जब अपने ही लोग पार्टी को कमजोर करेंगे तो कैसे आगे बढ़ेगी कांग्रेस: मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस और सोनिया-राहुल के समर्थन में उतरे मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने साधा कपिल सिब्बल सहित अन्य अंसुतष्ठ नेताओं पर निशाना, कहा- विचारधारा कमजोर हुई तो पार्टी हो जाएगी बर्बाद

Mallikarjun Kharge
Mallikarjun Kharge

Politalks.News/Delhi/MallikarjunKharge. बिहार चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में शुरु हुआ घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता ही सार्वजनिक रूप से पार्टी के नेतृत्व और अन्य बातों पर सवाल उठा रहे हैं. हाल में कपिल सिब्बल के बयान और उसके बाद अन्य नेताओं की बयानबाजी भी खुलकर सामने आई है. कपिल सिब्बल को तो पार्टी छोड़ने जैसी बात भी कही जा चुकी है. इसी बीच मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के पक्ष में उतर आए हैं और पार्टी हाईकमान को निशाना बनाने वाले नेताओं की आलोचना करते हुए एकजुट होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर हम लोग ही अंदरुनी स्तर पर पार्टी को कमजोर करते रहेंगे तो पार्टी बर्बाद हो जाएगी.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 103वीं जयंती के अवसर पर कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बेंगलूरु में आयोजित समारोह में पार्टी के कुछ नेताओं पर कांग्रेस को अंदरुनी तौर पर कमजोर करने का आरोप लगाया. बिहार चुनाव पर खड़गे ने कहा कि हमने एक होकर चुनाव लड़ा. ये दुखद है कि कुछ वरिष्ठ नेता टॉप लीडरशिप के खिलाफ बोल रहे हैं.

खड़गे ने कहा कि एक ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आरएसएस हमारे पीछे पड़े हैं तो दूसरी ओर आंतरिक कलह ने पार्टी को हिला कर रख दिया है. अगर हम लोग ही अंदरुनी स्तर पर पार्टी को कमजोर करते रहेंगे तो हम कभी आगे नहीं बढ़ सकेंगे. यदि हमारी विचारधारा कमजोर होती है तो पार्टी बर्बाद हो जाएगी. यह बात हमें ध्यान में रखनी होगी. खड़से ने एकजुट होकर पार्टी नेताओं से हाईकमान को सपोर्ट करने की अपील की.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने असंतुष्ठ और पार्टी नेतृत्व की आलोचना करने वालों पर बरसते हुए कहा कि कुछ नेता जब चुनाव हार जाते हैं तो वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दोषी करार देने लगते हैं. उन्होंने कहा कि आप अपने राज्य और अपने निर्वाचन क्षेत्र के नेता हैं, टिकट वितरण के समय आप अपने लोगों के लिए टिकट मांगते हैं. 100 में से महज 5 या 10 प्रतिशत का अंतर हो सकता है, लेकिन 90 प्रतिशत हम वही करते हैं जिसकी आप मांग करते हैं. लेकिन हार के बाद आप दोष देना शुरू करते हैं कि पार्टी में कोई एकता नहीं है या टिकट का वितरण सही तरीके से नहीं हुआ जैसे आप विपक्ष में बैठे हैं. क्या टिकट मांगते समय आप यह भी कहते हैं कि अगर हमने आपके लोगों को टिकट नहीं दिया तो यह हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी.

खड़गे ने कहा कि चुनाव में लगभग 90 प्रतिशत टिकट उन लोगों को दिए जाते हैं जिनके लिए स्थानीय नेता ने मांग की थी लेकिन पार्टी हारने के बाद वे कहने लगते हैं कि पार्टी में कोई एकता नहीं है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC) का ही यह फैसला था कि चुनाव होने तक सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल जारी रखना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव अभी बाकी हैं और कोविड-19 अभी भी खत्म नहीं हुआ है. हम एक जगह पर एक साथ 100 से अधिक लोगों को इकट्ठा नहीं कर सकते. फिर भी लोग इस मुद्दे पर बाते कर रहे हैं. कपिल सिब्बल सहित पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से शीर्ष नेतृत्व की आलोचना किए जाने पर खड़गे ने कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के बारे में और हमारे नेताओं के बारे में बोलते देखना तकलीफदेह है.

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गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान लिया है. उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं. कपिल सिब्बल के इस बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के आंतरिक मुद्दे का जिक्र मीडिया में करने के लिए सिब्बल की आलोचना की. सीएम गहलोत ने कहा कि इस तरह के बयानबाजी से पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत होती हैं. इसके बाद सलमान खुर्शीद, तारिक अनवर और अधीर रंजन चौधरी जैसे नेता गहलोत के समर्थन में आगे आए अैर कपिल सिब्बल को आड़े हाथ लिया. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन ने तो कपिल सिब्बल को पार्टी छोड़ने या दूसरी पार्टी बनाने तक की नसीयत तक दे दी थी.

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