ट्रेन संचालन की स्वीकृति रुकवाने पर भड़के बेनीवाल ने BJP के मंत्रियों-अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

सांसद हनुमान बेनीवाल ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पूछा क्या आप अपनी बात से मुकर गए या रेलवे के अधिकारी आपको मानते नही हैं? ट्रक संचालकों से बड़ी रकम इसमें ली गई जिसमे जिले के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक, जिला कलक्टर नागौर और रेलवे के कुछ अधिकारी हैं शामिल, जबकि राजस्थान से आने वाले दो मंत्रियों ने भी ट्रेन संचालन रूकवाने का प्रयास किया जो है दुर्भाग्यपूर्ण

रेलमंत्री से बोले बेनीवाल
रेलमंत्री से बोले बेनीवाल

Hanuman Beniwal on Rail Minister and BJP Leaders. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो व सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर के विख्यात पशु मेले में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन के लिए केंद्रीय पशुपालन मंत्री की मौजूदगी में रेल मंत्री द्वारा सहमति व्यक्त करने के बाद भी ट्रेन का संचालन नही होने को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है. सांसद बेनीवाल ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को ट्वीट कर कहा की देश के पशुपालन मंत्री की मौजूदगी में आपने नागौर के पशु मेले में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन की हां भर दी थी, मगर ट्रेन अब तक भी शुरू नही हो पाई है. क्या आप अपनी बात से मुकर गए या रेलवे के अधिकारी आपको मानते नही हैं?

इसके साथ ही सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की 14 नवंबर 2022 को जयपुर में उत्तर पश्चिम रेलवे की ZRUCC की बैठक में बतौर सांसद और समिति के सदस्य उन्होंने नागौर के पशु मेले में ट्रेन संचालन की स्वीकृति को लेकर मुद्दा रखा था. उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को बैठक में पत्र देकर व व्यक्तिगत रूप से भी उन्हें अवगत करवाकर ट्रेन संचालन की स्वीकृति हेतु आवश्यक कार्यवाही करने को कहा, जिस पर 25 जनवरी 2023 को उतर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ने जवाबी पत्र में नागौर स्टेशन पर पशुओं के लोडिंग व अनलोडिंग हेतु उचित प्लेटफार्म नही होने का हवाला दिया गया. सांसद बेनीवाल ने कहा चुंकि किसी प्रकार की आपत्ति रेलवे को यदि थी तो उसे तत्काल ही रेलवे को बता देना चाहिए था, ताकि उसका समाधान निकालने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता. लेकिन रेलवे के स्तर भी जानबूझकर लेट लतीफी की और रेलवे के जोधपुर मंडल कार्यालय से लेकर उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्यालय तक कई अधिकारियों ने इसमें रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय को भ्रमित करने का प्रयास किया, ताकि ट्रेन का संचालन नही हो सके.

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सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की बेलों का परिवहन यदि ट्रेन से होता तो पशु व्यापारियों को मात्र 25 लाख तक ही किराया व्यय करना पड़ता है, लेकिन अब ट्रकों से परिवहन किया जायेगा उसके लिए पशु व्यापारियों को एक करोड़ से अधिक किराया चुकाना पड़ेगा, किसानों और पशुपालकों को प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. जिला कलक्टर नागौर ने भी इरादतन पूरे मामले की रिपोर्ट रेलवे को समय पर भेजने में लेट लतीफी की क्योंकि कुछ ट्रक संचालकों से बड़ी रकम इसमें ली गई जिसमे जिले के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक, जिला कलक्टर नागौर और रेलवे के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे यह भी कहा की अपने स्तर से मैंने पशुपालकों और किसानों के हित में पशुओं के परिवहन के लिए विशेष ट्रेन संचालन करवाने हेतु सार्थक प्रयास किए और रेल मंत्री ने भी सहमति व्यक्त कर दी, मगर अधिकारियों के भ्रष्टाचार के अलावा राजस्थान भाजपा के वो नेता जो खुद को किसानों का प्रतिनिधि बताते है उन्होंने और केंद्र में राजस्थान से आने वाले दो मंत्रियों ने भी ट्रेन संचालन को रूकवाने का प्रयास किया जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

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