जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का फैसला होने के बाद चीन और पाकिस्तान की तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. नक्शे के मुताबिक कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा है और लद्दाख के एक हिस्से अक्साइ चिन पर चीन का कब्जा है. राज्य पुनर्गठन प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर को दो भागों में विभाजित करते हुए लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया है, जबकि जम्मू-कश्मीर अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा. गृहमंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा हमने POK और अक्साई चिन को भारत का हिस्सा माना है. अमित शाह के इस बयान के बाद चीन और पाकिस्तान की धड़कनें बढ़ गई हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) और अक्साई चिन सहित पूरा जम्मू कश्मीर भारत का ‘अभिन्न अंग’ है. अमित शाह ने कहा कि पीओके पर आज भी भारत का दावा उतना ही मजबूत है जितना पहले था. लोकसभा में अनुच्छेद 370 संबंधी संकल्प एवं राज्य पुनर्गठन विधेयक को चर्चा के लिये रखते हुए शाह ने कहा, ” जब-जब मैंने जम्मू-कश्मीर बोला है तब-तब इसमें पीओेके और अक्साई चिन भी समाहित हैं.” उन्होंने कहा कि काफी सदस्यों के मन में यह बात है कि यह संकल्प और विधेयक की कानूनी वैधता क्या है?शाह ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, कश्मीर पर संसद ही सर्वोच्च है. कश्मीर को लेकर नियम कानून और संविधान में बदलाव करने से कोई नहीं रोक सकता.
चीन ने लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने पर एतराज किया है. बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि भारत एकतरफा तरीके से घरेलू फैसले करते हुए चीन की क्षेत्रीय स्वायत्तता में दखल देने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान, दोनों को चेतावनी दी कि वे एकतरफा तरीके से यथास्थिति को प्रभावित करने वाले फैसले न करे. इस पर भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह भारत का घरेलू मामला है. भारत कभी भी दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देता और उनसे भी यही उम्मीद करता है.
पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र में भारत के कश्मीर में धारा 370 हटाने के फैसले पर गंभीर विचार विमर्श किया गया. प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि इसके खतरनाक नतीजे होंगे और पुलवामा जैसे हमले बढ़ेंगे. इससे दोनों पड़ोसियों के बीच जंग के हालात भी बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) कश्मीर की जनता के साथ अन्याय कर रहे हैं. कश्मीरियों के विरोध कुचलने का प्रयास किया जा रहा है. मुझे आशंका है कि वहां स्थानीय आबादी को बेदखल करते हुए बाहरी लोगों की बसावट बढ़ जाएगी. अगर यह सिलसिला शुरू हुआ तो पुलवामा जैसे हमले बढ़ जाएंगे और इसके लिए वे हमें जिम्मेदार ठहराएंगे.
भारत और पाकिस्तान के बीच परंपरागत लड़ाई की आशंका व्यक्त करते हुए इमरान खान ने कहा कि इस जंग में कोई जीतने वाला नहीं है और इसका दुनिया भर में असर होगा. भारत में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का प्रस्ताव पारित होने के बाद पाकिस्तान में तेजी से घटनाक्रम घूम रहा है. संसद की बैठक हो गई. पाकिस्तान के राजदूत शिकायत संयुक्त राष्ट्र में शिकायत करने न्यूयार्क पहुंच गए हैं. पाकिस्तान इस्लामी देशों के संगठन ओआईसी से भी भारत की शिकायत कर चुका है. हालांकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इसे भारत का घरेलू मामला बताया है.
पाकिस्तान की चिंताओं के साथ चीन ने भी कदमताल शुरू कर दी है. कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले की सख्त आलोचना की गई है. सोमवार को पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रमुख मिशेल ब्रैचलेट से मुलाकात की और मौजूदा परिस्थितियों में अपनी चिंताओं से अवगत कराया. पाकिस्तान हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में भी याचिका दायर कर सकता है.
भारत ने सीमा पर घुसपैठ बढ़ने की आशंका के मद्देनजर सेना की तैनाती बढ़ा दी है. पाकिस्तान ने फैट संधि के तहत पिछले दो माह में घुसपैठ के प्रयास रोकना शुरू किया है और आतंकी शिविरों की तादाद भी कम की है. अब पाकिस्तान अमेरिका की शरण में भी जा सकता है. वह अमेरिका से भारत पर दबाव डलवाने का प्रयास करेगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने अमेरिका के विशेष राजदूत ज़ालमे खालिजाद को चेतावनी दी कि जम्मू-कश्मीर में बड़े घटनाक्रम का असर अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया पर पड़ सकता है. मंगलवार को खालिजान ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत की. बाद में जयशंकर ने ट्वीट किया कि अफगानिस्तान की परिस्थितियों के संदर्भ में बात हुई, जिसमें विचार किया गया कि इसमें भारत क्या मदद कर सकता है.
भारत पाकिस्तान के इरादों को लेकर पहले से सतर्क है. पाकिस्तान जिहाद भड़काने पर उतारू हो सकता है. कश्मीर घाटी के चप्पे-चप्पे पर निगरानी बढ़ा दी गई है. श्रीनगर में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन कर्फ्यू जैसे हालात रहे. शिक्षण संस्थाएं और सरकारी दफ्तर बंद थे. बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ था. मोबाइल, लैंडलाइन फोन और इंटरनेट ठप होने से कश्मीर के लोगों का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क कटा हुआ है. वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं.
सोमवार को श्रीनगर के राजभवन में राज्यपाल सत्यपाल मलिक से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मुलाकात की. रविवार रात उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था. महबूबा मुफ्ती को उनके घर के पास हरि निवास गेस्ट हाउस में रखा गया है. उमर चश्माशाही में बनी अस्थायी वीआईपी जेल में बंद हैं. यह जेबारवान पहाड़ियों के नीचे एक शानदार रिसोर्ट है.