हैरान हूं कि मैं दुबारा कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहा हूं- कांग्रेस नेताओं के प्रयासों के बाद बोले गुलाम नबी आजाद

पिछले साल 52 साल का साथ छोड़ कांग्रेस से आजाद हुए थे गुलाब नबी, जम्मू कश्मीर में नई पार्टी का ऐलान कर चुके हैं आजाद, बयान के बाद कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का दिया निमंत्रण

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Gulam Nabi Azad on Congress. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में वापसी की अटकलों को सिरे से नकारते हुए कांग्रेस को दो टूक जवाब दिया है. आजाद ने कहा कि ये सुनकर हैरान हूं कि मैं कांग्रेस पार्टी में दोबारा शामिल होने जा रहा हूं. दुर्भाग्य से ऐसी कहानियां कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता गढ़ते हैं, ताकि मेरी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ सकें. बता दें कि आजाद ने इसी साल अगस्त में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और अक्टूबर में अपने नए राजनीतिक संगठन डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का ऐलान किया था.

इससे पहले एक न्यूज एजेंसी ने बताया था कि गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस में वापस लाने की तैयारी चल रही है. मीडिया खबरों में यह भी बताया गया था कि आजाद की घर वापसी को लेकर सोनिया गांधी की करीबी नेता अंबिका सोनी खुद उनसे बातचीत कर रही हैं. उन्होंने आजाद को राहुल गांधी से बातचीत करने का न्योता भी दिया है. यह पूरी कवायद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर पहुंचने से पहले की जा रही है. हालांकि आजाद ने एक पत्रकार वार्ता में इस बात की सभी संभावनाओं को सिरे से नकारते हुए उनकी कांग्रेस में वापसी की अटकलों को विराम लगा दिया है.

वहीं गुलाम नबी आजाद के बयान के बाद भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक दिग्विजय सिंह ने खुले तौर पर आजाद को यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद G23 के पूर्व नेताओं- अखिलेश प्रसाद सिंह और भूपिंदर सिंह ने आजाद से संपर्क किया और उनके अलावा कांग्रेस में उनकी वापसी की वकालत की. बता दें कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के साथ 20 जनवरी को जम्मू कश्मीर पहुंच रहे हैं. गुलाम नबी आजाद विगत 52 वर्षों से कांग्रेस से जुडे थे और कांग्रेस के असंतुष्ठ G23 ग्रुप में शामिल थे. इसी साल उनके राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हुआ था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा था. इस बात से नाराज होकर आजाद ने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.

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आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद हमेशा से कांग्रेस में बड़े पदों पर आसीन रहे हैं. वे 37 साल तक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं जबकि 7 साल राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. इंदिरा, नरसिम्हा और मनमोहन सरकार में केंद्र में मंत्री रहने के साथ सोनिया गांधी के करीबी भी रहे. G23 में शामिल रहे गुलाम नबी आजाद ने अन्य नेताओं के साथ मजबूत नेतृत्व की मांग की थी. अपने इस्तीफे में भी आजाद ने कांग्रेस को रिमोट कंट्रोल मॉडल से चलने वाली पार्टी बताते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर ही निशाना साधा था.

आजाद ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि पिछले कई सालों से एक मंडली पार्टी को चला रही है और सोनिया गांधी नाम मात्र की मुखिया है जिसकी वजह से पार्टी आगे नहीं बढ़ रही है. उन्होंने ये भी कहा था कि राहुल गांधी के पीए और सुरक्षा गार्ड पार्टी के मुख्य फैसले ले रहे हैं. यही उनकी नाराजगी की अहम वजह है.

यही नहीं अपने इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी को अपरिपक्व तक बता दिया था. राहुल पर हमलों से गांधी परिवार आजाद से काफी नाराज है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस नेता आजाद की घर वापसी के हर संभव प्रयास कर रहे हैं. बताया गया है कि कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने आजाद से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने और राहुल गांधी से बात करने को कहा है. हालांकि गुलाब नबी के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन उनकी कांग्रेस पार्टी में वापसी की संभावनाएं न के बराबर हैं.

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