पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान की 15वीं विधानसभा का चौथा सत्र 24 जनवरी से शुरू होगा. सत्र में केरल और पंजाब की तर्ज पर नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के खिलाफ राज्य सरकार प्रस्ताव पारित करने जा रही है. बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक वाजिब अली ने सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनुरोध किया है. सीएम गहलोत भी कई मौकों पर सीएए और एनआरसी को राजस्थान में लागू नहीं करने की बात कह चुके हैं. ऐसे में सीएए के खिलाफ विधानसभा में पहले ही दिन प्रस्ताव पारित होने की प्रबल संभावना है.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 के संसद के लोकसभा व राज्यसभा दोनों सदनों में पारित होने के बाद से देश मे बवाल मचा हुआ है. इस कानून के पारित होने के बाद कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए जिनमें की लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी. सीएए पारित होने के बाद से ही मोदी सरकार और गैर-बीजेपी शासित राज्यों में ठनी हुई है. केरल और पंजाब सरकार ने तो सीएए को असंवैधानिक बताते हुए विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया है. अब राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार भी सीएए के खिलाफ राजस्थान विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने जा रही है.
विधानसभा सत्र के पहले दिन शोकाअभिव्यक्ति होगी और इसी दिन आगे के बिजनेस को लेकर कार्य सलाहकार समिति की बैठक होगी. सीएए के खिलाफ प्रस्ताव की बात करें तो सदन के भीतर कांग्रेस को लोकदल, माकपा, निर्दलीय और बीटीपी विधायकों का भी समर्थन मिल सकता है. पिछले साल बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों में से एक विधायक वाजिब अली ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र भेजकर सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया था. अली ने कहा था कि देश भर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. नागरिकता संशोधित अधिनियम 2019 संविधान की भावना के खिलाफ है और यह सामाजिक अशांति पैदा कर रहा है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार कह चुके हैं कि प्रदेश सरकार राज्य में सीएए और एनआरसी को लागू नहीं करेगी. वहीं डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इस कानून के लिए कई बार कहा है ये कानून प्रेक्टिकल नहीं है, इसलिए इसे राजस्थान में लागू नहीं किया जा सकता. मुख्यमंत्री गहलोत शुरुआत से ही इस विवादास्पद कानून के खिलाफ मुखर रहे हैं. सीएम गहलोत ने पिछले महीने सीएए के खिलाफ जयपुर में एक विशाल शांति पैदल मार्च भी निकाला था जिसमें सर्व दल एवं सर्व समाज के लोग शामिल हुए थे.
गौरतलब है कि CAA का सभी कांग्रेस सहित सभी गैर-भाजपा शाषित राज्य विरोध कर रहे हैं. वहीं बीजेपी के नेता इस कानून के समर्थन में देश भर में बड़ी-बड़ी सभाएं और घर-घर जाकर जनजागरण अभियान चलाकर इस कानून का समर्थन कर रहे है.