‘किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ये फैसला’ केजरीवाल के बॉर्डर सील करने पर भड़के हरियाणा मंत्री

दिल्ली के बॉर्डर सील करने और राजधानी में बाहरी लोगों का इलाज करने पर हरियाणा मंत्री का बयान, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दिए एनसीआर में आवाजाही के लिए कॉमन पास बनाने के निर्देश

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पॉलिटॉक्स न्यूज/हरियाणा. प्रदेश की खट्टर सरकार में मंत्री अनिल विज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान से खासे नाराज हैं जिसमें केजरीवाल ने कहा था ‘ दिल्ली में बाहर के लोगों का इलाज नहीं किया जाएगा’. अपने इस बयान के बाद केजरीवाल सरकार ने कुछ दिनों के लिए दिल्ली की बॉर्डर को सील करने का फैसला लिया, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए एक कॉमन पास बनाने की बात कही है. केजरीवाल के बयान पर हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि इस बात को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता क्योंकि, दिल्ली में जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर बना है, वो पूरे देश के लिए बना है.

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मंत्री अनिल विज ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और अगर अध्ययन करें तो शुरू के 50 साल केंद्र सरकार ने दिल्ली के अलावा कहीं ध्यान नहीं दिया. सारे संस्थान दिल्ली में बने हैं. अगर कल केजरीवाल कहें कि बाहर के लोगों को दिल्ली के किसी संस्थान में नहीं जाने देंगे ये तो यह जायज बात नहीं है.

वहीं दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा बॉर्डर सील करने के फैसले को केंद्र सरकार के आदेश का उल्लंघन बताया. अनिल विज ने कहा कि केजरीवाल का एजेंडा राजनीतिक है. हमने तो केंद्र की गाइडलाइन का पालन किया है. केंद्र ने इंटर स्टेट मूवमेंट पर रोक लगाई थी और केवल कुछ कैटेगरी को आने-जाने की इजाजत दी थी. हमने भी उन्हीं हिदायतों का पालन किया. केंद्र ने कहा कि बॉर्डर खोल दो तो हमने खोल दिया. लेकिन केजरीवाल को तो तो केंद्र सरकार के उलट चलना होता है. जब केंद्र ने रोक लगाने के लिए कहा तो इन्होंने बॉर्डर खोल दिए और जब खोलने के लिए कहा तो इन्होंने रोक लगा दी.

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इधर, दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर सील करने के मामले पर सुनवाई करते हुए सुुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है. एनसीआर के लोगों की समस्याओं को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए. इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास जारी करें, जिससे एक ही पास से पूरे एनसीआर में आवाजाही हो सके. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक सप्ताह के भीतर नीति बनाने और तीनों राज्यों की मिटिंग बुलाने का निर्देश दिया.

इस पर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वो इसके लिए केंद्र सरकार से निर्देश लेंगे ताकि एक समान नीति हो और लोगों को परेशानी ना हो.

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