पॉलिटॉक्स ब्यूरो. आज देश में सबसे बड़ा स्कैंडल कोई है तो वो इलेक्शन बॉन्ड है. करोड़ों रुपए आ रहे हैं लेकिन कौन ले रहा है, कौन दे रहा है, ये किसी को पता नहीं. आरबीआई और इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया तक विरोध कर रहा है. इलेक्टोरल बॉन्ड के लेन-देन का एकतरफा होना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं हैं. यह कहना है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot in Prakarsh) का, जो जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में सीए के राष्ट्रीय सेमीनार ‘प्रकर्ष’ में देश भर से आए हुए चार्टेड अकाउन्टेन्ट्स को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज मैं आपके बीच में हाजिर हुआ हूं. आप सभी सीए यहां जो चर्चा कर रहे हैं हो सकता है ये चर्चा राजस्थान सरकार के लिए भी उपयोगी साबित हो. वहीं राजस्थान सीएम ने तेज आवाज में कहा कि आज राज्यों को फाइनेंस कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार पैसा मिलना चाहिए जो नहीं मिल रहा. राजस्थान सरकार के 11 हजार करोड़ रुपए कम हो गए. अगर राजस्थान के साथ अन्याय किया तो मैं बख्शूंगा नहीं, बोलूंगा.
सीएम गहलोत (Ashok Gehlot in Prakarsh) ने कहा कि शायद चंद लोगों को मालूम होगा कि देश की अर्थव्यवस्था के रखवाले आप लोग हैं. आप लोग हिसाब-किताब रखने इन्वेस्टर और सरकार के बीच में कड़ी का काम करते हैं. आपके ऊपर देश का भविष्य निर्भर है. अगर देश कि इकोनॉमी नहीं रहेगी तो देश कहां जाएगा. उन्होंने कहा कि ये सेमिनार ऐसे समय में हो रही है जब पूरे देश में अर्थव्यवस्था चिंताजनक स्थिति में है और देश के अर्थशास्त्री भी चिंता में हैं. चार्टेड अकाउंटेंट की भूमिका क्या होती है, मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है. आप लोग सोच-समझकर इस पेशे में आते हैं और राजस्थान का ये सौभाग्य है पूरी चार्टेड अकाउंटेंट बिरादरी के अंदर राजस्थान ने स्थान बनाया हुआ है.
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सीएम गहलोत ने कहा कि मैं उम्मीद करूंगा की आप सभी सीए जो भी सरकार का सहयोग करना चाहें सरकार उसका स्वागत करेगी. उसमें मैं चाहूंगा कि आपका सहयोग और सुझाव राजस्थान सरकार को मिले क्योंकि लोकतंत्र में सभी सरकार चाहती है कि गुड गवर्नेंस जनता को दें.
अपनी बात पर आगे बढ़ते हुए सीएम मुख्यमंत्री गहलोत (Ashok Gehlot in Prakarsh) ने कहा कि इलेक्शन बॉन्ड में सभी पार्टियां शामिल हैं. मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता हूं. मैं देश के सामने एक ऐसा प्रश्न खड़ा कर रहा हूं जिससे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य उज्जवल हो और उसी का परिणाम है चुनावी बॉन्ड. चुनावी बॉन्ड को बीजेपी से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि किसी को मालूम नहीं है कि पैसा कौन किसे किस रूप में दे रहा है. दो नंबर का पैसा आता है और हम जोर जोर से कहते है कि हम भ्रष्टाचार खत्म करेंगे. जिसकी शुरुआत ही राजनीति में दो नंबर के पैसे से हो वो ब्लैकमनी खत्म करने का दावा करते हैं.
आगे गहलोत ने कहा कि मैं यहां खड़ा होकर कोई राजनीतिक बात नहीं कर रहा हूं. मैं हकीक़त से खुद भी और आपको भी रूबरू करवा कर रहा हूं. आप भी कोशिश कीजिए कोई तरीका ऐसा निकले वरना जो पकड़ा जाए, वो चोर है. अब ये चुनावी बॉन्ड लेकर के आए हैं. पहले नोटबंदी लाये थे जिसमें क्या घोटाला हुआ, कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि एक पॉलिटिकल पार्टी के पूरे देश में एक साथ ऑफिस बनने लग जाए और दिल्ली में फाइव स्टार होटल्स की तरह ऑफिस बनने लग जाए तो सोचिए, पैसा कहां से आ रहा है.
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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि आज चंदा लेने के अलग अलग तरीके आ गए है. एक वक्त था जब कांग्रेस को एक लाख रुपए देते थे, हम कहते थे आपका धन्यवाद. दूसरी पार्टी या बीजेपी ने आपसे 5 लाख रुपए मांग लिए तो भी हमें कोई ऐतराज नहीं था. अब स्थिति दूसरी हो गई है. आपने हमें दिया या नहीं दिया, आपने उनको कैसे दिया. सीएम गहलोत ने बीजेपी पर डरा धमका के चंदा वसूलने का आरोप भी लगाया.
राजस्थान सीएम (Ashok Gehlot in Prakarsh) ने राष्ट्रवाद अर्थव्यवस्था और इंडियन ज्यूडीसरी पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कितनी ही बड़ी बात हम राष्ट्रवाद की कर लें, 370 की कर लें, राम मंदिर की कर लें, सब अपनी जगह हो सकती हैं परंतु बिना रोजगार के कोई देश कैसे चल सकता है. बिना अर्थव्यवस्था मजबूत हुए कैसे विकास हो सकता है. देश के हालात बहुत गंभीर बने हुए हैं. आगे उन्होंने कहा कि हाल ही में जोधपुर हाइकोर्ट के नवीन भवन का उदघाटन कार्यक्रम हुआ था. उसमें राष्ट्रपति महोदय, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट के 5 जज, राजस्थान हाईकोर्ट के जज, गवर्नर साहब और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मौजूद थे. उस प्लेटफार्म को उचित मानते हुए मैंने एक सवाल उठाया जो मेरे दिल का दर्द भी था. इस कार्यक्रम में मैंने बिना राजनीतिक बात करते हुए कहा था कि पिछले 70 साल से जो सिस्टम रहा है, उसमें राजनीतिक लोग चंदा लेते थे और चुनाव लड़ते थे. अब सभी चुनाव में जो चंदा आता है, वो चंदा ब्लैक मनी है और ये सिस्टम बन गया है.
सीएम गहलोत ने पुरानी घटना याद दिलाते हुए कहा कि चार सुप्रीम कोर्ट के जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा देश का लोकतंत्र खत्म हो रहा है. उसमें से एक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन गए तो मिस्टर गोगोई पहले गलत थे या बाद में गलत हुए. अर्थव्यवस्था की चिंता किसी को नहीं है जबकि सबसे पहले चिंता पीएम मोदी को होनी चाहिए थी. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने नागरिकता संशोधन कानून पर भी अपने विचार रखते हुए कहा कि इसको लेकर जिस रूप में लाये, मुददा बन गया, देशभर में आग लग गई लेकिन इसकी जरूरत क्या थी. अगर नियत ठीक होती तो आराम से लाते, फिर ये नौबत ही नहीं आती. देश की सभी राजनीतिक पार्टी सहयोग करतीं. लोकतंत्र में बहुमत हो सकता है पर लोकतंत्र में लोग क्या सोचते हैं, वो भी देखना पड़ता है. विपक्ष की भावना का सम्मान करना पड़ता है.
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केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री गहलोत (Ashok Gehlot in Prakarsh) ने कहा कि देश में ब्लैकमनी के बारे में अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई. कौन करे, जो सिस्टम का पार्ट है वो तो खुद ही ब्लैकमनी में डूबे हुए है. हम सब लोग जो पॉलिटिशियन्स हैं, व्यापारी हैं, उद्योगपति हैं, ब्यूरोक्रेट और मीडिया हैं, सब लोग ब्लैकमनी के पैसे से ही तो खड़े हुए है. आप लोग जो चार्टेड अकाउंटेंट हैं, आपके उपर पूरे देश में विश्वास है. ‘ब्लैकमनी को व्हाइट आप करते हो’ इस सरीखे कई आरोप आप पर लगते रहते हैं लेकिन मैंने जो सवाल उठाया, आपके सामने उठाए. वो सिस्टम का पार्ट है और इसमें मैंने कोई राजनीति नहीं की. देश के अंदर इस पर चोट करने की हवा बननी चाहिए और हवा निकलनी चाहिए.