Politalks.News/Rajasthan. भारत में संचार क्रांति के जनक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 77वीं जयंती के मौके पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित राजस्थान इनोवेशन विजन राजीव-2021 कार्यक्रम को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संबोधित किया. ‘सूचना तकनीक से सुशासन’ थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में राज किसान साथी पोर्टल, आई-स्टार्ट वर्चुअल इन्क्यूबेशन प्रोग्राम और राजीव गांधी आईटी क्विजथॉन का भी शुभारंभ किया. साथ ही 21 चयनित स्टार्ट-अप्स को 2 करोड़ रूपए के फंड का वितरण किया गया. इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव गांधी के समय दलबदल विरोधी कानून के बहाने BJP और केंद्र सरकार को घेरा है. सीएम गहलोत ने कहा कि,
‘राजीव गांधी ने राजनीति में दलबदल से आयाराम-गयाराम की बुराई को रोकने के लिए दलबदल विरोधी कानून बनाया. आज इस दलबदल काननू का तोड़ निकाल लिया है कि विधायकों से इस्तीफे दिलवा दीजिए. हालही में ऐसा कई राज्यों में हुआ है. इसी तरीके से चुनी हुई सरकारें बदल रही हैं. ऐसे हालात में देश चल रहा है. नई पीढी को समझना पड़ेगा. यह तब समझेंगे जब इतिहास पढेंगे. इतिहास वही बना पाते हैं, जो इतिहास का अध्ययन करते हैं. उसे समझते हैं’.
‘कहना आसान है 70 साल में क्या किया, 70 साल में देश को एक रखा’- गहलोत
आजादी से पहले और आजादी के बाद देश के विकास में कांग्रेस नेताओं के योगदान, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बलिदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि, ‘हमारे देश के उन महान नेताओं ने आजादी के पहले और आजादी के बाद भी त्याग किए, बलिदान किए, जेलों में बंद रहे तब जाकर आजादी मिली थी. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘कहना बड़ा आसान है कि 70 साल में क्या किया? 70 साल में देश को एक रखा, अखंड रखा, लोकतंत्र को मजबूत रखा. पाकिस्तान की तरह यहां सैनिक शासन नहीं लगने दिया. इसलिए हमारे यहां सरकारें बनती हैं, बदलती हैं और वर्तमान सरकार बनी है तो भी इसलिए बनी है क्योंकि देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत रही हैं. गहलोत ने बिना किसी का नाम लिए तंज कसते हुए कहा कि, ‘यह, लोग भूल जाते हैं’
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‘आलोचना करने वालों को मानते हैं देशद्रोही’
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘आज सत्ता में बैठे लोग बात करते हैं परंपराओं की, व्यवहार में उनसे आलोचना भी सहन नहीं होती. आलोचना करने वालों को तो देशद्रोही मानते हैं. जिस रूप में देश चल रहा है, उसकी हमें चिंता होनी चाहिए.
‘नाम बदलना आसान, इतिहास बनाना मुश्किल’
राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलने के फैसले पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘नाम बदलना बड़ा आसान होता है, लेकिन इससे इतिहास नहीं बनता. तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने से इतिहास नहीं बदल सकते. नाम बदलना तो इनके फितरत में है. नाम बदलकर इतिहास बनाना मुश्किल है. आपको बता दें कि हालही में मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड किया है.
‘राजीव गांधी ने कुर्बान की थी असम में कांग्रेस की सरकार’
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘मैं राजीव गांधी के PM रहते हुए राज्य मंत्री के तौर पर उनके साथ अटैच था. उस वक्त असम अकॉर्ड पास किया. असम अकॉर्ड के समय वहां कांग्रेस की सरकार थी. अकॉर्ड का फैसला कांगेस सरकार को नुकसान कर रहा था. राजीव गांधी ने प्रफुल्ल कुमार महंतो और असम गण परिषद के लोगों को महत्व दिया. उस समय के कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया. देश एक रहे, अखंड रहे, इसलिए राजीव गांधी ने असम में कांग्रेस की सरकार को कुर्बान किया.
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‘संचार क्रांति लाए, युवाओं को दिया वोटिंग का अधिकार’
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘राजीव गांधी ने देश में IT क्रांति के साथ देश को आगे बढ़ाने वाले फैसले किए. हर सेक्टर में उनके लिए फैसले मील का पत्थर साबित हुए. राजीव गांधी ने 18 साल के युवाओं को वोटिंग राइट का कानून बनाया. इस प्रावधान का उस वक्त पार्टी के भीतर और मंत्रियों ने भी विरोध किया था कि इससे नुकसान होगा’. सीएम गहलोत ने बताया कि, ‘राजीव गांधी लोकतंत्र में युवाओं को भागीदारी देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने विरोध दरकिनार कर 18 साल के युवाओं को वोटिंग राइट देने का कानून बनाकर ही दम लिया’.
इस मौके पर सैम पित्रोदा ने कहा कि, ‘राजीव गांधी के प्रयासों से ही देश आज पोलियो से मुक्त हो पाया है. उन्होंने खाद्य तेल और दुग्ध उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गंभीर प्रयास किए. राजीव गांधी के कार्यकाल में सी-डॉट, सी-डैक, एनआईसी जैसी प्रतिष्ठित आईटी संस्थाओं की स्थापना हुई, जिनके माध्यम से देश के युवा सॉफ्टवेयर डवलपमेंट, एडवांस कम्प्यूटिंग और नेटवर्किंग आदि क्षेत्रों में दुनियाभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं’. कार्यक्रम में सैम पैत्रोदा ने गहलोत सरकार के कामकाज की सराहना की. वहीं इस कार्यक्रम के दौरान सरकार के आईटी विभाग के कामकाज के तरीके की पोल भी खुल गई. कार्यक्रम के दौरान ऐन समय पर सैम पैत्रोदा का संपर्क कट गया. सीएम ओएसडी के फोन से पैत्रोदा का संबोधन करवाना पड़ा.