Politalks.News/Congress/Delhi. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा भले ही दे दिया हो लेकिन पार्टी में राहुल गांधी के अलावा कोई और नेता अध्यक्ष बने ऐसा होने की संभावना नगण्य है. अब सवाल उठता है तो फिर राहुल अभी तक अध्यक्ष बने क्यों नहीं बल्कि अभी भी अगले साल सितंबर या उसके बाद ही ऐसा हो पाएगा. तो आपको बता दें, शुरुआती दो साल तो राहुल गांधी ने ना-नुकुर में ही निकाल दिए और उसके बाद कोरोना ने ऐसा होने नहीं दिया. हां बीच-बीच में महाराष्ट्र-बिहार सहित कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव भी रोड़ा बनते नजर आए. फिर सवाल उठता है कि अब क्या दिक्कत है, अब तो कोरोना भी ना के बराबर है और राहुल गांधी भी अंदर से तैयार हैं, तो इसका सीधा-सट्ट जवाब है देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में से ज्यादातर राज्यों में होने वाली पार्टी की संभावित हार.
आपको याद दिला दें, पिछले साल अगस्त में कांग्रेस के G-23 नेताओं के ग्रुप ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी और संगठन के सभी पदों पर चुनाव कराने की मांग की. इस चिट्ठी पर बड़ा बवाल हुआ और फिर कार्य समिति की बैठक हुई, जिसमें चुनाव का फैसला हुआ. कांग्रेस के चुनाव प्राधिकार को इस बारे में निर्देश भी दे दिए गए. लेकिन चुनाव इस नाम पर टाल दिया गया कि अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के चुनाव हैं. इन पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आते उससे पहले ही कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश में फैल गई. इसके बाद कांग्रेस ने तुरंत इसे ढाल बनाकर चुनाव टाल दिया. अब अगले साल फरवरी-मार्च में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के नाम पर कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सितंबर तक टल गया है.
पांच राज्यों में अनुकूल नहीं है कांग्रेस के लिए परिणाम!
सियासी गलियारों में जबरदस्त चर्चा इस बात की है कि अगले साल पांच राज्यों के चुनाव में भी कांग्रेस नहीं जीती तो क्या होगा? क्या फिर अध्यक्ष का चुनाव टल जाएगा और किसी दूसरे अच्छे मौके का इंतजार किया जाएगा ताकि राहुल गांधी कमान संभाल सकें? ध्यान रहे 2017 में हुए 5 राज्यों के चुनाव में कम से कम तीन राज्यों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था. 10 साल के बाद पंजाब में उसकी सरकार बनी थी और मणिपुर और गोवा में सरकार बनते-बनते रह गई. लेकिन इस बार हालात उतने अनुकूल नहीं दिख रहे हैं. संभवतः इसी वजह से चुनाव अगस्त-सितंबर 2022 तक टाला गया है.
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अभी ताजपोशी होती तो सामने खड़ी थी हार!
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पांचों राज्यों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का अनुमान जताया है और कांग्रेस आलाकमान को इस बारे में बता दिया है. इसी वजह से वे भी अभी कांग्रेस में शामिल नहीं हुए. तभी कांग्रेस में यह सोचा गया कि अभी अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनते हैं और उसके चार महीने बाद पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस हारती है तो इसे अच्छी शुरुआत नहीं माना जाएगा. इसलिए चुनाव नतीजों के बाद अध्यक्ष का चुनाव रखा गया है. लेकिन उसके तुरंत बाद दो और राज्यों, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी 2022 में ही विधानसभा चुनाव हैं.
अगस्त के बाद 10 राज्यों में कांग्रेस को है उम्मीद!
कांग्रेस के एक जानकार नेता के मुताबिक अगले साल फरवरी-मार्च के चुनावों में नतीजे चाहे जो भी आएं, अगस्त-सितंबर में कांग्रेस का संगठन चुनाव होगा और राहुल गांधी अध्यक्ष बनेंगे. उसके बाद वे लोकसभा चुनाव तक होने वाले 10 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारी करेंगे और यही राहुल गांधी की असली परीक्षा होगी. कांग्रेस के एक नेता ने यह भी कहा कि, ‘2023 में होने वाले चार राज्यों- कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव राहुल के लिए ज्यादा अहम हैं. इन राज्यों में कांग्रेस को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है, जिसके आधार पर 2024 के चुनावों की तैयारी होगी‘.