Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण की सुगबुगाहट तेज हो चली है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर 1 नवंबर तक मांगे नहीं मानी गई तो गुर्जर समाज आंदोलन की राह पर चल पड़ेगा. अब गुर्जर समाज ने एक नवंबर को राजस्थान जाम करने का भी ऐलान किया है. इस बार का आंदोलन पटरियों के साथ ही सड़क मार्ग पर भी होगा. एक नवंबर को राजस्थान जाम करने के लिए भी चेताया जा चुका है. इसी बीच गुर्जरों ने गहलोत सरकार को दो टूक देते हुए किसी भी वार्ता के लिए जयपुर आने से मना कर दिया है. गुर्जर समाज की इस चेतावनी को लेकर गहलोत सरकार सक्रिय हो गई है.
दरअसल, गहलोत सरकार के इशारे पर वरिष्ठ आईएएस नीरज के. पवन और पुलिस अधिकारी बीजू जॉर्ज बीते दिनों हिंडौन सिटी पहुंचे. यहां दोनों अधिकारियों ने आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला समेत अन्य गुर्जर नेताओं से बैंसला के वर्धमान नगर स्थित आवास पर मुलाकात की और पूरे मामलात पर विस्तार से चर्चा की. अधिकारियों ने गुर्जर नेताओं को वार्ता के लिए जयपुर आने का आमंत्रण निमंत्रण दिया लेकिन गुर्जर नेताओं ने स्पष्ट तौर पर उनके अनुरोध को ठुकरा दिया.
बताया जा रहा है कि गुर्जर नेताओं ने अधिकारियों से दो टूक कह दिया कि जो लाना है, वह यहीं लेकर आओ. राज्य सरकार के दोनों अधिकारियों के साथ करौली जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग और भरतपुर एसपी अमनदीप कपूर भी इस वार्ता में मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें: जयपुर हैरिटेज, जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर नगर निगमों के 250 वार्डों के लिए शुरू हुआ मतदान
सरकार की ओर से वार्ता के लिए पधारे अधिकारियों को बैरंग लौटाते हुए गुर्जर नेताओं ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी जड़ा. गुर्जर नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार आरक्षण के मसले को लेकर कतई गंभीर नहीं है. गत आंदोलन में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी उन पर वह खरी नहीं उतर रही है. लिहाजा समाज को फिर आंदोलन जैसा कदम उठाना पड़ेगा. मांगें पूरी नहीं किये जाने पर आगामी 1 नंवबर से फिर से आंदोलन किए जाने की बात भी गुर्जर नेताओं ने कही.
आंदोलन को लेकर बुधवार को भी बयाना के मारौली गांव में 36 गांवों के गुर्जर समाज की बैठक आयोजित की गई. बैठक में गुर्जर नेता विजय बैंसला सहित समाज के पंच पटेल भी मौजूद रहे. इस महापंचायत में समाज की मांगें आगामी 2 दिन में पूरी नहीं होने पर 1 नवंबर को पूरे राजस्थान को जाम करने की चेतावनी दी गई. गुर्जर आंदोलन के पूर्व के अनुभव को देखते हुये सरकार भी सहमी हुई है और वह बातचीत के रास्ते तलाश रही है. हालांकि राज्य सरकार ने कहा है कि सभी मांगों का निस्तारण बातचीत से ही संभव होगा. सरकार ने गुर्जर नेताओं को वार्ता के लिये जयपुर आने का न्यौता दिया है, लेकिन गुर्जर इस अनुरोध को पहले ही ठुकरा चुके हैं.
यह भी पढ़ें: सिंधिया के गढ़ में ‘महाराज’ का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री शिवराज और बीजेपी पर गरजे सचिन पायलट
बता दें, गुर्जर लगातार प्रदेश में 5 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. मामला अदालत में अटका हुआ है. गुर्जर अब आर पार की लड़ाई के मूड में है. इस मसले पर निर्णय करने के लिये पिछले दिनों समाज की महापंचायत हुई थी. महापंचायत में मांगें पूरी नहीं होने पर 1 नवंबर से फिर से आंदोलन की घोषणा की गई थी. नाराज गुर्जर समाज ने 1 नवंबर को राजस्थान जाम करने की चेतावनी भी दी थी. हालांकि गुर्जर नेताओं ने अभी तक अपनी आगामी रणनीति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सरकार ने अपनी खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. वह पल-पल के घटनाक्रम पर नजर रखे हुये है. पुलिस-प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हैं.
आरक्षण को लेकर मांगें नहीं माने जाने से नाराज गुर्जर समाज 2 दिन बाद फिर से सड़कों पर उतरेगा. इस बार भी आंदोलन की शुरुआत भरतपुर जिले के बयाना स्थित पीलूपुरा गांव से होगी. इसके लिये 1 नवंबर को सुबह 10 बजे शहीद स्थल पर महापंचायत होगी. इसी दिन जयपुर ग्रेटर, कोटा और जोधपुर में नगर निगम चुनाव होने हैं.