INDIA Alliance: केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए खड़ा हुआ विपक्षी दलों का संगठन इंडियन नेशनल डवलपमेंटल इंक्यूसिव एलाइंस (I.N.D.I.A.) अब पूरी तरह से टूट की कगार पर आ चुका है. सार्वजनिक हितों का दावा करते हुए खड़ा हुआ यह संगठन अब व्यक्तिगत एवं दलीय हितों के चलते हिलते हुए दिख रहा है. लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को पश्चिम बंगाल और बिहार में दरार गहरी होती जा रही है. पश्चिम बंगाल में जहां कांग्रेस को तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी आंखें दिखा रही है, वहीं बिहार में नीतीश कुमार जदयू के लिए 17 सीटें मांग रहे हैं और दोनों ही प्रमुख नेता किसी भी तरह के समझौते के लिए तैयार नहीं हैं. बिहार में राजद और पंजाब-दिल्ली में सीट शेयरिंग की बात अभी शुरु नहीं हुई है लेकिन टकराव वहां भी निश्चित है. ऐसे में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सीपीआईएम के साथ जा सकती है.
ममता और कांग्रेस में मतभेद निश्चित
पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में टकराव निश्चित है. यहां सीएम ममता बनर्जी राज्य में 42 में से 40 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर चुकी हैं. दीदी कांग्रेस को बहरामपुर और मालदा दक्षिण सीट ही देने पर सहमत हो रही है. 2019 में ये सीटें कांग्रेस ने जीती थीं. कांग्रेस ज्यादा जोर लगाए तो दार्जिलिंग सीट दे सकती है, जो अभी बीजेपी के पास है. यहां बीजेपी के पास 18 और टीएमसी के पास 22 सीटें हैं. बीजेपी से विधानसभा चुनाव का मुकाबला एक तरफा जीतने के बाद ममता के हौसले बुलंद है. ऐसे में ममता किसी भी तरह के समझौते के पक्ष में नजर नहीं आ रही है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी उनके खिलाफ पहले से ही बयानबाजी कर चुके हैं.
इधर, कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ राहुल गांधी 29 या 30 जनवरी को पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर सकते हैं. उस समय वो कम से कम 9 से 10 सीटें ममता से मांग सकती है. कांग्रेस जो सीटें मांग रही है, उनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर सीट, कांग्रेस की पारंपरिक उत्तर दीनाजपुर की रायगंज सीट और माल्दा उत्तर की सीट शामिल है. कांग्रेस नेताओं को राहुल की यात्रा से बहुत उम्मीदें हैं. ममता तब भी नहीं राजी नहीं हुईं तो सीपीएम को साथ लेकर इन सीटों पर उतर सकती है.
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बिहार में नीतीश भारी, कांग्रेस को दो टूक
बिहार में नीतीश कुमार ने भी सीटों को लेकर झुकने से इनकार कर दिया है. जदयू ने इस बार 17 सीटों पर दावा किया है. इनमें 16 सीटें वे हैं, जिन पर पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ गठबंधन में रहते हुए उसने जीत हासिल की थी. एक सीट पर वह दूसरे नंबर पर रही थी. जदयू ने अधिकारिक बयान में कहा है कि पार्टी ने पिछले चुनाव में 16 सीटें जीती थीं और इन सीटों पर हम समझौता नहीं करेंगे.
इधर, राजद से सीट शेयरिंग को लेकर ज्यादा बातचीत नहीं हुई है. हालांकि वहां बात आसानी से बन जाएगी. राजद का फिलहाल बिहार की लोकसभा में एक भी सीट नहीं है और कांग्रेस के पास एक सीट है. वहीं बीजेपी के पास 22, जदयू के पास 16, लोजपा के पास 6 सीटें हैं. अगर जदयू से समझौता नहीं बनता है तो विपक्षी गठबंधन टूटना तय है.
आप और कांग्रेस में भी है तनातनी
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी सीट शेयरिंग को लेकर तनानती चल रही है. दोनों पार्टियों के बीच इसी मसले पर बैठक जारी है. सूत्रों के मुताबिक आप दिल्ली में कांग्रेस को तीन और पंजाब में 6 सीटें देने को तैयार है. बदले में हरियाणा में 10 में से 3 सीटें और गुजरात में 26 में से 1 सीट पर आम आदमी पार्टी अपना प्रत्याशी उतारना चाहती है. गोवा में भी आप एक सीट पर चुनाव लड़ने की डिमांड कर रही है. हालांकि देखा जाए तो यहां भी बात बनते हुए दिख रही है. दिल्ली लोकसभा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों के हाथ खाली हैं. बात पंजाब में आकर अटक रही है.