जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों से काफी कुछ चल रहा है. गृह मंत्रालय के एक आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर में पिछले सप्ताह करीब 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद हाल ही में 26 हजार और अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं. ग्रह मंत्रालय के इस आदेश का जम्मू-कश्मीर में जमकर विरोध हो रहा है.  उसके तुरंत बाद अमरनाथ यात्रा को रोकने एवं पर्यटकों को तत्काल वापिस लौटने की एडवाइजरी जारी होने से घाटी में काफी हलचल मची हुई है. राजनीतिक पार्टियों ने ऐसे हालातों में घाटी में डर की स्थिति पर चिंता जताई है. इस माहौल के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने वहां के हालातों की पूरी सच्चाई बयां की है.

घाटी के मौजूदा हालात पर राज्यपाल ने कहा, ‘कश्मीर में किसी को डरने की जरूरत नहीं हैं. आतंकी खतरे की वजह से एडवाइजरी जारी की गई. इसमें चिंतित होने वाली कोई बात नहीं है.’ उन्होंने स्थानीय जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की.

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इस मुद्दे पर शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से मुलाकात कर हालिया हालातों पर चर्चा की. उसके बाद अब्दुल्ला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसी से भी कोई सही जवाब नहीं मिल रहा है. हालांकि राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ बड़ा होने की खबर केवल अफवाह है. उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 370 को लेकर किसी ऐलान की तैयारी नहीं की जा रही है. न ही अनुच्छेद 35-ए से कोई छेड़छाड़ की जाएगी. इसके बाद भी घाटी में हो रही हलचल हैरान करने वाली है.’

घाटी के हालातों पर कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘इस वक्त अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात करना चिंताजनक है. कश्मीर और लद्दाख के लोग गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद काफी डरे हुए हैं. ऐसा तो तब भी नहीं हुआ, जब घाटी में आतंक चरम पर था.’

बता दें, शुक्रवार को सरकार की ओर से सुरक्षा का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर में एजवाइजरी जारी की गई थी. अमरनाथ यात्रा भी इस एडवाइजरी के बाद रोक दी गई. घाटी के हालात को देखते हुए ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए जम्मू-कश्मीर, श्रीनगर और भारत-पाकिस्तान बॉर्डर का दौरा न करने की हिदायत दी है. एडवाइजरी में आगे कहा गया कि अगर इन जगहों का दौरा कर रहे हैं तो प्रोफेशनल सिक्योरिटी एडवाइज जरूर ले लें. वहीं ब्रिटेन ने कहा कि अगर आप जम्मू-कश्मीर में हैं तो सतर्क रहें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह फॉलो करें.

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इससे पहले बीती रात पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी राज्यपाल से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने सरकार की एडवाइजरी से कश्मीर घाटी में डर की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंता जताई. इस पर गर्वनर ने नेताओं को शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी.

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