ठाकरे परिवार के पीछे पड़ी शिंदे सरकार के खिलाफ ढाल बनकर खड़े हुए संजय राउत ने खोला मोर्चा

शिंदे सरकार ठाकरे परिवार के खिलाफ खोलने जा रही तीसरी जांच, तत्कालीन सरकार पर उमेश होल्हे हत्याकांड को गलत तरीके से जांच कराने का आरोप, संजय राउत के अलावा सभी बने भीगी बिल्ली

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Shinde Govt targeted Thackeray Family, Sanjay Raut became Shield महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे लगता है कि उद्दव ठाकरे के पूरे परिवार से एक एक कर बदला निकाल रहे हैं. तभी तो प्रदेश की सत्ता हाथ में आते ही शिंदे सरकार ठाकरे परिवार के पीछे हाथ धोकर पड़ी है. सत्ता में आने के बाद से शिंदे सरकार की ठाकरे परिवार के खिलाफ यह तीसरी जांच है. ताजा मामले में सीएम शिंदे अमरावती के व्यापारी उमेश कोल्हे हत्याकांड में उस समय के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के फोन कॉल की जांच कराने जा रही है. मौजूदा सरकार का आरोप है कि उद्धव सरकार ने उमेश कोल्हे हत्याकांड को दबाने की कोशिश की थी. हाल में जब कैबिनेट मंत्री शुभूराज देसाई ने महाराष्ट्र विधानसभा में इसकी घोषणा की तो विपक्ष ने विधानसभा की बैठक का बहिष्कार किया. बता दें हाल ही में इससे पहले शिंदे सरकार ने एक्टर सुशांत सिंह और उनकी सेकेट्री की मौत के मामले में आदित्य ठाकरे की भूमिका पर संदेह जताते हुए SIT जांच कद आदेश दिए हैं.

ताजा मामले में आरोप है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुलिस को निर्देश दिए थे कि उमेश कोल्हे हत्याकांड की चोरी के नजरिए से जांच करे. सरकार जाने के बाद चहूं ओर से संकटों से घिरे ठाकरे परिवार और शिवसेना की राजनीति में केवल पार्टी के राज्यसभा सांसद बाला साहेब ठाकरे के सबसे वफादार रहे संजय राउत ही ‘वन मैन आर्मी’ बनकर शिंदे सरकार का सामना कर रहे हैं. हालांकि शिंदे सरकार ने राउत को भी जेल की हवा खिलवा चुकी है.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के अमरावती में 21 जून 2022 की रात मेडिकल शॉप चलाने वाले उमेश कोल्हे की बीच सड़क पर गला काटकर हत्या कर दी गई थी. 54 साल के उमेश की न किसी से दुश्मनी थी, न रंजिश. याद दिला1दें कि ये वो वक्त था, जब BJP की प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैंगबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर बवाल चल रहा था.

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ऐसे में नुपुर शर्मा और हिंदुत्व के समर्थन में पोस्ट करने पर भरे चौराहे पर कोल्हे की हत्या की गई थी. छानबीन में सामने आया था कि उमेश कोल्हे ने भी नूपुर के समर्थन में दोस्तों के एक वॉट्सऐप ग्रुप में पोस्ट सेंड कर दी थी. यहीं से तार जुड़ते गए, पुलिस ने जांच शुरू की जो ATS से होते हुए NIA के पास आई. NIA ने 16 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. जांच में सामने आया कि उमेश के 16 साल पुराने डॉक्टर दोस्त यूसुफ ने ही 10 और लोगों के साथ मिलकर इस कत्ल की साजिश रची थी.

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अमरावती के विधायक रवि राणा ने इस पूरे मामले को उठाते हुए SIT जांच कराने की मांग की है. शिंदे सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि राज्य के खुफिया विभाग की रिपोर्ट और उद्धव ठाकरे के फोन कॉल की जांच के बाद उचित फैसला लिया जाएगा. इस मामले में NIA ने 16 दिसंबर को कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट के मुताबिक सिर्फ एक पोस्ट का बदला लेने के लिए उमेश की हत्या की गई थी. उद्दव सरकार पर बीजेपी द्वारा आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन सरकार ने इस मामले की जांच अलग तरीके से कराने का पुलिस पर दवाब डाला था.

एकमात्र संजय राउत ने संभाल रखा है मोर्चा
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत विपक्ष में वन मैन आर्मी का किरदार निभाते दिखाई दे रहे हैं. जेल से बाहर आने के बाद फिर एक्टिव हुए राउत शिंदे सरकार और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधने से चूक नहीं रहे. संजय राउत पार्टी के मुखपत्र सामना के जरिए भी लगातार शिंदे सरकार पर हमलावर रहे हैं. यह भी नहीं भूलना चाहिए कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद संकट के समय शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को साथ लाकर सरकार बनाने के सूत्रधार भी संजय राउत ही थे.

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