हाफ लिटरेट होने से काम नहीं चलता मिस्टर राठौड़, आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते- सदन में बरसे जोशी

निर्दलीय विधायक सयंम लोढ़ा ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव किया पेश, जिसका राठौड़ ने किया जबरदस्त विरोध, इस पर स्पीकर सीपी जोशी और राठौड़ के बीच जमकर हुई तनातनी, राठौड़ ने कहा- आप सत्तापक्ष की अंदरूनी लड़ाई को ऐसा करके ढक नहीं सकते, तो जोशी बोले- मैं अनपढ़ नहीं हूं, मैं सारे नियम जानता हूं और इन नियमों के हिसाब से ही सदन चलेगा, आपके कहने से सदन नहीं चलेगा

सत्तापक्ष की लड़ाई को ढक नहीं पाओगे- राठौड़
सत्तापक्ष की लड़ाई को ढक नहीं पाओगे- राठौड़

Speaker CP Joshi and Rajendra Rathore Clashed in the Assembly. राजस्थान विधानसभा में आज उस समय जबरदस्त हंगामा खड़ा हो गया जब सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक सयंम लोढ़ा ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया. इस दौरान राजेन्द्र राठौड़ और स्पीकर सीपी जोशी में जबरदस्त बहसबाजी हुई. आपको बता दें कि कांग्रेस में जारी अंदरूनी खींचतान के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक 81 विधायकों द्वारा बीती 25 सितंबर को देर रात स्पीकर को दिए गए सामुहिक इस्तीफों के मुद्दे को लेकर राजेन्द्र राठौड़ ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर सुनवाई जारी है. लेकिन स्पीकर के फैसले से पहले ही इस मुद्दे को राठौड़ हाईकोर्ट ले गए, जिस पर निर्दलीय विधायक ने विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने के लिए बीती 22 जनवरी को विधानसभा सचिव को निवेदन किया था. हालांकि, इसी मुद्दे पर राठौड़ और स्पीकर के बीच हुई तनातनी के बाद अब इस विशेषाधिकार हनन पर बाद में फैसला लिया जाएगा.

वहीं जब मंगलवार को विधानसभा कार्यवाही के दौरान सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक सयंम लोढ़ा ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया. जिस पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने संयम लोढ़ा को विशेषाधिकर हनन प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति दी. जैसे ही स्पीकर ने संयम लोढ़ा को बोलने की अनुमति दी, उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने विरोध किया. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि आप मेरे अधिकार को चैलेंज नहीं कर सकते. हाउस नियमों से चलता है और आप वरिष्ठ हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपके हिसाब से सदन चलाया जाए. जोशी ने अपने अंदाज में कहा कि आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते. इस पर राजेंद्र राठौड़ ने विधानसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों का हवाला दिया, तो स्पीकर ने कहा कि नियम 157 के तहत विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का पूरा प्रोसेस दिया हुआ है. मुझे अधिकार है कि मैं इन नियमों के तहत बोलने की अनुमति दे सकता हूं. इन्हीं नियमों के तहत मैंने संयम लोढ़ा को बोलने की अनुमति दी है.

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स्पीकर के जवाब पर पलटवार करते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि आप सीधे ही विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाने की अनुमति दे रहे हैं. इस पर हमें भी बोलने का मौका मिलना चाहिए. आप नियम 160 और 161 को भी देखिए. राठौड़ ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया पर नियम कॉट करने की बात कही तो उन्हें स्पीकर ने टोकते हुए कहा कि मंजूरी नहीं दे सकते. इस पर जवाब देते हुए राठौड़ ने कहा कि आप सत्तापक्ष की अंदरूनी लड़ाई को ऐसा करके ढक नहीं सकते. 13 फरवरी को हाईकोर्ट में फैसला आने वाला है और आप विशेषाधिकार पर टुकड़ों में फैसला करके क्या साबित करना चाहते हैं? विशेषाधिकार हनन पर टुकड़ों में फैसला नहीं कर सकते, यह करके आप सत्तारूढ पार्टी के भीतरी संघर्ष को नहीं ढ़क सकते.

वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने जब नियमों का हवाला दिया तो स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि मैं अनपढ़ नहीं हूं, मैं सारे नियम जानता हूं. इन नियमों के हिसाब से ही सदन चलेगा. आपके कहने से सदन नहीं चलेगा. राठौड़ ने नियम 161 का हवाला दिया तो स्पीकर ने कहा कि कंगारू जंपिंग से काम नहीं चलता, पहले नियम 160 को देखिए, मैं इसे पढ़ देता हूं. मिस्टर राठौड़ हाफ लिटरेट होने से काम नहीं चलता, पूरा पढ़ना होता है. फिर स्पीकर जोशी ने कहा की मुझे पूरा अधिकार है. नियम 160 में भी प्रावधान है कि मैं विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की अनुमति दे सकता हूं. इसके बाद आपको आपत्ति है तो आपको बोलने की अनुमति होगी. आज तो हम बहस करवा नहीं रहे हैं. इसका पूरा प्रोसेस है, उसे तो अभी कहां अपनाया जा रहा है.

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विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी यहीं नहीं रुके, जोशी ने कहा कि अभी लोगों को पता नहीं है कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव कैसे लाया जाता है. राजेंद्र राठौड़ कहते हैं वैसे विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव नहीं आता है. इसलिए मैंने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को अनुमति दी है, इस पर आगे बहस होगी. सबको बोलने का वक्त मिलेगा. मैंने केवल बोलने का मौका दिया है. अगर आपको आपत्ति है तो आपको भी बहस के वक्त बोलने का मौका दिया जाएगा, लेकिन अभी नहीं.

हाईकोर्ट इस विधानसभा को कैसे डिक्टेट कर सकता है?- संयम
वहीं निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने सदन में कहा कि क्या इस सदन में बैठकर हम लोग अपने ही सदन को कमजोर करने का काम करेंगे? क्या राजस्थान हाईकोर्ट विधानसभा को डिक्टेट करेगा? क्या विधानसभा में हमारे सवाल का जवाब नहीं आएगा तो क्या हाईकोर्ट जाएंगे? हाईकोर्ट में किसी मामले का फैसला नहीं हो तो क्या विधानसभा कहेगी कि फैसला कीजिए? विधानसभा जब यह नहीं कह सकती तो हाईकोर्ट इस विधानसभा को कैसे डिक्टेट कर सकता है? संयम लोढ़ा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ के आचरण ने सदन को अपमानित किया.

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