Politalks.News/Rajasthan. कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसानों का पिछले 35 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन जारी है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ने किसान आंदोलन के समर्थन में 3 जनवरी को धरना देने का निर्णय किया है. वहीं 5 जनवरी से कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता, मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि गांव-गांव जाकर किसान बचाओ, देश बचाओ अभियान चलाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार देर शाम ढाई घण्टे चली मंत्रिपरिषद की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया. वहीं, सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच लगभग बेनतीजा रही सातवें दौर की बैठक को लेकर दुःख जताया है.
मुख्यमंत्री आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह तय हुआ कि 5 जनवरी से गहलोत सरकार के मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सप्ताहभर तक गांव-गांव जाकर ‘किसान बचाओ-देश बचाओ’ अभियान चलाया जाएगा. ये अभियान काले कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों के समर्थन में चलाया जाएगा.
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वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से तीन जनवरी को इसलिए भी धरना दिया जाएगा कि राज्य में केन्द्रीय कृषि कानूनों को देखते हुए लाए गए तीन संशोधन विधेयक और 5 एकड तक जमीन वाले किसानों की जमीन को कुर्की से बचाने वाले विधेयक को अभी तक आगे नहीं भेजा गया है. धरने के जरिए इसका विरोध जताया जाएगा. गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में पारित हुए कृषि संशोधन विधेयकों को राज्यपाल ने आज 50 दिन से ज्यादा होने के बाद रोका हुआ है, आगे राष्ट्रपति को नहीं भेजा है.
इसके साथ ही गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक में कोविड, किसानों की बिजली के मुद्दे, बजट की तैयारियों, तीन विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव और आगे की योजना और कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई. साथ ही सभी मंत्रियों से अपने-अपने विभागों में दो साल का रिव्यू करके करने के लिए भी कहा गया है. इसके साथ ही यह भी तय करने के लिए मंत्रियो से कहा गया कि कांग्रेस घोषणा पत्र के कौन कौन से कार्यक्रम उन्हें आने वाले नए साल में हाथ में लेने हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जताया दुःख
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को हुई वार्ता को लेकर देर शाम ट्वीट करते हुए लिखा कि वर्ष 2020 समाप्त होने को है और हम सब नए वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं. पूरे देश को केंद्र सरकार और किसानों के बीच बुधवार को हुई वार्ता को लेकर सकारात्मक परिणाम का इन्तजार था, ताकि किसान अपने घरों को लौट सकें और अपने परिवारजनों के साथ नव वर्ष की खुशियां मना सकें. लेकिन दुर्भाग्य से सरकार का रुख नर्म नहीं हुआ और नतीजा 4 जनवरी को एक और वार्ता के रूप में सामने आया. सीएम गहलोत ने कहा कि यह दुःख की बात है कि आंदोलन कर रहे हमारे किसान भाई-बहन नव वर्ष का स्वागत कड़कड़ाती ठंड में, खुले में, सड़कों पर अपने घरों से दूर करेंगे. सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक संवेदनशील और जवाबदेह सरकार यह कभी नहीं होने देती.