पॉलिटॉक्स ब्यूरो. देशभर में एनआरसी ओर सीएए के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच रविवार 22 दिसंबर को राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में शांति मार्च (Gehlot’s Peace March) का आयोजन रखा गया है. इस मार्च में वो तमाम लोग शामिल होंगे जिनका विश्वास सर्वधर्म समभाव में है, उन सभी लोगों से सीएम गहलोत ने आह्वान किया है कि सभी लोग शांति से मार्च में शामिल हों और देश को एक सन्देश दें कि ये देश संविधान की मूलभावना के आधार पर चलेगा और चलना चाहिए.
सीएम गहलोत के नेतृत्व में होने वाले इस पैदल मार्च (Gehlot’s Peace March) में केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा जिस रूप में एनआरसी ओर सीएए को लागू करने की घोषणा की गई है. उससे अनावश्यक रूप से सामाजिक सौहार्द बिगड़ गया है. देश में वर्तमान में बने हालातों के मद्देनज़र संविधान और लोकतंत्र की रक्षार्थ सर्वदलीय एवं सर्वसमाज के इस शांति मार्च में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित सीपीआई से तारासिंह सिद्धू, डी.के. छंगाणी, नरेन्द्र आचार्य, सीपीएम से श्री वासुदेव, बलवान पूनिया, जनता दल युनाईटेड से शरद यादव, जनता दल सेक्युलर से अर्जुन देथा, राष्ट्रीय लोकदल से जयंत चौधरी, के.के. सहारण, आम आदमी पार्टी से रामपाल जाट, समाजवादी पार्टी से मुकेश यादव, शैलेन्द्र अवस्थी आदि शामिल होंगे.
इसके साथ ही प्रदेश के सभी मंत्रीगण एवं जनप्रतिनिधियों को भी इस शांति मार्च (Gehlot’s Peace March) में शामिल होने के लिए सीएम गहलोत द्वारा कहा गया है. सिविल सोसाइटी से अरुणा राय, कविता श्रीवास्तव, एक्टिविस्ट्स, एनजीओ सहित सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखने वाले बुद्धिजीवी वर्ग, सामाजिक संगठन, एडवोकेट्स, डॉक्टर्स, शिक्षक, साहित्यकार, कलाकार, संजीदा वर्ग, कर्मचारी संघ, व्यापार मंडल एवं युवा इस पैदल मार्च में शामिल होंगे. सभी आमजन को जागरूक करने तथा देश के संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा के लिए अल्बर्ट हॉल से गांधी सर्किल तक ’शांति मार्च’ होगा एवं गांधी सर्किल पर गांधीजी के समक्ष सभी लोग अपनी भावना प्रकट करेंगे.
शनिवार को खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने शांति मार्च (Gehlot’s Peace March) की तैयारियों को लेकर अल्बर्ट हॉल से गांधी सर्किल तक के पूरे रूट का जायजा लिया. सीएम गहलोत ने शनिवार को एनआरसी और सीएए के खिलाफ देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश में जो हालात बने हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण है. देशभर में जो लोग हिंसा कर रहे हैं वह बहुत ही दुखद है. उत्तरप्रदेश में 11 लोगों की जान जाने की खबर आ रही है. हिंसक प्रदर्शन में लोग घायल हो रहे हैं, देश में चिंतनीय हालात बने हुए हैं. सीएम गहलोत ने सभी देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की.
किसी के बहकावे में न आकर शांति से करें CAA और NRC का विरोध: प्रदर्शनकारियों से सीएम गहलोत की अपील
बता दे कि शुक्रवार को राजधानी जयपुर में बीजेपी ने सीएए कानून के समर्थन ओर राजस्थान में इसे लागू करने को लेकर सडकों पर उतरी थी. भाजपा ने केंद्र सरकार के इस कानून को प्रदेश में भी लागू करवाने की मांग के साथ राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा. लेकिन सीएम गहलोत ने शुक्रवार को टवीट करके ये जाहिर कर दिया था कि यह यह कानून प्रेक्टिकल नहीं है ये पूरे देश में लागू नहीं हो सकता (Gehlot’s Peace March).
सीएम गहलोत ने टवीट कर कहा कि मैं कई बार कह चुका हूँ, सीएए और एनआरसी पूरे देश में लागू नहीं हो सकते ये प्रैक्टिकल ही नहीं है. विपक्षी पार्टियों के विरोध और सलाह के बावजूद बहुमत के अभिमान में CAB एक्ट तो बन गया परन्तु आज पूरे देश में सभी समुदाय के छात्र और युवा सड़कों पर क्यों उतर रहे हैं?
मैं कई बार कह चुका हूँ, #CitizenshipAmmendmentAct & #NRC पूरे देश में लागू नहीं हो सकते ये प्रैक्टिकल ही नहीं है। विपक्षी पार्टियों के विरोध और सलाह के बावजूद बहुमत के अभिमान में CAB एक्ट तो बन गया परन्तु आज पूरे देश में सभी समुदाय के छात्र और युवा सड़कों पर क्यों उतर रहे हैं?
1/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 20, 2019
इसने हिन्दू और मुसलमान सहित सभी समुदाय को सकते में डाल दिया है. यह सबको परेशान करने वाला एक्ट है. पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, राजस्थान, केरल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित आठ से अधिक राज्य इसे लागू नहीं कर रहे. एनडीए को चाहिए इसे तुरंत रिपील करे.
इसने हिन्दू और मुसलमान सहित सभी समुदाय को सकते में डाल दिया है। यह सबको परेशान करने वाला एक्ट है। पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब, राजस्थान, केरल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित आठ से अधिक राज्य इसे लागू नहीं कर रहे। एनडीए को चाहिए इसे तुरंत रिपील करे।#CAA_NRC
2/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 20, 2019
बता दें कि, जयपुर में होने वाले शांति मार्च (Gehlot’s Peace March) का मूल मकसद एनआरसी और सीएए का विरोध करना तो है ही साथ ही देश में एक संदेश भी देना है कि विरोध करने का तरीका शांतिपूर्ण भी हो सकता है. गांधी और बुद्ध के देश में हिंसा नहीं होनी चाहिए. अल्बर्ट हॉल से शुरू होने वाला यह शांति मार्च अल्बर्ट हॉल से शुरू होकर गांधी सर्किल पहुंचेगा जहां सीएम गहलोत सहित विभिन्न समाजों के प्रबुद्धजन इस मार्च को संबोधित करेंगे.