Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषि को किसानों के लिए लाभ का व्यवसाय बनाने के लिए प्रगतिशील कृषकों के साथ मिलकर नवाचार करने, जैविक तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु के आधार पर शोध कर फसल उत्पादन की सलाह देने पर जोर दिया है. इसके साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी पर लगने वाले 20 फीसदी सरचार्ज का 50 प्रतिशत पैसा गौसंरक्षण के लिए गौशालाओं को अनुदान के रूप में देने का महत्वपूर्ण फैसला भी संवेदनशील गहलोत सरकार ने किया है.
राज्य सरकार के लिए कृषि उच्च प्राथमिकता का विषय है
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास से वीसी के माध्यम से कृषि से जुड़े छह विभागों की एक साथ समीक्षा बैठक करने के बाद यह निर्णय लिया. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के लिए कृषि उच्च प्राथमिकता का विषय है, क्योंकि कृषि के विकास से ही प्रदेश और देश की तरक्की को गति मिलती है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने विभिन्न फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद का कवरेज बढ़ाने, फसल बीमा योजना को तर्कसंगत बनाने, कम पानी वाली फसलों एवं बूंद-बूंद सिंचाई और फव्वारा सिंचाई परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए अभियान चलाने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए.
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गायों के संरक्षण तथा गौ-वंश के संवर्धन के लिए लिया संवेदनशील निर्णय
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्टाम्प ड्यूटी पर देय 20 प्रतिशत अधिभार का 50 प्रतिशत हिस्सा प्रदेशभर में संचालित गौशालाओं को गायों के संरक्षण तथा गौ-वंश के संवर्धन के लिए अनुदान के रूप में देने का भी संवेदनशील निर्णय लिया. दरअसल पिछले दिनों प्रदेश भर के गौशाला संचालकों, गौवंश प्रेमियों द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर इसकी मांग की गई थी. पहले गायों के संरक्षण और गौवंश के संवर्धन के लिए स्टाम्प ड्यूटी पर 10 प्रतिशत सरचार्ज था जिसे कोरोना संकट के बाद बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. इसके साथ ही अब स्टाम्प ड्यूटी पर कुल 20 प्रतिशत अधिभार का आधा हिस्सा गौ-वंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ही व्यय करने के निर्णय से गौ-वंश के संरक्षण के लिए पूर्ववत ही फण्ड उपलब्ध रहेगा. इसके अतिरिक्त, अधिभार की शेष राशि का उपयोग विभिन्न आपदाओं एवं लोक स्वास्थ्य की तात्कालिक जरूरतों, आगजनी आदि की परिस्थितियों के प्रभाव को कम करने के लिए भी किया जा सकेगा.
फसल बीमा कंपनियों को देय 250 करोड़ रुपए का राज्यांश कृषक कल्याण कोष से देने की मंजूरी
सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए प्रीमियम के रूप में बीमा कंपनियों को देय राज्यांश के लिए 250 करोड़ रुपए का भुगतान राज्य सरकार द्वारा गठित कृषक कल्याण कोष से करने का निर्णय लिया है. साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में डिग्गी निर्माण के बकाया दायित्वों के भुगतान के लिए कृषक कल्याण कोष से 92.2 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है. इन स्वीकृतियों के बाद फसल बीमा कंपनियों को प्रीमियम और किसानों को डिग्गी निर्माण के लिए अनुदान का भुगतान जल्द से जल्द हो सकेगा.
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मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस समीक्षा बैठक में प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग, किसानों के लिए विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीजों की उपलब्धता, कृषकों को नवाचारों के लिए प्रशिक्षण देने एवं प्रोत्साहित करने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विकल्प, किसानों से फसल उत्पादों की एमएसपी पर खरीद, कृषि प्रसंस्करण और विपणन में नवाचार, जीरो बजट प्राकृतिक खेती तथा जैविक खेती, कृषि शिक्षा, उद्यानिकी में बूंद-बूंद तथा फव्वारा सिंचाई पद्धति के महत्व, प्रदेश में फलों और फूलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने तथा केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कृषि से जुड़े तीन अधिनियमों आदि विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया.
बैठक के बाद कृषि विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा ने बताया कि प्रदेश में जल्द ही राज किसान पोर्टल तैयार किया जाएगा. राज्य बजट में घोषित ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग के क्रम में विभिन्न योजनाओं और अनुदानों का लाभ लेने के लिए प्रदेश के किसान इस पोर्टल के माध्यम ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. इससे योजनाओं का लाभ लेने में किसानों को आ रही परेशानियों का त्वरित और पारदर्शी समाधान हो सकेगा.