Sachin Pilot’s big statement: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की सियासी अदावत किसी से छुपी हुई नहीं है. कई मौकों और मीडिया के सामने यह अनेकों बार दिखाई दी है. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में आये सियासी संकट के समय अशोक गहलोत द्वारा पायलट को लेकर की गई बयानबाजी और 25 सितंबर की घटना को सचिन पायलट शायद भूलकर भी नहीं भूला सकते. हालही में न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू दिया जिसमें पायलट ने विभिन्न मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. इसके साथ ही पायलट ने गहलोत पर इशारों ही इशारों में निशाना साधा वहीं 25 सितंबर की घटना को लेकर कहा कि अगर उस दिन विधायक दल की बैठक हो जाती तो अच्छा रहता.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिन पायलट ने कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का विधानसभा चुनावों में नुकसान से इनकार करते हुए कहा कि अब तक सरकार में रहते हुए कभी 51 तो कभी 21 सीटें आती थीं, लेकिन इस बार कांग्रेस के 71 विधायक हैं. 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी, वह बैठक हो जाती तो अच्छा रहता.
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2018 में सीएम पद नहीं मिलने के सवाल पर पायलट ने कहा कि यह पार्टी का फैसला था. 2018 का फैसला मेरे से बात करके किया गया था. किस्मत में जो लिखा है, उसे कोई छीन नहीं सकता है. जो नहीं है, उसे कोई दे नहीं सकता है. अब हम विपक्ष में हैं, सब भुलाकर काम करने की जरूरत है, किसने क्या छोटा मोटा क्या बोला इसे भूलकर आगे बढ़कर काम करने की जरूरत है.
कांग्रेस नेताओं में आपसी खींचतान और सियासी उठापटक का कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में नुकसान होने के सवाल पर पायलट ने कहा कि पुरानी हिस्ट्री देख लीजिए, जब हम सत्ता में थे तो एक बार 51 सीट आई, फिर 21 सीट आई. इस बार राजस्थान में हमारे 71 विधायक हैं. यह अलग बात है कि हम सरकार रिपीट नहीं कर पाए. हम सामूहिक रूप से एक साथ मिलकर चुनाव लड़े थे. कोई कड़वाहट नहीं है, इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है. कुछ मुद्दों पर अलग राय हो सकती है.
पायलट ने कहा कि हमारा मकसद सरकार बनाना था. हम मिलकर चुनाव लड़े थे. पहले जहां सत्ता में रहते हुए 21 सीटें आती थीं, इस बार हमारे 71 विधायक हैं. पायलट ने भजनलाल सरकार पर निशाना साधते कहा कहा कि चार महीने से राज्य में बीजेपी सरकार है, बीजेपी की सरकार जनता पर कोई छाप नहीं छोड़ पाई है. राजस्थान में हमारे बीजेपी से अच्छे उम्मीदवार हैं.
वही अपने बयान में पायलट ने यह भी कहा कि ताली दो हाथ से बजती है, अगर मैं ही सारे पद लेकर बैठा रहूं, कोई काम नहीं करूं तो मैं कितना पद पर रह पाऊंगा. मैंने हर पद की जिम्मेदारी को मेहनत और निष्ठा से निभाते हुए परिणाम दिए हैं. पायलट ने आगे कहा- यह दो तरफा मामला है, मैं काम करता हूं तो पार्टी जिम्मेदारी देती है.
सियासी संकट के समय वापसी से जुड़े सवाल पर पायलट ने कहा कि जो हुआ, सबके सामने हुआ. पार्टी ने कमेटी बनाई, जो मुद्दे थे, उन्हें कमेटी ने लिया. मंत्रिमंडल में फेरबदल किया. हाईकमान ने हमारी बातों को सुना. विधायकों की राय जानने के लिए ऑब्जर्वर भेजे, 25 सितंबर 2022 को दुर्भाग्य से विधायक दल की बैठक नहीं हो पाई थी. कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन जयपुर आए थे. उस बैठक का पता नहीं क्या रिजल्ट निकलकर आता? पर अच्छा होता कि एक बार मीटिंग हो जाती. राजस्थान में जनता के भ्रष्टाचार के मुद्दे थे, जिन पर पार्टी ने एक्शन लिया.
पायलट ने आगे कहा कि मंत्रिपरिषद में कोई दलित मंत्री नहीं था. मैंने कहा था कि यह गलत है, इसके बाद बदलाव हुए. हमने फिर से सरकार रिपीट करने के लिए जो मुद्दे उठाए, बाद में सब चीजों का समाधान हुआ. हमने चुनाव के लिए मिलकर मेहनत की.