परिस्थितियों से जूझ रहा है, वो किसी से भी छिपा हुआ नहीं है. इसके बावजूद पड़ौसी देश के प्रधानमंत्री जनाब इमरान खान ने एक रिपोर्ट पर विश्वास करते हुए भारत को सहायता पहुंचाने की बात कही. दरअसल, इमरान खान ने गुरुवार को एक रिपोर्ट का दावा करते हुए ट्वीट किया कि भारत में 34 फीसदी परिवारों को अगर अगले एक हफ्ते में आर्थिक मदद नहीं मिली, तो संकट पैदा होगा. ऐसे मुश्किल के समय में हम भारत की मदद करना चाहते हैं. इमरान के इस प्रस्ताव का भारत के विदेश मंत्रालय ने शानदार जवाब देते हुए शानदार जवाब देते हुए अपनी मदद अपने पास रखने की नसीयत दी. साथ ही कहा कि जितनी पूरे पाकिस्तान की जीडीपी है, उतना तो हमारा कोरोना पैकेज है.
दरअसल, इमरान खान ने गुरुवार को एक रिपोर्ट का दावा करते हुए टवीट किया कि भारत में 34 फीसदी परिवार ऐसे हैं जिन्हें अगले एक हफ्ते में अगर आर्थिक मदद नहीं मिले, तो वो सर्वाइव नहीं कर पाएंगे. मैं इस मामले में भारत की मदद करने को तैयार हूं कि किस तरह कैश को इन लोगों को सीधे ट्रांसफर किया जाए.
Acc to this report, 34% of households across India will not be able to survive for more than a week without add assistance. I am ready to offer help & share our successful cash transfer prog, lauded internationally for its reach & transparency, with India.https://t.co/CcvUf6wERM
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 11, 2020
इमरान खान के इस आॅफर पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा प्रोत्साहन पैकेज पाकिस्तान की जीडीपी जितना बड़ा है. पाकिस्तान के पीएम को बेहतर सलाह मिलनी चाहिए. साथ ही विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद को लोन संकट की भी याद दिलाई.
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विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि भारत का राहत पैकेज पाकिस्तान के GDP जितना बड़ा है. पाकिस्तान टेरर फंडिंग के लिए देश से बाहर कैश ट्रांसफर को लेकर जाना जाता है.
इधर पाक पीएम ने ढींगे हांकते हुए दावा किया कि दुनियाभर में पाकिस्तान की तकनीक की तारीफ हुई है. हमारी सरकार ने 9 हफ्तों में 120 बिलियन रुपये एक करोड़ परिवारों को ट्रांसफर किए हैं. साथ ही कोरोना संकट के बीच उनकी सरकार ने गरीबों की मदद की है.
पाक से नहीं बल्कि नेपाल से चल रहा विवाद
मौजूदा समय में भारत का पाकिस्तान से नहीं बल्कि नेपाल से सीमा विवाद चल रहा है. भारत के बार बार मना करने के बाद भी नेपाल ने भारत के कुछ क्षेत्रों को अपनी सीमा में दिखाया है. विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने का प्रयास जारी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद सैन्य और राजनयिक स्तर से सुलझाने की कोशिश जारी है. दोनों देश सीमा क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द स्थिति को हल करने के लिए अपनी सैन्य और राजनयिक व्यस्तता बनाए रख रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि नेपाल की सभ्यता के साथ हमारा गहरा संबंध है. कोरोना संकट के दौर में भी भारत नेपाल के संपर्क में है और दोनों देशों में जारी लॉकडाउन के बावजूद चीजें जमीन पर अच्छी तरह से काम कर रही हैं.