Politalks.News/Bharat.केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों पर देशभर में हंगामे के साथ विरोध प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को किसान संगठनों ने देशव्यापी भारत बंद का आव्हान किया लेकिन पंजाब, हरियाणा और यूपी में कुछ हिस्सों में किसानों का प्रदर्शन अधिक देखने को मिला. यहां किसान संगठनों ने सड़कों पर ट्रैक्टर लगाकर सड़कों को जाम कर दिया, जबकि पटरियों को टैंट लगाकर अपना घर बना लिया. यहां किसानों ने साफ तौर पर कहा कि गोली खाने को तैयार हैं लेकिन पीछे हटने को तैयार नहीं. इधर, पंचकूला में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढून ने कहा कि या तो सरकार फैसला वापस ले ले या किसानों को गोली मरवा दे. हरियाणा में तो ये हाल है कि कृषि बिलों के विरोध में ग्रामीण इलाकों में बीजेपी और जजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की एंट्री कर बंद हो गई है.
संसद में पास किए गए कृषि विधेयकों के विरोध में भारत बंद के आह्वान का शुक्रवार को हरियाणा में खासा असर देखने को मिला. प्रदेशभर में सुबह से ही प्रदर्शन शुरू हो गया. सैकड़ों किसान धरना प्रदर्शन में पहुंचे. किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है. सिरसा में कई जगह रोष प्रर्दशन किए गए. ऐलनाबाद में हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर किसानों ने रोड जाम किया. जिले के गांव आनंदपुर जलबेड़ा में किसानों की तरफ से सीधे तौर पर भाजपा और जजपा के विरोध में बैनर लगा दिए.
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पंजाब में तो 24, 25 और 26 यानि 3 दिन का बंद बुला रखा है. इसके साथ ही देशभर के संगठनों ने 25 सितंबर के राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी. पंजाब में 24 सितंबर से ही किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं. राज्य में 200 जगह विभिन्न संगठनों की तरफ से प्रदर्शन किए जा रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान अंबाला से अमृतसर और जम्मू जाने वाले रेलवे ट्रैक पर बिस्तर बिछाकर लेटे हुए हैं. पुलिस बल वहां तैनात है. पुलिस उन्हें रोक नहीं रही है, लेकिन रेलवे ट्रैक पर बिस्तर बिछाते वक्त उन्हें बिजली के खंभों व तारों से दूर होकर बैठने की सलाह जरूर दी जा रही है.
पंजाब के करीब 31 किसान संगठन और राजनैतिक पार्टियां इस बंद को समर्थन कर रही हैं. दूधियों ने भी सप्लाई बंद रखी हुई है जिससे शहरों में दूध, सब्जियों आदि की सप्लाई प्रभावित हुई है. इसके अलावा अमृतसर, फिरोजपुर, नाभा और बरनाला समेत कई जगह रेल ट्रैक बंद हैं. बीते दिन किसानों ने ट्रैक पर टैंट लगाकर धरने दिए थे, अब इन्हें पक्के धरने का रूप दे दिया गया है.
पंजाब रोडवेज कर्मचारियों की यूनियन और निजी बस ऑपरेटरों ने आंदोलन को समर्थन दिया है. आज पंजाब में सरकारी व निजी बसों का संचालन भी नहीं हो रहा. उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदेशवासियों से अमन कानून की स्थिति को बनाए रखने और सभी राजनीतिक पार्टियों को संकीर्ण राजनैतिक हितों से ऊपर उठने का आह्वान किया है.
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इधर, भाजपा के समर्थित किसानों ने कुरुक्षेत्र में ट्रैक्टर रैली निकाल कृषि बिलों का समर्थन किया. भाजपा नेताओं ने कहा कि बिलों को कानूनी रूप मिलने से उनको अपनी फसल, अपनी मर्जी के भावों पर देश भर में बेचने की आजादी मिलेगी. यह बात किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले को हजम नहीं हो रही है. सरकार ने मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था बहाल रखने की बात कहकर किसानों के हित में निर्णय लिया है. बीजेपी नेता जसविन्द्र बहादुरपुरा ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.