पॉलिटॉक्स न्यूज. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की चौथी किस्त आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जारी कर दी. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्तमंत्री ने औद्योगिक आधारभूत ढांचों का अपग्रेडेशन, कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयरस्पेस मैनजमेंट, एयरपोर्ट्स, एमआरओ (मेंटनेंस, रिपेयर-ओवरहॉल), केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सुधारों का ऐलान किया. राहत पैकेज की अंतिम और पांचवी किस्त रविवार यानी कल सुबह 11 बजे जारी होगी.
यह भी पढ़ें: कृषि व किसान को समर्पित रहा मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज का तीसरा चरण, जानिए किसको क्या मिला
आइए जानते हैं इस बार वित्तमंत्री के पिटारे से क्या कुछ निकला है…
एयरस्पेस मैनजमेंट सेक्टर
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को मौका मिलेगा, ISRO की सुविधाओें का प्रयोग भी निजी कंपनियां कर पाएंगी.
- परमाणु ऊर्जा से संबंधित सुधारों पर किया जाएगा काम, मेडिकल इक्विपमेंट के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पीपीपी मोड से कंपनियां बनेंगी और इससे मानवता की सेवा को बल मिले
- मेडिकल आइसोटोप के लिए पीपीपी नीति से उत्पादन होगा. रेडिएशन टेक्नॉलजी के माध्यम से भंडारण को बढ़ाया जाएगा जिसका फायदा कृषि क्षेत्र को मिलेगा. इस सेक्टर में स्टार्टअप को आगे बढ़ाया जाएगा.
- केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का निजीकरण होगा. इससे विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रीपेड बिजली के मीटर लगाए जाएंगे.
- बिजली क्षेत्र में सब्सिडी डीबीटी के जरिए दी जाएगी. सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 8100 करोड़ रुपये का ऐलान.
- अब बिना बताए बिजली कटने पर लगेगा कंपनी पर जुर्माना, कंपनियों का नुकसान अब उपभोक्ता को नहीं पड़ेगा झेलना, पावर सेक्टर में होंगे बदलाव, उपभोक्ताओं को मिलेंगे अधिकार
सिविल एविएशन सेक्टर
- सिविल एविएशन सेक्टर के लिए उठाए 3 बड़े कदम, समय और फ्यूल की बचत के लिए किए जा रहे उपाय, इससे करीब 1,000 करोड़ की बचत होगी.
- 6 एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यह काम करेगी. 6 एयरपोर्ट की नीलामी पहले से ही प्रक्रिया में.
- कुल 12 एयरपोर्ट की नीलामी पूरी होगी जिससे 13 हजार करोड़ का निवेश आएगा.
- मेंटनेंस एंड रिपेयर के लिए भारत में एमआरओ डेवलप करने की कोशिश होगी.
डिफेंस सेक्टर
- सरकार ऐसे हथियार, वस्तुओं, स्पेयर्स को नोटिफाइ करेगी जिसमें आयात को बैन किया जाएगा और उनकी स्वदेशी आपूर्ति की जाएगी.
- डिफेंस सेक्टर का सरकार अलग से लाएगी बजट, रक्षा उत्पादन में FDI की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई है. ऑर्डिनंस फैक्ट्री का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा.
- मेड इन इंडिया को किया जाएगा प्रमोट, अत्याधुनिक हथियार जवानों के लिए बनाए जाएंगे.
कोल-मिनरल्स सेक्टर
- मिनरल्स यानी खनिज क्षेत्र में भी होगा सुधार. अन्वेषण से लेकर उत्पादन तक निर्बाध प्रक्रिया होगी. ज्वाइंट ऑक्शन होगा. कैप्टिव और नॉन कैप्टिव माइंस की परिभाषा बदलेगी. एक मिनरल इंडेक्स भी बनेगा.
- कोयला भंडारण और दोहन क्षमता में बदलाव होगा ताकि ओपन ऑक्शन हो सकेगा. इससे निजी क्षेत्र की एंट्री होगी जिससे देश की इकोनॉमी को बल मिलेगा. करीब 50 ब्लॉक्स नीलामी के लिए रखे जाएंगे.
- कोल इंडिया लिमिटेड की खदाने भी प्राइवेट सेक्टर को दी जाएंगी. इसमें पात्रता की कोई बड़ी शर्त नहीं है. कोल सेक्टर में कॉमर्शिलय एंट्री से खनन ज्यादा हो पाएगा और सरकार का एकाधिकार खत्म होगा.
- पॉलिसी सुधार फास्ट ट्रैक इनवेस्टमेंट के लिए मेक इन इंडिया ने लोगों की सोच को बदला है. यह आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद बना है. हमें अपने उत्पादों को विश्वसनीय बनाना होगा जिससे पूरा विश्व यकीन करे.
- भारत को एक आकर्षक निवेश केंद्र बनाएंगे, डायरेक्ट ट्रांसफर को बढ़ाया जाएगा जिससे जीएसटी से कर देना आसान होगा.