Sanjay Raut on BJP. उद्दव ठाकरे समर्थित शिवसेना सांसद संजय राउत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीजेपी पर दिए ‘कुत्ते’ वाले बयान को सही बताया है. पार्टी के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा कि ये सच है कि बीजेपी के पास अपने नायक नहीं हैं और इसलिए उसे उन आइकनों को चुराना पड़ता है जो मुख्य रूप से कांग्रेस से थे. शिवसेना सांसद ने कहा कि खड़गे ने जो भी कहा वो सच है. क्या बीजेपी के पास इसका कोई जवाब है? इसमें नाराज होने की क्या बात है. संजय राउत ने अमृता फडणवीस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी पर भी अपने विचार व्यक्त किए.
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने हाल ही में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘कांग्रेस के नेताओं ने आजादी के लिए अपनी जान दी, आपने क्या किया? क्या आपके घर का कुत्ता भी देश के लिए मरा है? क्या किसी ने कोई कुर्बानी दी है? नहीं, फिर भी बीजेपी देशभक्त होने का दावा करती है और हमें देशद्रोही करार दिया जाता है.’
इस पर संजय राउत ने सामना में लिखा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में बीजेपी का एक कुत्ता भी नहीं मरा. इस टिप्पणी ने बीजेपी नेताओं को उकसाया, लेकिन खड़गे जी ने जो कहा वो सच है. नाराज होने की क्या बात है? क्या बीजेपी के पास इसका कोई जवाब है?’
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अमृता फडणवीस के ‘न्यू इंडिया का राष्ट्रपिता’ बयान पर बीजेपी असहज
संजय राउत ने कहा, ‘एक तरफ मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान ने बीजेपी को असहज कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ अमृता फडणवीस ने पीएम मोदी को न्यू इंडिया का राष्ट्रपिता कहकर बीजेपी को कर दिया असहज. संजय राउत ने कहा कि अमृता अपनी राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या बीजेपी उनके विचार का समर्थन करती है?’ बता दें अमृता फडणवीस महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी हैं जिन्होंने हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी को नए भारत का राष्ट्रपिता बताया था.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने आगे लिखा कि हर किसी को नरेंद्र मोदी का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह देश के प्रधानमंत्री हैं. लोगों ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा था. कोई नया भारत या पुराना भारत नहीं है और इसलिए नए भारत का कोई पिता नहीं है. संजय राउत ने आगे लिखा कि अब बीजेपी सावरकर पर अपना दावा ठोंक रही है, लेकिन सावरकर ने हमेशा आरएसएस का विरोध किया. गौर करने वाली बात ये भी है कि ‘नए भारत के पिता’ (नरेंद्र मोदी) ने सावरकर को सम्मान देने का कोई फैसला नहीं किया.